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SHIVAM KARNE
पत्ते के टुकड़े रोज रात को छत पर आकर खुले आसमान में टहलना एक अलग ही आनंद है। रोज की तरह आज भी छत पर आया । पेड़ का एक पत्ता तोड़ा फिर थोड़ी देर उसके साथ खेला , गाल पर लगाया , बालों पर घुमाया फिर आखिर में उसको छोटे टुकड़ों में फाड़ा और फिर हवा में उछाल दिया। अचानक ख्याल आया कि हमारी जिंदगी भी तो यही करती है। पहले तोड़ती है फिर खुशी देती है, भरपूर आनंद और सुकून देती है फिर कुछ समय बाद जब खुशियों की लत लग जाती है बढ़े प्यार से तोड़ती, फाड़ती है फिर हवा में उछाल देती है.। आखिरी में मिलता क्या है जमीन पर बिखरे टुकड़े। पत्ते के टुकड़ों को लात से हटाते हुए मैं नीचे आ गया। ©SHIVAM KARNE रोज का किस्सा with @shivamkarne #lifeexpirience
रोज का किस्सा with @shivamkarne #Lifeexpirience
read moreAnkit Boss golden heart
पता है तुझे? मुझे न सिर्फ़ एक कहानी लिखनी थी! फिर सोचा क्यों न सिर्फ़ तेरा नाम लिख दूं!! ~~अंकित ©Ankit Boss golden heart एक रोज का इश्क #Rose #kahani #शायरी #AnkitBoss #Ankitbossgoldenheart #shayari #quotes #storytelling #Reels #instareels Vaishnavi Pardakhe
एक रोज का इश्क Rose kahani शायरी AnkitBoss Ankitbossgoldenheart shayari quotes storytelling Reels instareels Vaishnavi Pardakhe
read morefarzana #£$√πkhan
BS-II 15-20 हजार की छूट के बाद लोग मुहूर्त, काल और रोज का चौघडिया तक भूल गये. लालच से बड़ा कोई धर्म नहीं - via
read moreSultan Mohit Bajpai
इधर मेरी भूख ,ताने दे रही थी उधर घायल परिंदा, रो रहा था ©Sultan Mohit Bajpai भूंख😭 एक निवाले के लिए मैने जिसे मार दिया वो परिंदा भी कई रोज का भूंखा निकला --- मुनव्वर राना --------------------- #Nojoto #nojotohindi #H
भूंख😭 एक निवाले के लिए मैने जिसे मार दिया वो परिंदा भी कई रोज का भूंखा निकला --- मुनव्वर राना --------------------- #nojotohindi H
read moreपरवाज़ हाज़िर ........
Yuvraj Business mind
Earn Money Massage Me 'HOW'✅💵💸 हररोज 1.5k to 3k कमाने का मौका . ( CHECK MY HIGHLIGHS FOR PROOF & EARNING PROOF ) . दोस्तो अगर आप भी घर बैठे
read moreKajal The Poetry Writer
खर्च किए चंद सिक्को के लिए मुझे मेरी औकात बताने लग गए,, घुटने लगा दम मेरा तुम्हारे साथ तो प्यार का दर्द बताने लग गए।। जब नहीं था बस में तो हाथ थामा क्यों था,,, अब नहीं होता रोज रोज का बर्दाश्त तुम्हारा नाटक कह कर मुझे सिरदर्द बताने लग गए।। मेरा दर्द औरत की किस्मत, खुद को लगी खरोच तो मुझे हमदर्द बताने लग गए।। पहले प्यार बड़ा आता था मुझपर,,, क्यूं फिर अब बेदर्द बताने लग गए।। क्या सिर्फ खता मेरी थी,, आत्म सम्मान किया जलील हमेशा यही सजा मेरी थी।। नारी हो तुम संयम में रहना हैं, नारी हो तुम एक शब्द अन्यथा नही कहना हैं।। मेरे अपनों का सम्मान करो,, घर में रखा तुम्हे इस पर अभिमान करो।। भूल जाओ मायका जिसे छोड़ के आई हो,, हमारा सुख दुख हुआ तुम्हारा, यही बियाह के आई हो।। ©KAJAL The poetry writer खर्च किए चंद सिक्को के लिए मुझे मेरी औकात बताने लग गए,, घुटने लगा दम मेरा तुम्हारे साथ तो प्यार का दर्द बताने लग गए।। जब नहीं था बस में तो ह
खर्च किए चंद सिक्को के लिए मुझे मेरी औकात बताने लग गए,, घुटने लगा दम मेरा तुम्हारे साथ तो प्यार का दर्द बताने लग गए।। जब नहीं था बस में तो ह
read moreAk
Mujhe Accha lagta hai..... ये मेरा तुम्हें मेरे दिल की सुनाना ये तेरा मेरी हर बात का सुने जाना ये तुमसे रोज का हँसना - हंसाना ये तेरा
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
#khani शीर्षक (#कोनसहीहैऔरकोनगलतहै),✍️ ये कहानी किसी की भावनाओ को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं है, अपितु लोगों के नजरिए का फ़र्क है। यह किसी व्
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