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Mohan raj
जो लोग मुझे हारते हुए देखना चाहते हैं, उनके लिए मौन मेरा उत्तर है। ये मां हानिम् द्रष्टुम् इच्छन्ति तेषां कृते मौनम् एव मम उत्तरम् Silence is my answer to those who want to see me lose Dhnyvaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life lessons ये मां हानिम् द्रष्टुम् इच्छन्ति तेषां कृते मौनम् एव मम उत्तरम्
#Life lessons ये मां हानिम् द्रष्टुम् इच्छन्ति तेषां कृते मौनम् एव मम उत्तरम्
read moreMohan raj
शिक्षा का अर्थ है, आपको इसे सही दिशा में प्रदान करना चाहिए जहां से आप उन लोगों कि मदद कर सकें जिन्हे एक सही गुरु की जरूरत है शिक्षायाः अर्थः अस्ति यत्, भवन्तः तत् सम्यक् दिशि प्रदातव्या यतः भवन्तः तेषां जनानां साहाय्यं कर्तुं शक्नुवन्ति येषां समीचीनगुरुस्य आवश्यकता वर्तते। The meaning of education is, you should provide it in the right direction from where you can help those people who need a right teacher Dhanyawad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons Motivational शिक्षायाः अर्थः अस्ति यत्, भवन्तः तत् सम्यक् दिशि प्रदातव्या यतः भवन्तः तेषां जनानां साहाय्यं कर्तुं शक्नुवन्ति य
Life Lessons Motivational शिक्षायाः अर्थः अस्ति यत्, भवन्तः तत् सम्यक् दिशि प्रदातव्या यतः भवन्तः तेषां जनानां साहाय्यं कर्तुं शक्नुवन्ति य
read moreAnchal Tiwari
ईश्वरः पाषाणे लभ्यते किन्तु मानवः मनुष्ये न लभ्यते। वयं ईश्वरं वदामः यत् भवता निर्मिते जगति भवतः किमपि किमर्थं न प्राप्नुमः।परन्तु किं वयं स्वयमेव तेषां सदृशाः भवितुम् अर्हति। पत्थर में ईश्वर मिल सकता है लेकिन मनुष्य में मनुष्य नहीं मिलता । हम ईश्वर से कहते हैं कि आप की बनाई इस दुनिया मे कोई आप सा क्यों नही मिलता, परंतु क्या हम खुद उनके जैसा बन पाते हैं। हर हर महादेव ❤️ ©Anchal Tiwari ईश्वरः पाषाणे लभ्यते किन्तु मानवः मनुष्ये न लभ्यते। वयं ईश्वरं वदामः यत् भवता निर्मिते जगति भवतः किमपि किमर्थं न प्राप्नुमः।परन्तु किं वयं स
ईश्वरः पाषाणे लभ्यते किन्तु मानवः मनुष्ये न लभ्यते। वयं ईश्वरं वदामः यत् भवता निर्मिते जगति भवतः किमपि किमर्थं न प्राप्नुमः।परन्तु किं वयं स #Thoughts #yqbaba #mahadev #yqdidi #Bholenath #Sanskrit #nojohindi #anchuuquotess #anchaltiwaripoetry #miraculousthoughts
read moreअशेष_शून्य
°_श्रीरुद्राष्टकं_° तुलसीदास कृत "शिव रुद्राष्टकम्" (रुद्र + अष्टक) रुद्र ( शिव) के आठ श्लोकों के समूह में से अष्टम् श्लोक -🌸 ______________🌷ॐ🌷______________ हे कल्याणकारी परमेश्वर ! हे परमपिता ! तुम्हें नमन _____________🌷🙏🌷______________ श्लोक ::- न जानामि योगं जप
______________🌷ॐ🌷______________ हे कल्याणकारी परमेश्वर ! हे परमपिता ! तुम्हें नमन _____________🌷🙏🌷______________ श्लोक ::- न जानामि योगं जप
read moreVishw Shanti Sanatan Seva Trust
हरिनाम-कीर्तनः कल्पतरू भगवन्नाम अनंत माधुर्य, ऐश्वर्य और सुख की खान है। नाम और नामी में अभिन्नता होती है। नाम-जप करने से जापक में नामी के
read moreDivyanshu Pathak
मय्यावेश्य मनो ये मां नित्य युक्त उपासते ! श्रद्धया परयोपेतारस्ते मे युक्तात्मा मताः !! : श्री कृष्ण कहते हैं कि जो श्रद्धायुक्त उपासक मेरे सगुण रूप की उपासना करते हैं वो मुझे अतिउत्तम लगते हैं । गी. अ. 12/02 : जो जीवात्मा अपनी इन्द्रियों को वश में किए मन बुद्धि को स्थिरकर ज्ञानयोग से मेरे निराकार स्वरूप की उपासना करते हैं वो मुझे ही प्राप्त होते है । गी. अ.-12/03-04 : अपने सभी कर्मों को मुझे अर्पितकर मेरे नामरूप का गुणगान करते हैं,उनका कल्याण भी मैं शीघ्र ही करता हूँ । गी. अ.- 12/06-07 एवं सततयुक्त ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ! ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः !! : हे कृष्ण मुझे ये बताओ😊 किस तरह से आपको प्राप्त किया
एवं सततयुक्त ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ! ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः !! : हे कृष्ण मुझे ये बताओ😊 किस तरह से आपको प्राप्त किया
read moreVishw Shanti Sanatan Seva Trust
हरे कृष्ण हरे हरे ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust हरिनाम कीर्तन महिमा - नाम जपत मंगल दिशा दसहुँ By: Dr. Krishna भगवन्नाम अनंत माधुर्य, ऐश्वर्य और सुख की खान है। नाम और नामी में अभिन्नता होती
हरिनाम कीर्तन महिमा - नाम जपत मंगल दिशा दसहुँ By: Dr. Krishna भगवन्नाम अनंत माधुर्य, ऐश्वर्य और सुख की खान है। नाम और नामी में अभिन्नता होती #प्रेरक
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