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Vasundhara nautanki TV
Ashtvinayak
मैं प्रयास कर रहा हूं... #HeartfeltMessage कविता कोश हिंदी कविता कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
White अब वो घस्ति लड़कियाँ भी करवाचौथ का वृत रखेगी जिनके हर महीने चाँद बदलते हैं! fuckin Characterless Generation ©ਸੀਰਿਯਸ jatt मैं तो बस ये सोच रहा हूँ जिसके घर जायेगी साली बर्बाद कर देगी!
मैं तो बस ये सोच रहा हूँ जिसके घर जायेगी साली बर्बाद कर देगी!
read moreManmarzi Shayar
White नाराज़ होने पर कर तो दूँ मैं भी ब्लॉक उनको.... पर ये सजा भी तो मेरे लिए ही होगी.... ©Manmarzi Shayar #Sad_Status नाराज़ होने पर कर तो दूँ मैं भी ब्लॉक उनको.... पर ये सजा भी तो मेरे लिए ही होगी....
#Sad_Status नाराज़ होने पर कर तो दूँ मैं भी ब्लॉक उनको.... पर ये सजा भी तो मेरे लिए ही होगी....
read moreAshraf Fani
White अच्छी ज़िन्दगी का सामां न कर सका मैं ख़ुद से ख़ुद पे एहसां न कर सका ©Ashraf Fani अच्छी ज़िन्दगी का सामां न कर सका मैं ख़ुद से ख़ुद पे एहसां न कर सका #Sad_Status #Sad_Status
अच्छी ज़िन्दगी का सामां न कर सका मैं ख़ुद से ख़ुद पे एहसां न कर सका #Sad_Status #Sad_Status
read moreSethi Ji
White 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 💗 होंठों में बात , दिल में जज़्बात 💗 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 होंठों में बात , दिल में जज़्बात रखता हूँ मैं अपनी आँखों में चाँद की रात रखता हूँ आज भी तड़पता हूँ तुमसे मिलने को मैं अपनी अल्फाज़ो में हमारी पहली मुलाक़ात रखता हूँ आज भी कई लोग मरते है मेरी अदाओं पर मैं अपनी जवानी में ऐसे हालात रखता हूँ लोग खो जाते तन्हा रातों में , मैं तन्हाई में अपना सुकून पाता हूँ महबूब की बेवफाई में लिखने का जूनून पाता हूँ वोह एक दम अकेले हो गए हमसे जुदा हो कर और मैं तुम्हारी लहराती हुई यादों में तारों की बारात रखता हूँ 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 ©Sethi Ji कोई मुझसे पूछे इश्क़ की खासियत मैं तुम्हारा ख्वाब लिखूं दूँ ज़रा देखो मेरी तरफ गौर से मैं तुम्हारी आँखों पर किताब लिख दूँ ।। बहुत ज़ुल्म ह
कोई मुझसे पूछे इश्क़ की खासियत मैं तुम्हारा ख्वाब लिखूं दूँ ज़रा देखो मेरी तरफ गौर से मैं तुम्हारी आँखों पर किताब लिख दूँ ।। बहुत ज़ुल्म ह
read moreहिमांशु Kulshreshtha
इन सर्द रास्तों पर कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं एक खौफनाक अंधेरा है पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए बहा ले जा रही है मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख हथेलियों में समेट रहा हूँ बारिशें पर ये टिकती नहीं सर्द हवाएँ अंदर तक कुरेद रही है मुझे मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश अपने अंदर के शोर को साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं … मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर मिटाना चाहता हूँ जिंदगी की पगडंडियों से गुजरती तुम्हारी यादें भूलना चाहता हूॅं तुम्हारी खनकती हँसी खुद को… यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं तुम नहीं हो अब …. तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम इन भीगी हुई हथेलियों के बीच गुनगुनी छुअन बन कर सुनसान सड़क पर रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ मेरे साथ नहीं हो तुम मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम. ©हिमांशु Kulshreshtha मैं...
मैं...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मै ही रहा मन से दग्ध और देह से शापित दर्द उगता है दिल में तेरी यादों के जालों से घिरा रहता हूँ मैं अकुलाता उमड़ते ज्वार सा ©हिमांशु Kulshreshtha मैं....
मैं....
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