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gudiya
White वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती पत्थर कोई ना छायादार पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ; श्याम तन, भर बंधा यौवन, नत नयन ,प्रिय- कर्म -रत मन, गुरु हथोड़ा हाथ , करती बार-बार प्रहार ;- सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार । चढ़ रही थी धूप; गर्मियों के दिन दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू रूई - ज्यों जलती हुई भू गर्द चिनगी छा गई, प्राय: हुई दुपहर :- वह तोड़ती पत्थर ! देखे देखा मुझे तो एक बार उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार; देखकर कोई नहीं, देखा मुझे इस दृष्टि से जो मार खा गई रोई नहीं, सजा सहज सीतार , सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार; एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर, ढोलक माथे से गिरे सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा - मैं तोड़ती पत्थर 'मैं तोड़ती पत्थर।' - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ©gudiya #love_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प
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read moreShailendra Anand
रचना दिनांक26,,,,4,,,10,,,,2024 वार,,,,,,,,, शुक्रवार समय,,,, दोपहर तीन बजे ््््निज विचार ््् ्््शीर्षक ््् ््भाव चित्र ््मैं छाया चित्र है शारदीय नवरात्र में मां के व्दितीय स्वरूप में मां का ब़म्ह चारिणी यानी आचरण में विचरण में,, देवत्व कलाओं में पारंगत विदूषीयो के सतत प्रवाह, मंत्र शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन करते हैं।। प्रमाणितं ब़म्हकर्मसाक्ष्य श्रीविश्वामित्र अतुलतेजस्वी, चतुर्थ भाव भंगिमा इच्छा शक्ति से अर्जित किया गया,, मां गायत्री का स्वरूप और संरचना प्रयोग आराध्य देवी में , सम्पूर्ण जीवन में, बीजशक्ति मंत्र शक्ति अखण्ड दिव्य चक्षु संवरचना निर्राकारंओकारं आत्मज्योतिनवपिण्ड धर्मश्रंखला में , महान् कार्य मां गायत्री मंत्र शक्ति सजृन धरा पर अवतरित मंत्र शक्ति से अर्जित किया गया ।। ईश्वरीय वरदान से जन्मा विचार सच में अखिल विश्व में , गायत्री मंत्र जाप करने वाली शक्ति पात में , अनंत परिपूर्ण शब्दयोग ही सुन्दर छबि मनोमय प्यारी सी , मुस्कान होंठ पर रख दिया अमिट प्रेम शब्द से , जन्मा विचार ही मां शब्द का स्वरूप सौंदर्य ही आनंद है ।। जो धरती पर साकार लोक में भ़मण करते हुए जीवन में मां का ब़म्हचारिणींतृतीयं स्कंद षष्ठी तिथि पर जिंदगी को बेहतर समझना जरूरी है ,, क्योंकि धड़कनों में गुंथी हुई धुन पर जनमानस में , एकात्मकता समरुपता से सजाया गया है ।। मां चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में, खुशहाली और उसके भाव भंगिमा दीप प्रज्जवलित, आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद से सजाया गया है ।। तुलजा भवानीविराजितं से जन्मा आत्म मंथन चिन्तन में, साधक साधना तपस्या में लीन रहते भक्ति से सजाया गया है।। मां महाकाली देवीय चमत्कारों से भरा हुआ, क्षैत्रपाल भैरव और बटुकभैरव क्षैत्रपाल, हनुमंत कपीसा क्षैत्रपालाय नमः ।। यही सच्चाई देखकर सहसा जगत में , बिन ज्ञान सब कुछ अधुरा है ।। जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर छबि को, परखना सदगुरू बिना सब अधुरा है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 4,,,,,10,,,,2024,,,, ©Shailendra Anand #navratri भक्ति में लीन हैं ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद
#navratri भक्ति में लीन हैं ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद
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