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vikas Mourey
एक परदेशी छेले से दिल लगा लिया हमने । तोहफ़े मे सारी खुशियाँ दे दी ,हमारे हिस्से मे, गम ले लिया हमने। अब सुना है हमने कि नया विवाह रचा रहा है,वो। हमारी मांग सूनी करके किसी दूसरी की मांग सजा रहा है,वो। ©vikas Mourey #vikaskeAlfhaz एक परदेशी छेला Akash shri vastav sharma ji DrAsad Nizami Firoz Graphic k Smile
#VikaskeAlfhaz एक परदेशी छेला Akash shri vastav sharma ji DrAsad Nizami Firoz Graphic k Smile
read moreलफ्ज़-ए-राज...
सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै। जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥ नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तू पुनि पार न पावैं। ताहि अहीर की छोहरियाँ, छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं॥ शुभ जन्माष्टमी ❤️🙏☺️ @ianilraj01 सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै। जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥ नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तू पुनि पार न प
सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै। जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥ नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तू पुनि पार न प #ianilraj01
read moreDivyanshu Pathak
काहू कौ मांखन चाखि गयौ अरु, काहू कौ दूध दही ढरकायौ काहू कौ चीर लै रुख चढ़्यौ अरु, काहू कौ गुंजछरा छहरायौ मानें नहीं बरजै रसखानि, सुजानियै राज़ इन्है घर आयौ आउरी बूझें जसोमति सों, यह छोरा जायौ कि भई उपजायौ !! हाबु तो तुच्छ बहाना है माखन मिश्री मंगाना है कान्हा की चालाकियाँ सारी मैय्या के समझ में आवत है माँ तो माँ होती है, किसी की हो, मना कहाँ कर
हाबु तो तुच्छ बहाना है माखन मिश्री मंगाना है कान्हा की चालाकियाँ सारी मैय्या के समझ में आवत है माँ तो माँ होती है, किसी की हो, मना कहाँ कर #spiritual #devotion #hindiwriters #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqhindi #हरेकृष्ण
read moreTabishAhmad 'تابش '
हमर की दोख? घूम-घूम बेच लौं सब्जी और फर, अनका दिन में नै बुझायल हम छि कौन? ई कॅरोना में हम भ गेलौं जनमानस के दुश्मन, सब गोटे देलक हमरे ई महामारी के दोख! मुंह में यै पान पहनने छि लुंगी, मुदा हम छि मैथिल मुस्लिम! संसारक दृष्टि में नै छै किछु कॅरोना के धर्म, फिर किया भ रहल यै मन में ककरो शंका? हमर की दोख? जेकरा संग बैसलौं खूब कर लौं हाहा ठि-ठि, आय ओ क रहल हमरा संग भेदभाव! कक्का काकी कहत मन नै थाके छेला, आय दुरे देख हमरा से मुंह फेरला, मन क रहल यै कचोट, हमर की दोख? खोलै छि आय जब अपन व्हाट्सएप, ऐब रहल यै हमरा मित्रक संदेश, रौ ताबिशवा तोहर जाति धर्म फैला रहल हौ कॅरोना, आय ओकर संदेश देख हमर मन भ रहल विचलित, ओकर ज्ञान पर हमरा आबै यै हंसी, आशा यै ईश्वर से खुलतै एक दिना ओकरो ज्ञानक पट! हमर की दोख? हमर की दोख? घूम-घूम बेच लौं सब्जी और फर, अनका दिन में नै बुझायल हम छि कौन? ई कॅरोना में हम भ गेलौं जनमानस के दुश्मन, सब गोटे देलक हमरे ई मह
Shashi Aswal
पहाड़ों में थोड़ी सी हलचल भी शरीर के साथ-साथ दिमाग में सिहरन पैदा कर ही देती हैं। सूखे पतों की सरसराहट भी कँपा देने वाली होती हैं। पहाड़ दूर से जितने खूबसूरत और शांत दिखते हैं उतने ही गहरे राज दफ़न होते हैं इसके सीने में। (Read in caption) Part- 1 शांत वातावरण, चारों तरफ हरियाली ही हरियाली, टेढे़-मेढे़ साँप की तरह रेंगते रास्ते। हल्की ठिठुरन महसूस होगी पर आदत पड़ जाएगी। ठंडी
Part- 1 शांत वातावरण, चारों तरफ हरियाली ही हरियाली, टेढे़-मेढे़ साँप की तरह रेंगते रास्ते। हल्की ठिठुरन महसूस होगी पर आदत पड़ जाएगी। ठंडी #yqdidi #yqtales #volatilesoulquotes #Uttrakhanddiary
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