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Shilpa Priya Dash
Unsplash जलते दीये से कहाँ छिपता है अँधेरा, पर बनता ज़रूर है एक सहारा। जो एहसास बन जगाता है मन में साहस का सितारा, और रोशन करता है दिल का हर एक किनारा। ©psshhh...it's me #life with poetry
#Life with poetry
read moreAnil gupta(Storyteller)
"घड़ी की सुइयां बस वक्त नहीं दिखातीं, यह हमें हर गुजरते सेकंड की अहमियत समझाती हैं। ठहरकर सोचो, क्या तुम अपना हर पल वैसे जी रहे हो जैसा जीना चाहते थे? क्योंकि समय लौटकर नहीं आता, लेकिन तुम्हारे फैसले तुम्हारा भविष्य बदल सकते हैं।" ©Anil gupta(Storyteller) #samay Prashant Dadsena Author kunal Satyam Singh
#samay Prashant Dadsena Author kunal Satyam Singh
read moreGovind Singh rajput GSR
Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) h m alam s Ruchika बाबा ब्राऊनबियर्ड Monu Kumar wpoetry for kids wpoetry quotes wpoetry in hindi s
read moreGovind Singh rajput GSR
White अपनी ज़ात पे आऊंगा मैं जब औकात पे आऊंगा मैं मत छेड़ो तुम मुझको वरना सीधे घात पे आऊंगा मैं ©Govind Singh rajput GSR #gandhi_jayanti irslan khan बाबा ब्राऊनबियर्ड h m alam s Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) Ruchika poetry lovers hindi poetry poe
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read moreGovind Singh rajput GSR
White एक गुमसुम सा लड़का था मैं जिन दिनों कुछ भी आता नहीं था मुझे ठीक से काम से काम रखता था मैं उन दिनों अपनी मस्ती में जीता था रहता था मैं मेरे दिल में जो आए वो करता था मैं इस तरह ठीक चल तो रहा था मगर हादसा एक दिन यार ऐसा हुआ मेरी आँखें खुली की खुली रह गई मौन था मैं वहीं और करता भी क्या ख़ुद-कुशी की ही बातें खटकने लगी कोई अपना नहीं था शहर में जिसे बात कहता किसे गम सुनाता किसे जब समझ में मेरे कुछ भी आया नहीं अब करेगा वही ठीक ये सोचकर मैंने ख़ुदको उसी के हवाले किया जो हुआ सो हुआ भूल जाऊँ मगर दर्द का सिलसिला फिर भी चलता रहा ठीक कहते हैं लड़के नए दौर में ग़म की सौगात करता नहीं है कोई वक़्त पे साथ देता नहीं है कोई ठीक ऐसा मेरे साथ होता रहा बात करते हुए तंज कसते हुए लोग ताने भी देते थे हँसते हुए ऐसा मंज़र जो मुझसे न देखा गया इस तरह हर घड़ी टूटता ही रहा मानो सब कुछ ही छिन तो गया था मगर एक उम्मीद ने मुझको ज़िंदा रखा फिर उसी वक़्त मैंने ये तय कर लिया अब तो जो भी है करना पड़ेगा मुझे हौंसला इस तरह से बढ़ाते हुए चल पड़ा राह में लड़खड़ाते हुए रोज गिरता रहा फिर संभलता रहा राह काँटों के थे फिर भी चलता रहा दे के ठोकर वो बेहतर बना ही दिया *वक़्त ने मुझको जीना सिखा ही दिया* ©Govind Singh rajput GSR #sad_qoute Ruchika Aditi Agrawal Hiyan Chopda Akku chaudhari Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) deep poetry in urdu urdu poetry lo
#sad_qoute Ruchika Aditi Agrawal Hiyan Chopda Akku chaudhari Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) deep poetry in urdu urdu poetry lo
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