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Abd
White तिनका तिनका घर घरौंदा टूटा चूल्हा बर्तन औंधा बालू में से कंकर बीना ईंधन बना पत्तों का झीना फर्जी फर्जी दाल पकाई बच्चों को जब तक नींद ना आई लेकिन मां को भय था भोर का था सवाल बस चंद कोर का ब्याज ढले तो पो भी फटती तब जाके कहीं मूल से लड़ती कभी सीधी कभी उल्टी पड़ती बार बार करवटे बदलती झूठे सपनों में रोटी आई लेकिन सच्ची नींद ना आई भूख थी ज़्यादा पेट था ख़ाली मजबूरी में फिर बालू खाली भीतर पूरा रेगिस्तान हो गया जीवन ही वीरान हो गया ना पत्थर थी ना लक्कड़ थी अब चेतना बिल्कुल जड़ थी बच्चों से वज्रपात सहे ना काश कभी ये भोर भए ना ©Abd #sad_quotes #maa #chhutiyan #festivals
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read moreMohan Sardarshahari
White Eradicate illiteracy Illuminate minds Go for multilinguages for better understanding of future times ©Mohan Sardarshahari Literary day
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read moreVijay Vidrohi
White दोस्तों मैंने यह कविता तब लिखी थी जब NRC/CAAजैसा काला कानून देश में लाया गया था और दिल्ली में शाहीन बाग में बहुत बड़ा आंदोलन उसे खिलाफ चला था और जब शाहीन बाग में जो औरतें अपने आंदोलन में शामिल हो रही थी उनको गालियां गंदे गंदे शब्द बोले जा रहे थे तो उनके आंदोलनकारियों के सम्मान में यह कविता मैंने लिखी थी। " महान औरतें" तुम इनको औरत ना समझो क्रांति का आह्वान है शाहीन बाग का नाम विश्व में संघर्ष की पहचान है। लानत है उन पर जो करते औरत का अपमान है 4 महीने का बेटा मोहम्मद कर दिया मां ने कुर्बान है। फूलन देवी बनकर नारी जब-जब भरती हुंकार है अपने अत्याचारियों का करती फिर संहार है। आज की नारी फूलन देवी बनने को तैयार है शाहीन बाघ को देखकर अब कांपी ये सरकार है। देशभक्ति का नाटक करते बनते चौकीदार है पर्व है वह देश लूटने वाले वास्तव में गद्दार है। देश बेचकर खा गए जो क्या आदर के हकदार हैं? हिंदू मुस्लिम करने वाला धर्म का ठेकेदार है। झूठे जुमले सुनकर जनता बहुत हुई परेशान है पर जनता की यह सुने नहीं हुआ सत्ता का अभिमान है। इस सत्ता को बदलना चाहता भारत का नौजवान है तानाशाही नहीं सहेंगे करते ये आह्वान है। ©Vijay Vidrohi क्रांति_कारी लोकतंत्र #जनावाज #2019 #2020 #poem #Poetry #love #india #equality Nazim Ali (Shiblu) inaya SIDII SAFIYA RAFIQ Qamar Abbas S