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New 'कौन किसे दिल में जगह देता है, पेड़ भी अपने सूखे पत्ते गिरा देता है, वाक़िफ़ हैं हम दुनिया के रिवाजों से, जी भर जाए तो हर कोई भुला देता हैं।' Quotes, Status, Photo, Video

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Stories related to 'कौन किसे दिल में जगह देता है, पेड़ भी अपने सूखे पत्ते गिरा देता है, वाक़िफ़ हैं हम दुनिया के रिवाजों से, जी भर जाए तो हर कोई भुला देता हैं।'

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता, कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं।

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Unsplash इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता,
कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता,
कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं।

नवनीत ठाकुर

#हर खुशी में छुपा एक डर सा है, हर हंसी के पीछे एक असर सा है। जो दर्द दिल के करीब आ चुका, उसे दूर किया जाए तो मुश्किल होगी। हर जख़्म ने सिखाई

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नवनीत ठाकुर

हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं

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"हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं,
मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं।
राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं,
हम वो हैं, जो तूफानों में भी, राह अपनी खुद बनते हैं।"

©नवनीत ठाकुर हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं,
मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं।
राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं,
हम वो हैं

नवनीत ठाकुर

"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

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"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी,
हम वहां से नई शुरुआत करते हैं।
जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे,
हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

©नवनीत ठाकुर "जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी,
हम वहां से नई शुरुआत करते हैं।
जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे,
हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।

Rakesh frnds4ever

#मुख से जो शब्द निकलते हैं उनको तो सभी अपने अपने हिसाब से सुन लेते हैं क्योंकि #शब्दोंकेअर्थ हर कोई अपनी अपनी #समझ के हिसाब से लगता ह

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person

#सुबह होती हैं दोपहर होती हैं शाम होती हैं रात होती हैं उम्र यूं ही तमाम होती हैं मौत कब आ जाए कोई नहीं जानता कहां से आ जाए कोई नहीं जानत

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White सुबह होती हैं 
दोपहर होती हैं शाम होती हैं रात होती हैं 
उम्र यूं ही तमाम होती हैं 
मौत कब आ जाए कोई नहीं जानता कहां से आ जाए कोई नहीं जानता घर में हैं तब भी आ सकता हैं बाहर है तब भी आ सकता हैं 
कहीं से भी आ सकता हैं 
जब उसका वक्त होता हैं समय अनुसार वह आता हैं 
मगर बात की नहीं आता हैं 
जीवन और मृत्यु समय-समय के अनुसार ही होता हैं 🙏

©person #सुबह होती हैं 
दोपहर होती हैं शाम होती हैं रात होती हैं 
उम्र यूं ही तमाम होती हैं 
मौत कब आ जाए कोई नहीं जानता कहां से आ जाए कोई नहीं जानत

Das Sumit Malhotra Sheetal

*हैलो दोस्तों और ये कड़वा सच है की कुछ लोग जीने के बावजूद भी नहीं आया करते और कुछ लोग जो जी रहे होते हैं वो हमारे लिए मरे हुए के समान हो जात

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