Find the Latest Status about छतिया पहाड़ लागे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, छतिया पहाड़ लागे.
Rakesh frnds4ever
White आ चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी गुलजार हो मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़ झरने कुदरत की बेपनाह मोहब्बत को ताजगी ,सादगी, खूबसूरती से बड़े चाव से, प्यार से ,अपनेपन से प्रदर्शित कर रहे हो आ चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चले यहीं यहां कुदरत हो ,,,,,,,,,,हम तुम हो मौसमें बहार हो दिल का करार हो प्रकृति ओर प्रकृति की रचनाओं से घिरा हमारा छोटा सा संसार हो जो इस दुनिया/इस जहान,,,,,,,,, से पार हो ,,... ©Rakesh frnds4ever #आ #चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी #गुलजार र हो #मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़
संस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
नजर न लगे हमारे क्रिशु को बार बार तरु नजर है उतारती जाये Lots of love krishu 🧿☺️🫠♥️🥰🤗 Real pic . . स्वरचित रचना नयन विधा
read morePrakhar Tiwari
White **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सिर, अभिमान में वो गुमसुम, कभी खुद को समझे शेर, पर भीतर से है वो खामोश। चमकती कार, महंगी घड़ी, सपनों की ऊँचाई पर, सोचता है वो सबसे बड़ा, पर खुद की परछाई से डरता। सच की एक बूँद टपकी, जब सामने आया आईना, अभिमान के सारे पहाड़, धड़कन में बिखरे ख्वाब। तोड़ दो उसकी कड़ी, सच्चाई से कर दो सामना, एक झलक में ही वो समझेगा, बिना भाव के भी है जीना। इस दुनिया की चकाचौंध में, उसकी शक्ति नहीं, मानवता है, अभिमान की ऊँचाई को छूकर, वो फिर से इंसानियत पाएगा। ©Prakhar Tiwari #sad_quotes **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सिर, अभिमान में वो गुमसुम, कभी खुद को समझे शेर, पर भीतर से है वो खामोश। चमकती क
#sad_quotes **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सिर, अभिमान में वो गुमसुम, कभी खुद को समझे शेर, पर भीतर से है वो खामोश। चमकती क
read moreGoluBabu
हमें दूसरे लोग कहते हैं कि आप राम नाम इतना क्यों लेते रहते हो तो देख लो आप। कबीर साहेब की एक वाणी है:- बिना भजन तेरे काम नहीं आवे संतो शरन ल
read moreमिहिर
White पहाड़ नदिया झरने और जंगल सदियों लड़ें है हम इनसे हमे शहर बसाना था काट कर ही जंगल और पहाड़ हमें अपना घर बनाना था नही रहना था हमें पेड़ शेर और सांपों के बीच हमें था डर ये हमें मारेंगे इस डर से हमने जंगल को खेत बनाया खेतों को उजाड़ गांव बसाया गांवों को उखाड़ शहर बसाया अब जब जंगल में जंगल का कुछ रहा नही पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं फिर क्यों शहरो से निकलते हो अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !! ©मिहिर #पहाड़
Bhupendra Ganjam
White दुःखों के पहाड़ के आगे आप का दुसरों के लिये रवैये कैसा रहता है, " ये मत पूछो की प्यार में हर कोई आशिक pagal होता है.. " ©Bhupendra Ganjam दुःखों के पहाड़ के आगे आप का दुसरों के लिये रवैये कैसा रहता है, " ये मत पूछो की प्यार में हर कोई आशिक pagal होता है.. " #nojohindi #VAIR
दुःखों के पहाड़ के आगे आप का दुसरों के लिये रवैये कैसा रहता है, " ये मत पूछो की प्यार में हर कोई आशिक pagal होता है.. " #nojohindi VAIR
read moreHimanshu Prajapati
हल्का भोजन हल्का मन, पेट खाली दिमाग भ्रम, फ्री का पाकर खाने में काहे का लागे शर्म..! ©Himanshu Prajapati #Funny हल्का भोजन हल्का मन, पेट खाली दिमाग भ्रम, फ्री का पाकर खाने में काहे का लागे शर्म..! #hpstrange #36gyan
#Funny हल्का भोजन हल्का मन, पेट खाली दिमाग भ्रम, फ्री का पाकर खाने में काहे का लागे शर्म..! #hpstrange #36gyan
read more