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SarkaR
White पिता वो शख्स है जो अपने बच्चो के भविष्य के लिए खुद बच्चो के नजरो में सक्त इंसान बन जाता है। ©SarkaR #पिता
Buchi
White व्यवहार ऐसा बनाए रखे सभी से की लोग चाहकर भी शिकायत नहीं कर सके ©Buchi इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। #wishes
read morechahat
White दस दिन के दस धर्म। सिखाते है कैसे काटे कर्म।। जीवन के चक्र भंवर से। कैसे जाये भव से तर।। क्या रखा है,जीवन में। रे मानव स्व कल्याण कर।। कब तक रहेंगे जीवन में। हम खुद को संवार कर ।। पुण्य कर्म कमा, क्यू ना जीले। अपना आत्मकल्याण कर।। पाप कमाते कितना हम। मान अहंकार में डूब कर। बुरे के साथ बुरा करके हम। क्या पा लेंगे सत धर्म कर।। मन में क्षमादान के भाव रख। मांग क्षमा तू सत्य धर्म कर।। ना रख बैर,न रख अहम। जिसे तू,जो तुझे पसंद नही। ना बैर,ना प्रेम व्यबाहर कर।। मांग ले क्षमा उससे भी हाथ जोड़कर। मन को अपने तू बोझ से हल्का कर।। साधना अपनी पूर्णकर खुद को तपाकर। तोड़ दे अहंकार सारे उत्तम क्षमा मांगकर।। ©chahat दस धर्म......
दस धर्म...... #कविता
read moreDeepali Singh
पिता ज़िम्मेदारियों की कसौटी पर वो बैठा ख्वाहिशें अपनी अंदर ही रौंदाता, सर पर मेरेउसके आशीष का पहरा दुःख क्लेश पर उनके प्रेम का परदा, परेशानियाँ खुद की खुद तक छिपाये संकट संतान के वो खुद पर ले आये, जैसे पास कोई उनके रामबाण हो समस्या उनके लिए कोई आम बात हो, जो भी मुसीबत आये चाहे जब भी दिखाये जैसे कुछ हुआ ही नहीं, पता नहीं कैसे करते ये सब अब भी हर पल बिताता होगा बस चिंता में ही, नींद -चैन जो अपने दिन- रात गँवाए तो दर्द कोई हमको कैसे छु पाए..? पिता की उन पावन चरणों की हम तो भाग्यशाली धूल माटी.., प्रणाम है ऐसे संकट मोचन को..! जो मोती बनाया हम धूल कणों को । ©Deepali Singh पिता
पिता #Motivational
read moreSatish Kumar Meena
जब भी सीने की धड़कन बढ़ती है, वो पिता अपने परिवार की सोच रहा होता है। आंखो के आंसू की कीमत कितनी है,, बेटा अंगुलियां गिन के बालों को नोच रहा होता है। पिता के अंदर कितनी जरूरतों का बोझ है, उसी बोझ तले पिता दब जाता है। वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,, और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।। एक पिता ही है जनाब जो मां की ममता को, अपने परिवार के ऊपर न्यौछावर कर देता है। और लाड प्यार का सारा हिस्सा जो उन्हें मिला,, अपने परिवार पर चंद लम्हों में लुटा देता है। पिता का हाथ जब तक माथे पर रहता है, संतान को कभी दुख महसूस नहीं हो पाता है। वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,, और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।। ©Satish Kumar Meena पिता
पिता #कविता
read moreNegi Girl Kammu
अपने खून पसीने की कमाई को, अपने सुख को भूल कर । अपने जमा किये पाई- पाई को ,जो बिना कुछ बोले हमपें लूटाता है। जो अपने मन की इच्छाओ को ,मार -मार यू हमें सफल बनाता है। जग चाहे जो भी कहता हो उसको ,पर वो अपना सब कुछ हम पर ही लूटाता है। वो भी तो ईन्सान ही है ,होगी उसकी भी ख्वाहिसें लाखों पर वो विशाल हृदय का मालिक हैं ,जो अपनी लाखों ख्वाहिसों को मार गिराता है। हम जब भी जो मॉगें उससे ,हमको लाकर वो दे देता है। कहने को तो हम मात्र अंश है उसके ,पर वो तो हमें ही अपना सम्पूर्ण शरीर बताता है। जब से हम आये जीवन में उसके ,वो अपना हर पल हमको ही देता आया है। जीता हर पल हमारे लिये,कोई और नहीं जग में उससा , वो पिता बस एक ही होता है, जो हमको सब कुछ लाकर देता है। ©Negi Girl Kammu पिता ।
पिता । #Poetry
read moreShishpal Chauhan
White माता पिता जीवन भर अपना फर्ज़ निभाते हैं, बच्चे को प्यार से अंगुली पकड़कर चलना दिखाते हैं। लेकिन बच्चे बड़े होने पर इंद्रधनुष की तरह रंग दिखाते हैं, माता पिता बादलों की तरह शीतल छाया प्रदान करते हैं, बच्चों को कुछ न हो जाए इसलिए डरते हैं। उनका ध्यान हरदम उनकी तरफ रहता है, दुख दर्द हमेशा सहता है। इसलिए मेरी भी यही है अर्ज, कसम खाएं और निभाएं अपना फर्ज। उतारें उनका कर्ज, उनके दिल में न रहे कोई मर्ज। ©Shishpal Chauhan # माता पिता
# माता पिता #कविता
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