Find the Latest Status about लोकसंख्या भाग 1 स्वाध्याय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लोकसंख्या भाग 1 स्वाध्याय.
Kumarchitra
आबादी तो है मगर एक तीळ सात जणांनी वाटून खाल्लेला ऐकलंय.. पण आज सात नाही सत्तर हजार दावेदार आहेत ! ..यांच्या भांडणात तो तीळ(निसर्ग) नक्कीच हरवून जाईल..!! @कुमारचित्र #लोकसंख्या #population
#लोकसंख्या #Population #thought
read moreRj Kant krishn kant
Vishnu Bhagwan भास ? भास से भाषा, भाषा से विचार, विचारो से चिंतन, और चिंतन में सिर्फ कलिकाल। राधा राधा ©Rj Kant krishn kant स्वाध्याय
स्वाध्याय #मोटिवेशनल
read moreRaone
इन काली अंधेरी रात में याद जब हम आपको आयेंगे अमावस की उस भयानक रात में आप चाह कर भी हमसे मिल नहीं पाओगे साँय-साँय करती उस रात में ख़ुद की साँसों को भी महसूस नहीं कर पाओगे मेरे बन्द पड़े अल्फ़ाज़ों को खामोशी का नाम ख़ुद दे जाओगे याद करो जब रो-रोकर मैं, अपनी तड़प आपसे कहता था उस वक्त बहरे आप बन जाते थे, पर पीड़ा मेरा गहरा था अब इस धरती पर मेरा जिस्म नहीं, दफ़न कब्र में सोया हूँ अब कब्र पे आकर क्या रोना, जिन्दा रहते तेरे प्यार में कितना रोया हूँ जब तब ना समझे तो अब क्या समझोगे पर लिखकर मैं कुछ छोड़ गया हूँ, क्या इसको समझ पाओगे कुछ अल्फ़ाज़ मेरे तुम याद रखना राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी (भाग-1) भाग-1
भाग-1 #कविता
read morePRATIK MATKAR
एक निराशा हाती आली अंधार सोहळे देऊन गेली बीजे मातीमध्ये रुजण्याआधी स्वप्न कोवळे घेऊन गेली एक निराशा मग मनात रुजली स्वप्न वेलीवर हळूच चढली भार मनीचे वाढू लागले सगळेच अनुभव कडू लागले चव आयुष्याची निघून गेली भयाण शांतता वाट्याला आली भाग 1
भाग 1
read moreYumRaaj ( MB जटाधारी )
**यदि कश्चित् कथमपि अन्यस्य विषये अत्यन्तं उत्साहितः, प्रसन्नः, क्रुद्धः, दुःखितः वा भवति । अतः तस्य वा केनचित् कारणेन तस्मिन् व्यक्तिना क्रुद्धः, यदि च सुखी तदा केनचित् प्रकारेण वा, तदेव तस्य सुखस्य कारणं, यदि सः भावविक्षिप्तः अस्ति तर्हि सः अपि क्रुद्धः भवति, यदि च सः is sad then it is due to कारणं तस्य व्यक्तिस्य प्रति अत्यन्तं आसक्तिः। तथा च आसक्तिः आसक्तिः वा कस्यचित् व्यक्तिस्य दुःखस्य मूलकारणं भवति!** ©YumRaaj YumPuri Wala #Dhund #स्वाध्याय
ankit saraswat
मेरा दिल धड़कता था तेरी आवाज सुनकर, अब आजकल वो धडकन सुनाई नहीं देती, पता नहीं तुमने आवाज देना बन्द कर दिया, या मेरे दिल ने धड़कना छोड़ दिया है। मेरी साँसों में तेरी खुशबू महका करती थी, अब आजकल वो खुशबु नहीं महकती, पता नहीं तुमने महकना छोड़ दिया, या मुझे अब साँस नहीं आती। पूरी-पूरी रात जिस फोन पे बीतती थी, अब आजकल वो फोन नहीं बजता, पता नहीं तुम्हारा रिचार्ज खत्म हो गया है, या मेरे फोन में ही घण्टी नहीं आती।। #अंकित सारस्वत# #प्यार भाग-1
Harpinder Kaur
गाली पुरुष को लगता है कि गाली उसके पुरूष होने का एक पहचान पत्र है उसकी मर्दानगी है एक औरत के नाम पर दी गाली में वो अपना पौरूषार्थ समझता है माँ - बहन की गालियों को वो अपने गुस्से का सुकून समझता है वो देता है......... औरत के उस हिस्से को गाली जिस हिस्से से वो दुनिया में आता है और अपना वंश बढ़ाता है ©Harpinder Kaur # भाग -1 ..... ✍️
# भाग -1 ..... ✍️ #Poetry
read moreRaone
माँ अब वो नींद कहाँ हे माँ, जो तेरे आँचल में आ जाती थी । अब तो माँ वो रात ना आती, जो संग तेरे खाट पर सोकर तारे दिखलाती थी। करवट, सिलवट, सब बुरे सपनें, अब ये रात निगोड़ी देती है। देकर सब बोझ दिलों, दिमाग पर, सब सूकून, चैन ले लेती है। क्या दिन थे अम्मा वो दिन , नित थपकी तेरी पाते थे। कितनी भी भयानक चाहे रात हो, झटपट तेरे आँचल में सो जाते थे। तेरी उस लोरी, चनयनी में हे माँ, जाने क्या जादू सा होता था। कितना भी बड़ा दर्द हो माँ, पल में सब दूर हो जाता था। (भाग-1) @उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी माँ (भाग-1)
माँ (भाग-1)
read more