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manoj kumar jha"Manu"
शान्तितुल्यं तपो नास्ति न सन्तोषात्परं सुखम् । न तृष्णाया: परो व्याधिर्न च धर्मो दयापर: ॥ शांति से बढ़कर कोई तप नहीं, संतोष से बढ़कर कोई सुख नहीं। तृष्णा अथवा चाह से बढ़कर कोई रोग नहीं, दयालुता से बढ़कर कोई धर्मं नहीं। चाणक्य नीति ८/१३ धर्माचरण करें
धर्माचरण करें
read moreroshan
आना है तॊ आ जाना है तो जा.... घुटने पे बैठके तुम्हे मनाना मुझे शोभा देगा क्या? पानी का नही नाम साब्जी को नही दाम बता गोल्डन नेकलेस तुम्हे दिलाऊ कैसे? कुवा सुख गया है नदी नाला रुख गया है बता तेरे प्यार मे शलांग लगाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा.... बेजान सहै पत्थर पर बिना कुछ चडाये बता मान्नत मे तुझे उसीसे मांगु कैसे? भावनिक मै बहोत हू दिल मे तुम्हेहीं रखता हू पानी बचाते बचाते बता आसू अंखोसे बहाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा..... ....रोशन देसाई.... 12/02/20 इन हिंदी
इन हिंदी
read moreDiwani Divya
💖 प्रेम समझा सकूं,, ऐसी शक्ति मेरे पास कहां,, आप समझ सके तो निश्चित ही आपका हृदय प्रेमपूर्ण है। बिना प्रेम के ध्यान नहीं ढलता जीवन मे,, और बिना ध्यान के प्रेम महत्वहीन। एक तराजू के दो पलड़े, जिस पर हमारा जीवन ढल जाए तो शून्य भीतर उतर आता है। 💖 ©Diwani Divya हिंदी छोटे सुविचार इन हिंदी
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read moreSarita Kumari Ravidas
good night 🌉 ©Sarita Kumari Ravidas #Wochaand 'लव कोट्स इन हिंदी' गोल्डन कोट्स इन हिंदी
#Wochaand 'लव कोट्स इन हिंदी' गोल्डन कोट्स इन हिंदी
read moreChahat Kushwah
White कुछ जख्म तो भर जातें है लेकिन उनके निशान रह जाते है, वो जख्म भरने के बाद भी दर्द देते है। कभी कभी हम बिना किसी हथियार के भी जख्म दे देते है, अपनी बातो अपने व्यवहार से हम जाने अंजाने अपनो को ही बहुत तकलीफ और दर्द देते रहते है। (चाहत) ©Chahat Kushwah कोट्स इन हिंदी
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read moreMahi Ji Mahi Ji
रिस्ते की बात मत ही करो रिश्ता कं स और कृष्ण का भी था रिश्ता रावण और बिभीषन का भी था ।पर इन रिश्तों में एक तरफ अहंकार घमंड था तो दूसरी तरफ उदारता जो बार बार मौका दिए जा रहा था सुधरने का । रिश्ता वो भी था राम ल क्ष्मण भरत शत्रु ध्न का ।जहाँ एक भाई एक भाई के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया ।और रही बात रिश्तों की तो उसकी परिभाषा हमको न समझाओ तो ही बेहतर होगा । ©Mahi Ji Mahi Ji सुविचार इन हिंदी
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