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नवनीत ठाकुर
चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का समंदर, साहिल न हो सका। ज़ख़्मों ने मुझे सीखा दिया सब्र का हुनर, पर दर्द था जो, दिल से ज़ाहिर न हो सका। हर ग़म को सीने से लगाया ख़ुशी समझ, मगर वो, हक़ीक़तों में क़ाबिल न हो सका। अरमान थे चाँद छूने के, मगर ऐ दिल, जो पास था भी, वो हासिल न हो सका। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम
#नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Unsplash फासलों से गुरेज क्या करना,फासले कुर्बते बढ़ाते है, बात तो सही है,अक्सर ये हिजरते भी कराते है//१ मेरी कुर्बानिओं को भुलाकर अब मुझपे ऊँगली उठाते है, लोगो ये नफरतों के आलम कैसे कैसे मन्सुबे बनाते है//२ बारहा लज्जतें तो उल्फत मे ही बरकरार रही है,हरसु वो खुदको बड़गर बताकर्,दूसरों को कमतर बताते है//३ या रब शादाब रख उनको जो जमीर से ज़िंदा है, ये बेजमीर वाले तो इंसानियत को हद पार रुलाते है//४ देखा है"शमा"ने नफरतों मे फासला ए हिजरतों को, रब्बा वो लोग कहाँ है जो खुलुस से दस्त मिलाते है//५ #Shamawritesbebaak १२/१२/२४ ✍️ ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #traveling #nojoto #life #new #viral #post #trending फासलों से गुरेज क्या करना,फासले कुर्बते बढ़ाते है,बात तो सही है,अक्सर ये हिजरते भी कराते
#traveling nojoto life #New #viral #post #Trending फासलों से गुरेज क्या करना,फासले कुर्बते बढ़ाते है,बात तो सही है,अक्सर ये हिजरते भी कराते
read moreSarfaraj idrishi
Book quotes एक रात एक बात लिखेंगे हर कोई पढ़ सके एतना साफ लिखेंगे। कोई जज़्बात नहीं अपने ही अरमान लिखेंगे। हसीन आलम नहीं अपने ही हालात लिखेंगे. बहुत शिकयत है हमें तुझसे एक जिंदगी। अब तेरे बारे में मैं भी एक किताब लिखूंगा। लिखते-लिखते ख़तम ना हो जाए ये जिंदगी एक ही शब्द है मैं पूरी कायनात लिखूंगा... ©Sarfaraj idrishi एक रात एक बात लिखेंगे. हर कोई पढ़ सके एतना साफ लिखेंगे। कोई जज़्बात नहीं अपने ही अरमान लिखेंगे। हसीन आलम नहीं अपने ही हालात लिखेंगे. बहु
एक रात एक बात लिखेंगे. हर कोई पढ़ सके एतना साफ लिखेंगे। कोई जज़्बात नहीं अपने ही अरमान लिखेंगे। हसीन आलम नहीं अपने ही हालात लिखेंगे. बहु
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