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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी रोरी चन्दन और अक्षत लगे ललाट पर मंगल मेरे भईया का हो चढ़े शिखर वो कामयाबी का लाखो में बस एक मेरा भईया हो शुभकामनाएं बहनों की पाकर बाल भी बांका ना भईया का हो लाख लडू और खटपट हो मेरी भईया से मगर गैरो के मुँह से,बुराई ना सह सकू भईया की मुझ पर नही आने देते कोई मुसीबतों मेरी रक्षा का भार उठाते मेरे भईया जी प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Bhai_Dooj मंगल मेरे भैया का हो
#Bhai_Dooj मंगल मेरे भैया का हो
read moreAjay Garg
White मेरे देश में हैं भेष कई सभी के मन में हैं द्वेष कई, मेहनत करता यहां किसान है, अपनों से बिछड़ता हर इंसान है, स्मार्ट होने का यह युग है, लोग कहते हैं यही तो कलियुग है, धर्म का यहां शोर है, भर्म का न कोई तोड़ है, खैर समझाने के हम हकदार नहीं, अपनों से यहां कइयों को प्यार नहीं, खुले बाजार में बिकती यहां जवानी भी है, देश के लिए कुर्बान होती कहानी भी है समेटने को यहां यादें भी है, भूल जाने वाले वादे भी है। फिर भी देश यह हसीन है। ©Ajay Garg #quit_india_movement #मेरादेश #भारत #भारत🇮🇳 #किसान_का_सम्मान_करो
#quit_india_movement #मेरादेश #भारत #भारत🇮🇳 #किसान_का_सम्मान_करो
read moreShiv Narayan Saxena
White कौड़ी दाम लगे नहीं, फिर कैसा इनकार। खुली ऑंख होता नहीं, सपनों का व्यापार।। रहो कहीं तुम प्यार में, मिला करो इकबार। सफल निरापद लोक में, सपनों का व्यापार।। कुसुम कली कच्ची अभी, तितली लख मंडराया। विकसित कुसुम नहीं कली, भंवरा नहिं निअराय।। प्रेम जगत में सार है, प्रेम-शक्ति अन् अन्त। मर्यादित हो प्रेम तो, प्रेम रुप भगवन्त।। ©Shiv Narayan Saxena #love_shayari सपनों का व्यापार.
#love_shayari सपनों का व्यापार.
read moreRajesh Kumar
दिल में इतना दर्द है कि मैं कह नहीं सकता दर्द ने हद पार किया अब मैं सह नहीं सकता याद करता हूं मैं जब तेरी बातों को पल भर में काटता हूं लंबी रातों को तू ही मेरी धड़कन है तू ही मेरी सांस है दूर होके भी लगती है तू मेरे पास है एक पल भी तेरे बिन अब मैं रह नहीं सकता दर्द में हद पार किया अब मैं सह नहीं सकता दिल में इतना दर्द है कि मैं कह नहीं सकता दर्द ने हद पार किया अब मैं सह नहीं सकता ©Rajesh Kumar मेरे दिल का दर्द तुम क्या जानोगे
मेरे दिल का दर्द तुम क्या जानोगे
read moreAshok Verma "Hamdard"
White *गज़ल* *मुखड़ा 1-* आपकी याद आती है रात भर, क्यों तुम जगाती हो रात भर। दिल को सुकून ना आता कभी, चुपके से रुलाती हो रात भर। *अंतरा 1-* चांदनी की तरह तुम खामोश, पर आग लगाती हो रात भर। ख्वाबों में आकर मुस्कुराती, फिर से कसमसाती हो रात भर। *अंतरा 2-* तुम्हारे बिन दिल खाली सा है, तन्हाई सजाती हो रात भर। आंसू छुपाकर यूं सो जाते, पर तुम याद आती हो रात भर। *अशोक वर्मा "हमदर्द"* ©Ashok Verma "Hamdard" रात सपनों में आती है
रात सपनों में आती है
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