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Stories related to त्रेता द्वापर सतयुग कलयुग

Sumit Pandey

धोखा एक कलयुग का प्रसाद है😱😌 #nojohindi #motivate #Like #EXPLORE प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस सा

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Parasram Arora

घोर कलयुग

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White  एक हार  गले मे गिरा या एक हार जिंदगी को मिली 

बेहतर यही होगा कि जिंदगी की हार को गले के हार से  तुम बदल लेना 

ये घोर कल युग का दौर हैँ ये तुम्हारी जिंदगी का इम्तिहान जरूर लेगा
 
बेहतर होगा इस शातिर कलयुग के हवन कुंड से तुम  खुद को बचा कर निकल जाना

©Parasram Arora घोर कलयुग

Ashraf Fani

सिर्फ दिखावे की ख़ातिर रावण पे थूक रहे हैं कलयुग के रावण ही, अब रावण फूँक रहे हैं #ashraffani #Dussehra हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता Hin

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White सिर्फ दिखावे की ख़ातिर रावण पे थूक रहे हैं
कलयुग के रावण ही, अब रावण फूँक रहे हैं

©Ashraf Fani सिर्फ दिखावे की ख़ातिर रावण पे थूक रहे हैं
कलयुग के रावण ही, अब रावण फूँक रहे हैं
#ashraffani 
#Dussehra  हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता Hin

Parasram Arora

शातिर कलयुग

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White आज के इस दोर मे 
यहां 

पानी से भी 
सस्ता हुआ हैँ 
खून 

ळग रहा हैँ 
ये शातिर कलयुग 

अब अपना
 असली रंग  दिखा रहा हैँ

©Parasram Arora शातिर  कलयुग

IG @kavi_neetesh

कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन

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Ram Bist

ए कलयुग हे साहब 💓🥰

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून

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दोहा :-
करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार ।
हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।।
कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार ।
कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।।
कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार ।
जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।।
कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम ।
तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।।
रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल ।
रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।।
आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो  फर्क ।
मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।।
जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश ।
कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।।
जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात ।
वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।।
मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद ।
तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।।
मातु-पिता हर से कहे,  प्रखर जोड़ कर हाथ ।
अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।।
मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान ।
जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।।
तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव ।
वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।।
मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार ।
पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।।
मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान ।
उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-
करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार ।
हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।।
कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार ।
कहीं पान दातून

ਸੀਰਿਯਸ jatt

#love_shayari कलयुग है, यहां बस मायावी औरते बची है बस !

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White चलो आओ आज फिर समाज की औरतों की परख करेंगे!

"आज की औरत को प्यार दोगे तो धोका दे देगी और औरत के जिस्म से खेलोगे 
तो प्यार मोहब्बत करेगी" !

कैसी चूतड औरते हैं! 
लगता हैं वो दौर गया जब औरते हुआ 
करती थी!

©ਸੀਰਿਯਸ jatt #love_shayari कलयुग है, यहां बस मायावी औरते बची है बस !

01Chauhan1

इस कलयुग में

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person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

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इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके
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