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Heer
तुम्हारे सिवा मुझे कोई नहीं समझ सकता मेरे कृष्ण! आकर थाम लो मुझे तुम गले अपने लगा लो, जी भर के रो लू मैं आज तुम्हारे कांधे सिर रख के।। थक गई बोझ ढोते ढोते इस जिंदगी का, अब नहीं बल मुझमें लड़ने का, आकर ले जाओ मेरे सखा तुम भी नहीं यहां कोई हमारा।। व्यर्थ भटक रही थी मैं माया भरे संसार में, ठोकर खाकर समझ आया है नहीं कोई अपना इस मिथ्या भरे जगत में।। आओ कृष्ण अब ले जाओ मुझे तुम साथ अपने, कर रही इंतजार कबसे ये सखी तुम्हारी।। 😭😭😭 ©Heer मेरे सखा मेरे कृष्ण! आओ अब ले जाओ मुझे इस माया भरे जगत से !!😭🙏
मेरे सखा मेरे कृष्ण! आओ अब ले जाओ मुझे इस माया भरे जगत से !!😭🙏 #Poetry
read moreVinod Mishra
"ज़रूरत में साथ खड़ा हो सखा होता है और यही सखा धर्म है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन 🙏🖊️🙏 #मोटिवेशनल
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सखा तुम आज , प्रेम हम तुमसे करते ।। आओ खेलो संग , हमारा निर्मल नाता । समझा दूँगा साँझ , चलो घर मैं गौ माता ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सख
कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सख #कविता
read moreRimpi chaube
जग की न मित्रता चाहिए मुझे। हे जगदीश सखा तुम बन जाओ। ये जग वाले देखते रह जाए... तुम ऐसी प्रीत निभा जाओ।। मित्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏 ©Rimpi chaube #जगदीश_सखा_तुम_बन_जाओ❤️💑🥰 जग की न मित्रता चाहिए मुझे। हे जगदीश सखा तुम बन जाओ। ये जग वाले देखते रह जाए... तुम ऐसी प्रीत निभा जाओ।। मित्रता
जगदीश_सखा_तुम_बन_जाओ❤️💑🥰 जग की न मित्रता चाहिए मुझे। हे जगदीश सखा तुम बन जाओ। ये जग वाले देखते रह जाए... तुम ऐसी प्रीत निभा जाओ।। मित्रता #Poetry
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White ,, हम गुरु चरणों में शीश झुकाएँ ,, गुरु शरण नित शीश झुका कर, अंतस सुख पा जाइए । मिलता अनुपम ज्ञान जहाँ से, जीवन को सुखी यही बनाइए । भक्ति का सार सिखाते गुरु वर, प्रभु मिलन की राह बनाइए। नर देह धरी प्रभु ने जो धरा पर, गुरु शरण में शीश झुकाया था । गुरु की महिमा का ज्ञान हमें, गुरु शिक्षा से सिखलाया था। भव सागर से तर जाने को, जप नाम का मार्ग दिखाया था । गुरु बिन ज्ञान अधूरा होता, यह गुर( तरीका)हमको सिखलाया था। मात - पिता,गुरु,बंधु,सखा, 'गुरु ' सम ज्ञान की सीढ़ी हैं । गुरु मान इन्हें नित शीश झुका, अंतस में इन्हें बिठाइए। गुरु शरण नित शीश झुकाइए । ©बेजुबान शायर shivkumar #guru_purnima #Nojoto ,, हम #गुरु चरणों में शीश झुकाएँ ,,