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VED PRAKASH 73

Sakshi CHAUHAN

#mentalHealth अष्टावक्र और राजा जनक की प्रेरणादायक कहानी। mysterious boy Raza Official isha rajput Dayal "दीप, Goswami.. deepak goy #Life

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Sonu Gami

ईश्वर बाहर भी है और भीतर भी बाहर खोजने वाला भटकता है भीतर खोजने वाला पाता है अतः है प्रिय अपने को सभी बंधनों से मुक्त जानो अष्टावक्र गीता। # #qoutes #विचार #yogisonu

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ईश्वर बाहर भी है और भीतर भी बाहर खोजने वाला भटकता है भीतर खोजने वाला पाता है अतः है प्रिय अपने को सभी बंधनों से मुक्त जानो अष्टावक्र गीता।

©Yogi Sonu ईश्वर बाहर भी है और भीतर भी बाहर खोजने वाला भटकता है भीतर खोजने वाला पाता है अतः है प्रिय अपने को सभी बंधनों से मुक्त जानो अष्टावक्र गीता। #

N S Yadav GoldMine

#fathers_day OM NAMO BHAGWATE VASUDEVAY 🙏 JAI SHRI RADHEY KRISHNA 🙏 "How wonderful it is that in the infinite ocean of myself the waves o #मोटिवेशनल

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Nadbrahm

मिथिला इतिहास के एक बड़े हिंस्से में अपने उत्कर्ष पतन के अनगिनत किस्सों को समेटे है। वैदिक काल मे जो क्षेत्र मानव विकाश के लिए विमर्श , संवाद #untoldstory #अनुभव #root #culture_and_civilisation

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मिथिला इतिहास के एक बड़े हिंस्से में अपने उत्कर्ष पतन के अनगिनत किस्सों को समेटे है। वैदिक काल मे जो क्षेत्र मानव विकाश के लिए विमर्श , संवाद व विद्या साधना की भूमि रही है। ज्ञान का प्रभाव ऐसा की दुनियां के समस्त विद्वान अपने ज्ञानी होने के सामाजिक प्रमाण हेतु जनक सभा मे आकर अपनी विद्वता सिद्ध  करते थे। वैदिक उपनिषद के तत्व ज्ञान का प्रवाह ऐसा की वहाँ का राजा स्वयं को राज पद , संपदा व सामाजिक मान अपमान से मुक्त यहाँ तक कि इस भौतिक देह की सीमाओं से भी मुक्त था। इसी ज्ञान के आधार पर मिथिला के सभी सम्राट विदेह कहलाते थे बिना देह अर्थात भौतिक सीमाओं से परे ज्ञान पुंज। उसी धरती पर कणाद, गौतम,अष्टावक्र जैसे तत्व ज्ञानी का ज्योति फैला। संख्या, मीमांसा के सिद्धि की ये धरती भी काल क्रम में अपने पराभव को नही रोक पाई। काल चक्र में माता जानकी की ये भूमि विप्पनता, अशिक्षा व दरिद्रता का दंश झेलने लगी। राजनीतिक वेदी पर इस क्षेत्र का विखंडन भी भारत व नेपाल के हिस्से में हो गया। इस अंतहीन यात्रा में ज्ञान भले लोप हुआ पर लोक कलाएं आज भी अपने मिथिला के अस्तित्व का गीत सब को सुनाती है। भित्ति चित्र व अहिपन ( अल्पना ) से बढ़ते हुए आज मिथिला पैंटिग उसी मिथिला की खास संस्कृति के  किस्से सुनाती है। 
यह पैंटिग हर पर्व त्योहारों में मिट्टी पर बनी, आँगन में बनी, मिट्टी के घर को लेब कर उस के दीवारों को सजाया नव जीव आवाहन की प्रक्रिया में भी तांत्रिक पैंटिग बन कोहबर( नव विवाहिता के लिए विशेष कमरा) में नव दंपति में लिए उत्तम ऊर्जा का संवाहक बानी । आज मिथिला से बाहर फैसन का भी रूप ले चुकी हमारी संस्कृति की ये अंतहीन कहानी है। 
हाँ मिथिला की बाते युगों से पुरानी है। 
#मिथिला #root #culture_and_civilisation #untoldstory

©BK Mishra मिथिला इतिहास के एक बड़े हिंस्से में अपने उत्कर्ष पतन के अनगिनत किस्सों को समेटे है। वैदिक काल मे जो क्षेत्र मानव विकाश के लिए विमर्श , संवाद
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