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Radhe Radhe
White सिंह, सिंह होता है जहाँ बैठ जाए सिंहासन वही ठीक उसी तरह राजा खुद से राजा होता है जहां भी खड़े हो हर रूप में पहचान आ जाएगा जय श्री राम ©Radhe Radhe सिंह सिंह होता है
सिंह सिंह होता है
read moreSurjeet kumar
White जिंदगी कुछ तो बता। ©Surjeet kumar #Aap #जी #काम बादल सिंह 'कलमगार'
Veer Tiwari
नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"
रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"
read moreशब्दवेडा किशोर
White हास्यकथा शब्दवेडा किशोर इंटरनेट सोशल मिडियावर त्याची एका सुंदर मुलीबरोबर ओळख झाली.चॅटींग करता करता त्याला कळाले की ती विवाहित आहे..मुलंबाळं नाही आणि तिचा नवरा मार्केटिंग कामानिमित्त बराच काळ घराबाहेर असतो.असेच चॅटिंग करता करता तिने एक दिवस त्याला घरी बोलावले.ती म्हणाली नवरा बाहेर गेलाय आणि तो लवकर येणार नाही.तेव्हा भीतीचे कारण नाही.आपल्याला जे हवं ते आपण आता मनमुराद करू शकतो त्यावर त्याने विचारले, "ते ठीक आहे पण तुझा नवरा अचानक परत आला तर काय करायचे ?" ती म्हणाली, "काळजी करू नकोस.तो आलाच तर तू काही तरी साफसफाई करायला लाग.मी सांगेन की तू urban clap मधून आला आहेस.ठरल्याप्रमाणे तो तिच्या घरी गेला आणि काय आश्चर्य...तिचा नवरा खरंच परत आला.तिने नवऱ्याला सांगितलं की,तो साफसफाई करण्यासाठी URBAN CLAP कडून आलाय. पुढील ३ तास ती दोघे त्याला काय-काय आणि कुठे कुठे साफसफाई करायची आहे हे सांगत होते आणि सर्व घराची साफसफाई करून घेतली.कामं संपल्यावर नवऱ्याने विचारले की पैसे किती द्यायचे ? तर ती नवऱ्याला म्हणाली की बुक करताना तिने ऑनलाईन पैसे भरले आहेत.घरी परत येताना त्याला कळले की त्याची घोर फसवणूक झाली आहे. महत्वाची टीप दिवाळीच्या साफसफाईचे दिवस आहेत.इतरांची फसवणूक होऊ नये म्हणून सांगत आहे. ©शब्दवेडा किशोर #jara_hasuya हसा आणि हसवा
#jara_hasuya हसा आणि हसवा
read moretechnical sunny aarti Sunny Khude
White पैसा आणि पाणी ,दोन्ही जपून वापरायचा असतो ,नाहीतर पंचाईत होईल ,लेखक : - सनी सुनील खुडे(यूट्यूबर) ©Sunny Khude #sad_qoute पैसा आणि पाणी माझ्या लेखणीतून
#sad_qoute पैसा आणि पाणी माझ्या लेखणीतून
read moreसूर्यप्रताप स्वतंत्र
White हमने ख़ुद को झोंक दिया है, गाँव गली गुलकारी में। इसीलिए बन नील कुरिंजी, उपजी हो फुलवारी में। ©सूर्यप्रताप स्वतंत्र करन सिंह परिहार kavita ranjan #कविता_संगम
करन सिंह परिहार kavita ranjan #कविता_संगम
read morekavitri vibha prabhuraj singh
White राम जी के नाम की हर ओर चर्चा आम है, विश्व देखो राम मय है,राम का उर धाम है। राम के आदर्श अब हर,व्यक्ति के मन में बसें, राम जी की जब कृपा हो, पूर्ण तब हर काम है। _विभा सिंह ©kavitri vibha prabhuraj singh #मन के भाव #विभा सिंह