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Navin charpota
नशा.. ये कहानी है,मेरे एक पड़ोसी है रफ़ी (संशोधित नाम) भाई की। उसका छोटा सा परिवार है। मां है, छोटा भाई, पत्नी और तीन प्यारे बच्चे है बहुत मस्ती करते है। चाचा जी का तो स्वर्गवास पहले ही हो चुका है। कुछ दिनों से रफ़ी भाई शराब पीने लगे थे, नशे में घर में झगड़ा भी करते, इससे उनका हस्ता खेलता परिवार धीरे धीरे बिखरने लगा। छोटे भाई ने शादी कर ली और अलग घर में बस गया। रफ़ी भाई की पत्नी उससे तंग आकर मायके चली गई। अब बच्चे और चाची (रफ़ी भाई की मां) रोज परेशान रहा करते। इतना होने के बावजूद वो नहीं सुधरा। किसी की सलाह लेता नहीं है, अपने ही मन की करता है। यही सब चल रहा था। कल तत्काल में खबर मिली कि उसका एक्सिडेंट हो गया है, स्कूटी वाले ने टक्कर मार दी है। सर पर भारी चोट लगी है। एमरजेंसी वार्ड में भर्ती है। लोगों का कहना है कि दुर्घटना के समय भी नशे में था। (सच क्या है ईश्वर की जानता है।) परन्तु नशे की आदत व्यक्ति का पूरा व्यक्तित्व ओर अस्तित्व मिटा देती हैं। कृपया इससे दूर रहा करे। आज बहुत दुखद संदेश मिला रफ़ी भाई नहीं रहे। आज एक पत्नी विधवा हो गई, तीन बच्चों के सर से पिता का साया चला गया। एक मां का लाडला, भाई का साथी न जाने कब बिछड़ गया। न जाने इस नशे ने क्या दिया हमको परन्तु हमसे छीन सब ले गया। *नशा व्यक्ति के स्वयं के साथ घर परिवार, समाज तक को बर्बाद कर देता है। रफ़ी भाई की आत्मा को प्रभु शांति प्रदान करें। ©Navin charpota #नशामुक्ति #नशा #बर्बादियां #बांसवाड़ा #Banswarablog #अभिशाप
MOHIT SOLANKI
"आखिर क्यों किया तुमने मेरे साथ ऐसा, क्या अब मिल गया वैसा तुमको चाहिए था जैसा।" ©MOHIT SOLANKI #हिंदी #शायरी #Nojoto #बांसवाड़ा #rajsthan #TakeMeToTheMoon
हिंदी शायरी बांसवाड़ा rajsthan TakeMeToTheMoon
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शीर्षक - विदाई_। हुई बेटी विदा ससुराल है, सूखी पिया का संसार है, छूटा मां बाबा का घर बार है, बेटी तो लक्ष्मी का अवतार है, बेना भईया का तुझको दुलार है, खुश रहना अब पिया ही संसार है, तुही बहनों का सबसे सुंदर प्यार है, तुझसे मिलने का जिया बेकरार है, हुई बेटी विदा ससुराल है, दुखी पीहर का,हर प्राण है, बाबुल की इज्जत तेरे हाथ है, रखना बेटी तू संभाल के, यारों की दुनिया तू जैसे प्राण है, यारा तू रखना सदा ध्यान में, हुई बेटी विदा ससुराल है, हुआ सूखी पिया का संसार है... ©Navin charpota #विदाई #बेटी #todaypost #बांसवाड़ा #Banswarablog #कन्यादान
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read moreMOHIT SOLANKI
"आखिर क्यों किया तुमने मेरे साथ ऐसा, क्या अब मिल गया वैसा तुमको चाहिए था जैसा।" ©MOHIT SOLANKI #हिन्दी #मेरी_कलम_से✍️ #शायरी #दोनों #दिल #बांसवाड़ा #दिलसेदिलतक #TakeMeToTheMoon
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read moreRakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
read moreAnuj Ray
खुशबू चरित्र की" खुशबू चरित्र की, हीरे सी चमकती है, फूलों सी महकती है। खुशबू चरित्र की, जीवन के आईने में, सूरज सी दमकती है। खुशबू चरित्र की, आदर्श भी गढ़ती है, इतिहास भी रचती है। ©Anuj Ray # खुशबू की चरित्र की"
# खुशबू की चरित्र की" #कविता
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