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Stories related to yaariyan by harf cheema

Happy Singh

#yaariyan

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Manpreet

yaariyan

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aditi the writer

#Dil आगाज़ vineetapanchal Niaz (Harf) @it's_ficklymoonlight

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White दिल मेरा टूटा, एक ख़ामोश साज़ हुआ,
सपनों का महल अब वीरान आज हुआ।
कभी धड़कनें थीं जो गीतों की तरह,
अब उनमें बस सन्नाटों का राज हुआ।

वो हंसी, वो बातें, सब खो गईं कहीं,
आंखों में अब सिर्फ़ नमी की बस्तियां बसीं।
वो जो कभी सबसे अपना था,
आज अजनबी सा हर अंदाज़ हुआ।

धोखे की चुभन, वादों की राख,
दिल की गलियों में अब दर्द की है रात।
सपनों का आंगन बिखर गया जैसे,
वफ़ा की जगह अब बेवफाई का साथ हुआ।

पर टूटा दिल भी एक सबक सिखा गया,
कि दुनिया की राह में कौन अपना, कौन पराया।
घाव भले गहरे हों, भर जाएंगे कभी,
और ये टूटा दिल भी फिर नया साज़ हुआ।

©aditi the writer #Dil  आगाज़  vineetapanchal  Niaz (Harf)  @it's_ficklymoonlight

aditi the writer

#Couple आगाज़ Niaz (Harf) @it's_ficklymoonlight

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Dr.Pooja Gaikwad

#love_shayari awi tiwari Niaz (Harf)

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White तुझ्या असण्याची सवय आता इतकी झाली आहे..
तुला आताच भेटले,
हे खरचं पटत नाही..

तुझें दूर असणे कदाचीत जास्त त्रास देते,
भेटीची ओढ तुझी,
आता मात्र आठवणीं मधेच घेते...

तू कमी मात्र तुझे डोळेच फार काही बोलतात,
तुझ्यापेक्षा आता,
तुझें भासच जास्त छळतात...

तुझ्या माझ्या मधले अंतर जरा जास्त आहे,
नसूनहीं जवळ तू,
मनात मात्र कायम तूच राहे...

दिवास माघे दिवस, दिवस सारे सरत गेले,
तू माझा, तु माझा महणता महणता
मीचं तुझी होत गेले..

तुझ्या प्रत्येक दुःखात, धीर देईल मी तुला 
फक्त साथ देशील कायम तु,
हेचं वचन हवंय मला 
हेचं वचन हवंय मला...

©Dr.Pooja Gaikwad #love_shayari  awi tiwari  Niaz (Harf)

aditi the writer

#दर्पण आगाज़ Niaz (Harf) vineetapanchal shraddha.meera

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White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया

दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया,
चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया।
आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे,
जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे।

चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी,
आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी।
जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को,
भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो।

सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे,
दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे।
असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती,
ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती।

अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई,
ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई।
चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है,
दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है।

©aditi the writer #दर्पण  आगाज़  Niaz (Harf)  vineetapanchal  shraddha.meera
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