Nojoto: Largest Storytelling Platform

New छत पर चलो, वहाँ हम दोनों कोई खेल खेलेंगे Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about छत पर चलो, वहाँ हम दोनों कोई खेल खेलेंगे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, छत पर चलो, वहाँ हम दोनों कोई खेल खेलेंगे.

Stories related to छत पर चलो, वहाँ हम दोनों कोई खेल खेलेंगे

Kuldeep KumarAUE

#love_shayari जब हम मिले जब तुम मिले तब हम दोनों एक हुए हैं #kuldeepkumaraue

read more
White जब हम मिले जब तुम मिले 
 तब हम दोनों एक हुए हैं

©Kuldeep KumarAUE #love_shayari जब हम मिले जब तुम मिले 
 तब हम दोनों एक हुए हैं #kuldeepkumaraue

ਸੀਰਿਯਸ jatt

खेल खेल में चोद दिया! 🤣🤣🤣

read more

neelu

White अगर सब आपस में खेल खेलेंगे
 तो ...जीतेगा कौन

©neelu #sad_quotes #अगर सब #आपस में #खेल #खेलेंगे तो #जीतेगा कौन

F M POETRY

#जब छत पे तुम....

read more
White जब छत पे तुम आ जाते हो ज़ुल्फ़ों को बिखेरे..

चाँद आता है दीदार ही करने को तुम्हारे..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #जब छत पे तुम....

Nurul Shabd

Dhaneshdwivediwriter

#Books चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। #BooksBestFriends #Stories कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं

read more
चलो, किताबों के इस सफर पर,  
हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग।













.

©Dhaneshdwivediwriter #Books 
 चलो, किताबों के इस सफर पर,  
हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग।
#BooksBestFriends 
#Stories 
 कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं

BAWA

कभी दिल पर चोट खाई कभी दिल को संभाला मोहब्बत भी एक खेल था हमने भी खेल डाला...

read more

हिमांशु Kulshreshtha

चलो...

read more
White निकाल कर फ़ुरसत 
चलो साथ कहीं बैठते हैं ..
ले कर हाथो में हाथ,
रुको, कुछ पल 
एक सिगरेट यादों की
सुलगाते हैं 
एक कश लगाते हैं
सुलगते हैं साथ साथ,
दर्द अपने अपने धुएँ में 
चलो हम उड़ाते हैं......!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha चलो...

rajiv kumar

बेसहारा हम तेरे सहारे पर हैं

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सख

read more
कुण्डलिया छन्द :-
गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल ।
चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।।
वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते ।
बनो सखा तुम आज , प्रेम हम तुमसे करते ।।
आओ खेलो संग ,  हमारा निर्मल नाता ।
समझा दूँगा साँझ , चलो घर मैं गौ माता  ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :-
गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल ।
चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।।
वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते ।
बनो सख
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile