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Anuradha T Gautam 6280
नव #कल्पना,नव #ज्योत्सना नव #शक्ति,नव #अराधना नित नए #बहार मिले #माता_के_दरबार_में आपको #नवरात्रि_की_शुभकामनाएं..🖊️ 🙏🪔🧘♀️🌺👣🌺🧘♀️🪔🙏 #लव #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
स्वलिखित संस्कृत रचना शीर्षक प्रत्येकं क्षणं . . विधा विचारनुमा #Emotions #Tending #कवितावाचक #संस्कृतविचार #tarukikalam #devotionally_spiritually_taru #प्रत्येकंक्षणं
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी दायरे से बहार निकल लोग गुस्ताखी कर रहे है तृष्णा कभी,कम हुयी है कभी हरण सुख शांति का कर रहे है सामने वाला भी किरदार,हौसले रखता है मगर आचरणों की बानगी से बंधा है धूर्ततापूर्ण उतर आये है सियासत में लोग दंश और दहशत का जहर उगल रहे है सभ्यताओं को लांघ, निराशा चहुँ और परोस रहे है जंग जनता से कर, तख्त ताज कलंकित कर रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #good_night दायरे से बहार निकल,लोग गुस्ताखी कर रहे है #nojotohindi
#good_night दायरे से बहार निकल,लोग गुस्ताखी कर रहे है #nojotohindi #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो , हुआ हमें भी प्यार ।। करता हूँ मैं आज कल , छोटा सा व्यापार । लेना देना दिल यही , अपना कारोबार ।। कुछ तो मेरी भी सुनो , अब मेरे दिलदार । भर दो झोली आज यह , पड़ा तुम्हारे द्वार ।। कब तक बैठा मैं रहूँ , बोलो अब सरकार । पहनाओ मुझको गले , इन बाँहों का हार ।। महकी महकी यह फिजा , महकी आज बहार । अब तो तेरे नाम से , यह जीवन उजियार ।। अब तो इतनी हैं सनम , मेरी भी दरकार । तेरी बाहों का प्रखर , पड़े गले में हार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो
दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो #कविता
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White ©आजकल जो करते हैँ इश्क़ जिस्म के व्यापार मे, बमुश्किल मिलते है मुखलिस इस फ़िज़िकल बयार मे//१ अब नहीं मिलते मुखलिस यार इश्क के मैंआर मे, ऐसा लगे के इश्क़ भी अब बन गया प्रेक्टिकल प्यार मे//२ अब यहाँ किसको तलब वस्ले रूहे यार मे,आजकल इश्क़ भी हुआ एक नम्बर प्रोफेशनल बाज़ार मे//३ ब्लॉक अनब्लॉक के फेर मे,फिरकी लेता इश्क़ ,देखो इसडिजिटल बहार मे//४ खूबरू पर फ़िदा भए,कुरूप न भाये कोय,कुछ लोगन पागल भये,इस लाजिकल रफ़्तार मे//५ देकर ज़हनी अजियते फरार फ्लर्टी साब,बन गए मोहरे मुख्लिस लोग,इस इश्क़ के इमोशनल अत्याचार मे//६ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #World_Photography_Day ©आजकल जो करते हैँ इश्क़ जिस्म के व्यापार मे,बमुश्किल मिलते है मुखलिस इस फ़िज़िकल बयार मे//१ अब नहीं मिलते मुखलिस यार इश
#World_Photography_Day ©आजकल जो करते हैँ इश्क़ जिस्म के व्यापार मे,बमुश्किल मिलते है मुखलिस इस फ़िज़िकल बयार मे//१ अब नहीं मिलते मुखलिस यार इश #Live #Like #writersofindia #poetsofindia #shamawritesBebaak
read moreIrfan Saeed
White जहर था पहले कभी दिखावे को दवा बन गया एक था अपना कभी जो फिर से सज़ा बन गया मेरे गांव की हवा ने ही धोखा दिया था मुझे अंदाजा था बहार का तूफ़ान ए बला बन गया इरफांन" तेरे ज़मीर को हिलाने की थी शाजिशें आंधियों का शोर उठा और जलजला बन गया ©Irfan Saeed जहर था पहले कभी दिखावे को दवा बन गया एक था अपना कभी जो फिर से सज़ा बन गया मेरे गांव की हवा ने ही धोखा दिया था मुझे अंदाजा था बहार
जहर था पहले कभी दिखावे को दवा बन गया एक था अपना कभी जो फिर से सज़ा बन गया मेरे गांव की हवा ने ही धोखा दिया था मुझे अंदाजा था बहार #Shayari #शायरी #Sad_shayri
read moreDevesh Dixit
हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान हमारा है जग से ये न्यारा है हर धर्म के लोग जहां ऐसा राष्ट्र और कहां हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई हम सब हैं भाई भाई प्रेम से मिलें लोग जहां ऐसा राष्ट्र और कहां मौसम की देखो बहार यहां सर्दी गर्मी पतझड़ बसंत यहां ईश्वर की लीला का कमाल जहां ऐसा राष्ट्र और कहां कई पुण्यात्माओं ने जन्म लिया यहां राम और कृष्ण की जन्म भूमि यहां ऐसी पवित्र और अदभुत भूमि जहां ऐसा राष्ट्र और कहां हिन्दुस्तान हमारा है ये अभिमान हमारा है ऐसी भक्ति हो जहां ऐसा राष्ट्र और कहां ........................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #हिन्दुस्तान #nojotohindi #nojotohindipoetry हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान हमारा है जग से ये न्यारा है हर धर्म के लोग जहां ऐसा राष्ट्र और कहां
#हिन्दुस्तान #nojotohindi #nojotohindipoetry हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान हमारा है जग से ये न्यारा है हर धर्म के लोग जहां ऐसा राष्ट्र और कहां #Poetry #sandiprohila
read moreAnjali Singhal
"एक नारी छोड़कर माँ-बाबुल का घर-बार, सींचती है नयन-जल से अपने पी का आंगन, फूल पी के प्यार का खिला पाकर, महकने लगता है उसके मन का उपवन, पतझड़ #Poetry #AnjaliSinghal
read moreAnjali Singhal
"हर रास्ता खुला रखो उम्मीद के इंतजार में। हसरतें तो कम नहीं होती जाती हुई बहार में।।" #AnjaliSinghal #Shayari nojoto
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