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जीवन पाटील
भान निसर्गाचे ठेवा झाडं एकतरी लावून! ही कविता आवडल्यास नक्की शेयर करा. धन्यवाद! #poem
read moreSakshi
आओ इस कदर रँग जाएं एक दूसरे के रंग में , की किसी दूसरे रँग भान ना रहे, हम हो जाये दोनों मुझमें मैं ना रहूँ , तुझमें तू ना रहे ,और कोई मलाल ना रहे ।। ©Sakshi Soni "Aks" आओ इस कदर रँग जाएं एक दूसरे के रंग में , की किसी दूसरे रँग का भान ना रहे, हम हो जाये दोनों मुझमें मैं ना रहूँ , तुझमें तू ना रहे ,और कोई मला
Ajay Amitabh Suman
Kavita Duryodhana Ashvatthama Kritvarma Mahabharata कविता दुर्योधन महादेव अश्वत्थामा महाभारत अश्वत्थामा दुर्योधन को आगे बताता है
read moreAjay Amitabh Suman
Kavita Duryodhana Ashvatthama Mahabharata Mahadev Shiv कविता दुर्योधन महादेव अश्वत्थामा दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-28 जब अश्वत्था
read moreDevesh Dixit
शोभा (दोहे) शोभा देती है नहीं, अब तुमको ये बात। दुर्जन वाले काम कर, देते हो आघात।। कटु वचन नहीं बोलिये, हिय में होती पीर। बाणों जैसे ही चुभें, खोते भी फिर धीर।। क्या शोभा देती तुम्हें, जो देते हो तंज। भान नहीं इसका तुम्हें, होता कितना रंज।। मधुर वचन जो बोलते, ये शोभा है मान। ऐसे ही जो तुम रहो, खुश होते भगवान।। गलती पर जो डांँटते, ये उनका है फर्ज। शोभा अपनी है यही, माने उनका कर्ज।। शोभा ये जिससे बढ़े, उसे कहें संस्कार। निश्छल निर्मल मन रहे, सुंदर हो व्यवहार।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #शोभा #दोहे #nojotohindi #N_writes शोभा (दोहे) शोभा देती है नहीं, अब तुमको ये बात। दुर्जन वाले काम कर, देते हो आघात।। कटु वचन नहीं बोलिय
शोभा दोहे nojotohindi N_writes शोभा (दोहे) शोभा देती है नहीं, अब तुमको ये बात। दुर्जन वाले काम कर, देते हो आघात।। कटु वचन नहीं बोलिय
read moreMotivational_writer79 (शंकरदास)
Ajay Amitabh Suman
#Poetry #hindi_kavita #Duryodhan Mahabharat #कविता #दुर्योधन #महाभारत #धर्मयुद्ध #कुरुक्षेत्र दुर्योधन कब मिट पाया [भाग-1] जब सत्ता का
read moreAjay Amitabh Suman
Devesh Dixit
कठोर (दोहे) हिय कठोर अब ये कहे, मैं ही हूँ सरताज। होते सब भय - भीत हैं, करता ऐसा काज।। जो कहता वो मानते, कर न सके इंकार। रुतबा मेरा देख कर, झुकता ये संसार।। पल पल दहशत में कटे, रहे नहीं कुछ सूझ। वाणी कहूँ कठोर जब, थम जाती तब बूझ।। ऐसा ही वह सोचता, करने को हुड़दंग। संकट में भी डालता, बनकर रहे दबंग।। नहीं समझ उसको अभी, बनता वह नादान। थामे रहे कठोरता, ये उसका अभियान।। वाणी करे कठोर वह, मिले नहीं सम्मान। जीवन में संताप है, कहाँ उसे अब भान।। दुविधा में जब खुद पड़ा, तभी पीटता माथ। संगी साथी छोड़ते, बढ़े नहीं तब हाथ।। ........................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कठोर #दोहे #nojotohindi कठोर हिय कठोर अब ये कहे, मैं ही हूँ सरताज। होते सब भय - भीत हैं, करता ऐसा काज।। जो कहता वो मानते, कर न सके इंका
#कठोर #दोहे #nojotohindi कठोर हिय कठोर अब ये कहे, मैं ही हूँ सरताज। होते सब भय - भीत हैं, करता ऐसा काज।। जो कहता वो मानते, कर न सके इंका #Poetry #sandiprohila
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