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Stories related to श्रध्दांजली कविता

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प्रकाश साळवी

विजयजी चव्हाण यांस श्रध्दांजली !!

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"मोरूची मावशी " या कलाकृतीला जागणारे अमर कलावंत विजयजी चव्हाण आज कालवश झाले नाट्य क्षेत्राचे हे नुकसान पुन्हा भरून येणार नाही. विशेष म्हणजे ते एक गिरणी कामगार होते. गिरण्यांच्या नाटकात त्यांनी आपली ही कला जोपासली आणि नाट्य क्षेत्रात प्रवेश मिळवला त्यांच्या आत्म्यास चिरशांती लाभो हिच ईश्वर चरणी प्रार्थना.  विजयजी चव्हाण यांस श्रध्दांजली !!

prakash punekar

पुलवामा व जवानां श्रध्दांजली #पौराणिककथा

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Pradip

भावपूर्ण श्रध्दांजली 💐💐😭 #RIPLATADIDI #जीवनअनुभव

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sundram shukla

😢अश्रुपूर्ण श्रध्दांजली राहत सर😢💐💐

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राह में  खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है

मौत कल आती है आज आ जाये डरता कौन है

तेरे लश्कर के मुताबिक मैं अकेला हूँ मगर 

फैसला मैदान में होगा कि मरता कौन है
✍.....Rahat indori.....✍
😢😢Miss u Sir😢😢 😢अश्रुपूर्ण श्रध्दांजली राहत सर😢💐💐

bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

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मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh #devdas   कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

NC

Sad_shayri कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

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RAJU Chauhn

कविता कविता

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Awanish Singh

कविता कविता

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Kishan Gupta

किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, 
पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, 
 
चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी,
इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो।

                                          ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #

Vikram Kumar Anujaya

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White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद,
हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।"
मैं सोचता हूँ, 
नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है,
हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है,
ये धरती, ग्रह, नक्षत्र,
सबके-सब घूमते क्यों हैं?
चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है,
और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है?
क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद
के लिए किसी की तलाश में है?

©Vikram Kumar Anujaya #moon_day  कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता
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