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kumaarkikalamse
हमारे झगड़े को भुला हमारी सुलह का विचार कर ले, दो युगों का अंत कर युग संधि का खाका तैयार कर ले..!! काल गणना की बुद्धि विमर्श वाली युक्ति का आधार धर ले सतयुग, त्रेता, द्वापर कलयुग, हर युग में प्यार कर ले..!! युग हो कोई या कोई काल हो तू ही मेरा साया तू ही ढाल हो..! एक अलग नज़्म आप सब की खिदमत में..! #kumaarsthought #kumaarpoem #कलयुग #सतयुग #त्रेता #द्वापर #प्यार #विचार
युग हो कोई या कोई काल हो तू ही मेरा साया तू ही ढाल हो..! एक अलग नज़्म आप सब की खिदमत में..! #Kumaarsthought #kumaarpoem #कलयुग #सतयुग #त्रेता #द्वापर #प्यार #विचार
read moreImran Shekhani (Yours Buddy)
सतयुग और कलयुग में #दिल #रिश्ता #सतयुग #कलयुग #lifequote #philosophical #thought #fundaoflife #YoursBuddy #Fondness
read moremjaiswar
मैने सुना है जुबान काली होतो बातें सच हो जाती है , तो काश मेरी जुबान काली होती तो मौत की जगह हम कुछ और मांगे होते । हर प्यार करनेवालों के प्यार में मायूसी नही छाई होती , क्यंकि महोब्बत करने वालो की किस्मत हम साजये होते । बात बस इतनी सी नही है , हम तो लोगों को सच बोलना सिखाएं होते । क्यंकि लोग अक्सर वादे कर के तोड़ देते हैं , इसलिए कलयुग को भी हम सतयुग बनाये होते । मैने सुना है #जुबान #काली होतो बातें सच हो जाती है , तो काश मेरी जुबान काली होती तो #मौत की जगह हम कुछ और #मांगे होते । हर #प्यार करनेवालों के प्यार में #मायूसी नही छाई होती , क्यंकि #महोब्बत करने वालो की #किस्मत हम साजये होते । #बात बस इतनी सी नही है , हम तो लोगों को #सच बोलना सिखाएं होते ।
मैने सुना है #जुबान #काली होतो बातें सच हो जाती है , तो काश मेरी जुबान काली होती तो #मौत की जगह हम कुछ और #मांगे होते । हर #प्यार करनेवालों के प्यार में #मायूसी नही छाई होती , क्यंकि #महोब्बत करने वालो की #किस्मत हम साजये होते । #बात बस इतनी सी नही है , हम तो लोगों को #सच बोलना सिखाएं होते ।
read moreBadri Duvey
#Worldsmileday टीचर स्टूडेंट से :बताओ सतयुग और कलयुग में क्या अंतर है! स्टूडेंट: सतयुग में इंद्र के पास १०-१२ इन्द्राणी होती थी!! कलयुग में इन्द्राणी के पास १०-१२ इंद्र होते है !! बस यही है सबसे बड़ा अंतर Pratik Pandey kashi sing आदित्य सिंह राजन sarita jakhar Mnunayak👸
Pratik Pandey kashi sing आदित्य सिंह राजन sarita jakhar Mnunayak👸
read morePawan kumar Juneja
जिंदगी में अपनी एक बात हमेशा छुपा के रखो, वही आपका गुण बनती है , क्योंकि सतयुग भी सतयुग इसलिए बना क्योंकि वहां बात/गुण छुप नही सका, यह तो फिर भी कलयुग है ।
आयुष पंचोली
"दशावतार" जब जब धर्म की होंने लगती हैं हानि, धरती पर बढने लगते हैं, अधर्मी मनुष्य और अभिमानी । रोती हैं जब यह धरती माता खून के आँसू, गोओ का रूदन जब चित्कार मचाता हैं। तब हरने को पीड़ा इनकी, काल उतर कर युग परिवर्तन करने आता हैं। तब तब अवतरित होकर निराकार का परम अंश, धरकर कितने ही विविध रूप अपनी सर्वोच्च सत्ता की महानता का एहसास सबको कराता हैं।
जब जब धर्म की होंने लगती हैं हानि, धरती पर बढने लगते हैं, अधर्मी मनुष्य और अभिमानी । रोती हैं जब यह धरती माता खून के आँसू, गोओ का रूदन जब चित्कार मचाता हैं। तब हरने को पीड़ा इनकी, काल उतर कर युग परिवर्तन करने आता हैं। तब तब अवतरित होकर निराकार का परम अंश, धरकर कितने ही विविध रूप अपनी सर्वोच्च सत्ता की महानता का एहसास सबको कराता हैं।
read moreआयुष पंचोली
क्या हैं- धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष क्या हैं- धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष...!! हमारा आध्यात्मिक इतिहास बहुत बड़ा रहा हैं। ना जाने कितनी ही सभ्यताये आई और चली गई, मगर हमारे अस्तित्व को कभी डिगा नही पाई। कितने ही लोगो ने हमारे धार्मिक ग्रंथो से छेड़खानी करकर, कितने ही तथ्यों को बदल दिया। यहां तक की कुछ ऐसी दकियानुसी बातें भी हमारे आराध्य देवताओ के बारे मे फैलायी गई जो किसी भी रूप मे सत्य कभी हो ही नही सकती। खैर जो भी हो जहाँ, आस्था होती हैं, वहाँ तर्क का कोई काम नही रहता । और अगर कोई आपको गलत मानकर ही बैठ जायें कुछ सुनना ही ना चाहे तो
क्या हैं- धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष...!! हमारा आध्यात्मिक इतिहास बहुत बड़ा रहा हैं। ना जाने कितनी ही सभ्यताये आई और चली गई, मगर हमारे अस्तित्व को कभी डिगा नही पाई। कितने ही लोगो ने हमारे धार्मिक ग्रंथो से छेड़खानी करकर, कितने ही तथ्यों को बदल दिया। यहां तक की कुछ ऐसी दकियानुसी बातें भी हमारे आराध्य देवताओ के बारे मे फैलायी गई जो किसी भी रूप मे सत्य कभी हो ही नही सकती। खैर जो भी हो जहाँ, आस्था होती हैं, वहाँ तर्क का कोई काम नही रहता । और अगर कोई आपको गलत मानकर ही बैठ जायें कुछ सुनना ही ना चाहे तो
read moreआयुष पंचोली
कलयुग का अन्त और कल्की अवतार। जो काल , जो चीज घटित हो गई उसकी बातें करना, उस पर शोध करना, और उससे सम्बंधित निष्कर्ष पर पहुचना तो बहुत आसान हैं। मगर जो हुआ ही नही उसके बारे मे , आने वाले कल के बारे मे कैसे जाना जायें इसका कोई विकल्प विज्ञान के पास मौजूद नही हैं। मगर आध्यात्म ध्यान और योग के माध्यम से भविष्य को जानने का उदाहरण कई बार पेश कर चुका हैं। अब अगर उसे कल्पना भी माने तो भी एक प्रकार से वही काल्पनिक सोच जब तक तथ्योके साथ घटित होती हुई दिखती हैं, तो फिर उस आध्यात्म के उस शोध पर विश्वास होने लगता हैं की हाँ, शायद ऐसा हो
जो काल , जो चीज घटित हो गई उसकी बातें करना, उस पर शोध करना, और उससे सम्बंधित निष्कर्ष पर पहुचना तो बहुत आसान हैं। मगर जो हुआ ही नही उसके बारे मे , आने वाले कल के बारे मे कैसे जाना जायें इसका कोई विकल्प विज्ञान के पास मौजूद नही हैं। मगर आध्यात्म ध्यान और योग के माध्यम से भविष्य को जानने का उदाहरण कई बार पेश कर चुका हैं। अब अगर उसे कल्पना भी माने तो भी एक प्रकार से वही काल्पनिक सोच जब तक तथ्योके साथ घटित होती हुई दिखती हैं, तो फिर उस आध्यात्म के उस शोध पर विश्वास होने लगता हैं की हाँ, शायद ऐसा हो
read moreओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
आईना है बचपन ,,, ईश्वर की सुरत का चाहे आप देखे उस में,,,भले ही राम रहीम मौला,,,,,,,, ,,,,,देखो कलयुग है ,,,,,आज का युग लेकिन, दिख जाता है उस में भी कही- कही सतयुग,,,,, कलयुग इतना बुरा भी नही है तो ,,,,, सतयुग इतना अच्छा भी नही है
आईना है बचपन ,,, ईश्वर की सुरत का चाहे आप देखे उस में,,,भले ही राम रहीम मौला,,,,,,,, ,,,,,देखो कलयुग है ,,,,,आज का युग लेकिन, दिख जाता है उस में भी कही- कही सतयुग,,,,, कलयुग इतना बुरा भी नही है तो ,,,,, सतयुग इतना अच्छा भी नही है
read moreATHLETE_YOGESH
#Time #कलयुग #सतयुग #राम #सिया #सीता #god #भगवान