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Danish M
"इश्क हुआ इजहार करते दूध का दांत टूटा नहीं Zamane से टकराने की बात करते 😃💖" #danishm #dailyquotes #quotestagram
read moreRaviraaj
अंधेरी रातों में! भटकना बाकी है, तड़पना बाकी है, मचलना बाकी है। छत की सीढियों से, दिल की दीवार से उछलना बाकी है।। समेट लेता हु यादों को दिल में। कमबख्त इजहार अभी बाकी है।। अंधेरी रातों में! भटकना बाकी है।। ©Raviraaj #इजहार बाकी है।
#इजहार बाकी है।
read moreHimanshu Prajapati
White एक गजलें हुस्न सुना था मैंने एक गजलें दीदार कर बैठा, एक झलक ऐसी हुई एक गजलें इजहार कर बैठा..! ©Himanshu Prajapati #sunset_time एक गजलें हुस्न सुना था मैंने एक गजलें दीदार कर बैठा, एक झलक ऐसी हुई एक गजलें इजहार कर बैठा..! #hpstrange #36gyan स्वामी विवे
#sunset_time एक गजलें हुस्न सुना था मैंने एक गजलें दीदार कर बैठा, एक झलक ऐसी हुई एक गजलें इजहार कर बैठा..! #hpstrange #36gyan स्वामी विवे
read moreKK क्षत्राणी
कभी तो खुद को महसूस करो.. खुद से प्यार करो.. कट जायगी इसे कहीं तो रोक कर खुद से इजहार करो..
read moreJashanpreet kaur
White तुम से मोहब्बत का इजहार कर बैठे सुना था इश्क गुना हैं जाने -अनजाने हम वो गुना कर बैठे। ©Jashanpreet kaur #GoodMorning तुम से मोहब्बत का इजहार कर बैठे सुना था इश्क गुना हैं जाने -अनजाने हम वो गुना कर बैठे। Aaj Ka Panchang motivational shayari H
#GoodMorning तुम से मोहब्बत का इजहार कर बैठे सुना था इश्क गुना हैं जाने -अनजाने हम वो गुना कर बैठे। Aaj Ka Panchang motivational shayari H
read moreParasram Arora
White तुमने कभी घुट घुट कर किसी को रोते हुए देखा है?. खुल कर रोने मे आंसू बहते हैँ. जबकि घुट घुटकर रोने वाला आंसू नही बहाता जबकि बहने वाले आंसुओ को या तो खुद पी जाता है या उसे अपने भीतर ही बहा देता. है ©Parasram Arora घुट घुट कर
घुट घुट कर
read moreofficial___shayer___rjs
हम जैसा इश्क़ उसे कोई नही कर सकता। फिर अपनी मुहब्बत पर नाज़ नही करते। रोज सोचतें हैं हाल ऐ दिल बयां कर ही दें। फिर सोचते हैं आज नही करते। ©pirem pal Singh po इजहार शायरी, गालीब दीवान #love #shayeri #dilse
आगाज़
White **नहीं करना इज़हार मुझे** नहीं करना इज़हार मुझे, इन ख़ामोश धड़कनों का। जो दिल में उठती है लहरें, उन्हें लफ्ज़ों में समेटना नहीं है। तुमसे कुछ कहने की चाह में, खुद से ही लड़ता हूँ मैं। पर ये ख़ामोशी बेहतर है, इसे ही जीता हूँ मैं। तुम्हारी मुस्कान में छिपी कहानियाँ, मैं बिन कहे पढ़ता हूँ। मगर अपनी आंखों की बातें, कभी तुमसे न कहता हूँ। कभी डर है कि तुम समझ न पाओ, कभी डर है, शायद तुम दूर हो जाओ। इसलिए हर बार चुप रहता हूँ, नज़रें झुका लेता हूँ, सब सहता हूँ। नहीं करना इज़हार मुझे, क्योंकि शायद ये बेहतर है। चुप रहकर देखता हूँ तुम्हें, ये एहसास ही गहरा है। ©आगाज़ #इजहार aditi the writer amit pandey DASHARATH RANKAWAT SHAKTI Kamaal Husain
#इजहार aditi the writer amit pandey DASHARATH RANKAWAT SHAKTI Kamaal Husain
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