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Mansha Sharma

#सांवरे की मनशा #मन के भाव सुरमन_✍️ #तन्हाई #Sad_Status #nojohindi

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White 
🍁मन के भाव 🍁 
No_3422 
तन्हाई 
तन्हाई से हाथ मिला लो 
चुपचाप अपने ह्रदय के ज़ख्मो को छुपा लो 
जिसने ज़ख्म दिये उसे ही भूला लो 
तन्हाई मे सबसे छुपा कर अपने ही आसूं पी लो 
मन की मनशा को मार तन्हाई मे जी भर कर रो लो 
# स्वरचित_सुरमन_✍️
19/10/24

©Mansha Sharma #सांवरे की मनशा 
#मन के भाव 
#सुरमन_✍️ 
#तन्हाई 
#Sad_Status 
#nojohindi

Aurangzeb Khan

एक मैं ही नहीं जो तन्हा सफर करता हूं ऐ औरंगज़ेब 
मैंने उसे पपीहे को भी खुश देखा है जिसका कोई हमसफ़र ही नहीं

©Aurangzeb Khan #तन्हाई#मेरी

Himanshu Prajapati

#Sad_Status थोड़ी तन्हाई थोड़ी लड़ाई भी जरूरी है मोहब्बत में, पर इसका मतलब ये नहीं की सामने वाले का सर ही फोड़ दे..! #36gyan #hpstrange

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White थोड़ी तन्हाई थोड़ी लड़ाई 
भी जरूरी है मोहब्बत में,
पर इसका मतलब ये नहीं की 
सामने वाले का सर ही फोड़ दे..!

©Himanshu Prajapati #Sad_Status थोड़ी तन्हाई थोड़ी लड़ाई 
भी जरूरी है मोहब्बत में,
पर इसका मतलब ये नहीं की 
सामने वाले का सर ही फोड़ दे..!
#36gyan #hpstrange

{**श्री राधा,,**}

#तन्हाई #दर्द #SAD #🥹💔🥀

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mehar

मेरी तन्हाई

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FAKIR SAAB(ek fakir)

#Couple तन्हाई

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तन्हाई है वीराना है
खामोशी है सन्नाटा है
ये बस्ती उजड़ चुकी है
अब यहां 
कौन आता जाता है

©FAKIR SAAB(ek fakir) #Couple तन्हाई

Brsolanki

White दरमियान तो हरदम रहे करीब रहे ना सके।
सैलाब था दिल में लब्ज़ कुछ कहे ना सके।
आज भी रूहमें मौजूदगी चांद सी रोशन है,
 हासिल रहे हर लम्हा,तुम हमे ढूंढ ना सके ।
अंदर ही अंदर जलाती रही तन्हाई की आग,
 आए गए बारिशोंके कई मौसम बुज ना सके।

©Brsolanki #तन्हाई

Rudradeep

बदनाम

मैं तेरे नशे की तन्हाई

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Shashi Bhushan Mishra

#मिली अकेली तन्हाई#

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White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, 
गम  के  पन्ने  पलट  रही थी  रुस्वाई, 

गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, 
बेचारे   ने   कैसी  है   किस्मत   पाई, 

बैठ  गया  खालीपन  उसके  जाने से, 
कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, 

बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, 
मन के अंदर  ख़्वाहिश लेती  अंगड़ाई, 

दिन ढ़लने को आतुर  मेरे आंगन का, 
लगी   छुड़ाने  पीछा  अपनी  परछाई,

आम  आदमी की  थाली से  गायब है, 
कोर-कसर  पूरा   कर   देती  महंगाई,

पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती,
दूर  सिसकती  बैठी  मिलती तरुणाई,

दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन,
आहत करती  मन  को  यादें  दुखदाई,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
            समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra #मिली अकेली तन्हाई#
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