Find the Latest Status about हल्ले का दुपट्टा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हल्ले का दुपट्टा.
Anjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreashita pandey बेबाक़
कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
read moreAnjali Jain
White सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते, अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और स्वयं प्रसन्न रहें!! ©Anjali Jain #sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार
#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार
read moreRam Yadav
White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया, सांसों की मोहलत खरीदने के लिए ।।।।।।।।। अफसोस,, समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला, एक कतरा सांस के लिए ।।।।।।🥹।।।।।।। सारी किताबें लिखी पड़ी है अमर होने का वरदान मांगने वालों से । पता नहीं, अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं ।।।।।।।।।।। ©Ram Yadav #love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म
#love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म
read morepunit shrivas
जब एक मन दूजे मन का हुआ ही नही फिर मन की बातो को मन में ही रहने दो पुनीत कुमार नैनपुर ©punit shrivas #DiyaSalaai आज का विचार आज का विचार अच्छे विचारों अनमोल विचार आज का विचार सुप्रभात
#DiyaSalaai आज का विचार आज का विचार अच्छे विचारों अनमोल विचार आज का विचार सुप्रभात
read more#काव्यार्पण
White 1222 1222 122 है आलीशान घर आँगन नहीं है , दुपट्टा है मगर दामन नहीं है । पहुँचना चाहती हूं उस खुदा तक ,पहुँचने का कोई साधन नहीं है। हमें बाहों में लेने से क्या होगा, जिसम तो है हमारा मन नहीं है। महज सिंदूर ही तो भर रखा है, सुहागन कर दे जो साजन नहीं है। हमें यूं देख कर तन्हा वो जालिम, सुकूं से है कोई शिकवन नहीं है। सिले हैं होंठ मैंने जब से अपने, किसी से अब कोई अनबन नहीं है। बड़े चैन- ओ- सुकूं से रहती हूं अब,है दिल लेकिन मेरी धड़कन नहीं है। उसे शर्माना अब आता कहां है ,तवायफ है कोई दुल्हन नहीं है। मेरी तकदीर में ही वो लिखा है , जिसे पाने का कोई मन नहीं है। रकीबों की कहानी तुम कहो बस,वो बहना है मेरी सौतन नहीं है। हमारे पास हैं जज्बात केवल, हमारे पास काला धन नहीं है। वो कैसा है बता पाना है मुश्किल ,जुबां तो है मगर वरनन नहीं है। हमारे प्यार के हम ही हैं दुश्मन, अऔर दूजी कोई अर्चन नहीं है । दुआओं की तलब होती है अक्सर, दुआओं से भरा दामन नहीं है। प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर ©#काव्यार्पण दुपट्टा है मगर दामन नहीं है : प्रज्ञा शुक्ला #गजल #kavyarpan #काव्यार्पण #Sad_Status poetry for kids Extraterrestrial life urdu poetry h
दुपट्टा है मगर दामन नहीं है : प्रज्ञा शुक्ला #गजल #Kavyarpan #काव्यार्पण #Sad_Status poetry for kids Extraterrestrial life urdu poetry h
read more