Find the Latest Status about मराठवाड़ा बारिश from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मराठवाड़ा बारिश.
foodie_shayar
मुझे बारिश नहीं पसंद मुझे बारिश मैं तुम मुझे चाय नहीं पसंद मुझे चाय के साथ तुम कभी मिलो तो बताऊं देलेहाल अपनी मुझे पसंद हो तो हर जगह तुम ©dr.immu बारिश #बारिश #शायरी
smriti
पलटी है मेघों की गगरी, गगन-मगन हो हुआ दीवाना। प्यासी धरती तृप्त हुइ ज्यो,भर जाये खाली पैमाना। बारिश#बारिश #शायरी @smriti
Sakshi Dubey
बारिश Wo use barish kai intezaar mai khud ko chup kr hum par ilzaam liye baithe hai Tumhe dakhte he dil ka kho jana qu ho gya yh bas yhi ek paigaam liye baithe hai Mujhe intezar hai use barish ka fir se bas yhi galatfahmi sarey aam liye baithe hai #बारिश #बारिश का इन्तजार
vijay bhan singh
हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम और ये दूरी 😂 उफ ये बारिश !!! बारिश!!!
उफ ये बारिश !!! बारिश!!!
read moreआला चौहान"मुसाफ़िर"
टपकती नहीं छतें अब मैं तर-बतर नहीं होता कौन कहता है कच्ची दिवार में घर नहीं होता मैं बारिश को झेल लेता था मुट्ठी में अपनी बारिश तो होती है बस वो मंज़र नहीं होता खुद को बंद किए बैठा हूँ चार दिवारी में किराए के मकां में अपना कोई दर नहीं होता पानी भी बह जाता है वहाँ अपनी ही मौज में गाँव में आँगन होता है आँगन में गटर नहीं होता बैचेन हो उठता है आला बादल को देखकर बादल तो होते हैंबादल का असर नहीं होता पहली बारिश #बारिश #nojoto #nojotohindi
पहली बारिश #बारिश nojoto #nojotohindi
read moreSamEeR “Sam" KhAn
बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, महसूस हुआ तुम आए अंदाज़ तुम्हारे जैसे था, हवा के हल्के झोंके ने जब आहट पाई खिड़की पर, महसूस हुआ तुम गुजरे एहसास तुम्हारे जैसा था, मैने गिरती बुंदो को रोकना चाहा हाथो पर, एक सर्द सा फिर एहसास हुआ लमश् तुम्हारे जैसा था, तन्हा मै चला बारिश मे तब एक झोंकों ने साथ दिया, मै समझ तुम हो मेरे साथ वो साथ तुम्हारे जैसा था, फिर रुक गई के बारिश भी रही ना बागी आहटें भी, मै समझा तुम मुझे छोड़ गये अंदाज़ तुम्हारे जैसा था, ©SamEeR “Sam" KhAn #बारिश
SarkaR
तुम बारिश की वो बूंद हो जिसे हम हर वक्त अपने चेहरे पर महसूस करते है। ©SarkaR #बारिश
Kuldeep Shrivastava
बारिश इसलिए भी होती है ताकि जिन पौधों को कोई पानी नहीं देता वे भी जीवित रह सकें | ईश्वर की अवधारणा भी इससे अलग नहीं है ..|| 🌧 ©Kuldeep Shrivastava #बारिश
Raj Alok Anand
उस बारिश की हर बूंद का हिसाब रखा हुआ है जब साथ भीगे थे हम। हाथ पकड़ चलते हुए तुमने खींच लिया था अचानक गुलाब की डाली के करीब से हौले से छू गई वो पत्तियां आज भी हरी हैं वहां। एक बूंद जो पलकों पर ठहर गई थी उस पल आज भी अटकी हुई है एक झालर बनाई है उसने अनगिनत मोतियों की। उस एक बूंद में नमी थी मेरे टूटे हुए अतीत की जिसे चुनकर तुमने सिरहाने रख लिया था मीठी हो गई थी जो सुबह। उस एक बारिश ने साथिया बंजर मन को हरा कर दिया अब वहां फूल खिलते हैं जिनसे बूंद बूंद इश्क झरते हैं ©Raj Alok Anand #बारिश