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nisha Kharatshinde
मुके जाहले शब्द मुके जाहले शब्द वेदनेतून उमललेले गवसले नाही काहीही तरीही शिंपीत सडा गेले मौनाची ती पंक्ती दुसरा गुंता भावनेचा शल्य गवसले त्रीपंक्तीत चौथीत काहूर मनाचा अबोला हा कल्पनेचा की दडलेला समझोता शपथबद्ध भासले जणू दाटला गूढ अर्थ होता ✍️ निशा खरात/शिंदे (काव्यनिश) ©nisha Kharatshinde मुके जाहले शब्द
मुके जाहले शब्द
read moreRam Prakash
White शब्द शब्द वाणों से हृदय और न भेदे कोई निर्णीत मामलों को अबसे और न कुरेदे कोई ©Ram Prakash #good_night शब्द शब्द
#good_night शब्द शब्द
read moreअज्ञात
उत्कृष्ट हो कालजयी प्रमाण बनना होगा ए मेरी रचनाओं तुम्हें..! कलम की प्रतिष्ठा व सम्मान बनना होगा ए मेरी संवेदनाओं तुम्हें..! मेरे अंतर्मन का सर्व श्रृंगार हो तुम दीपक में ज्योति सा आधार हो तुम जीवनदर्शन का उपमान बनना होगा ए मेरी सामर्थ्यताओं ओं तुम्हें..! बड़ी सिद्द्त से गढ़ा है हर्फ़ हर्फ़ तराश कर कैसे जी पाउँगा तुमसे ही हारकर निराभिमान स्वाभिमान बनना होगा ए मेरी कल्पनाओं तुम्हें..! तुम्हारा अस्तित्व यूँ निरर्थक न हो पाये हमारा अथक परिश्रम ही व्यर्थ न जाये सत्यं शिवम सुंदरम की पहचान बनना होगा ए मेरी प्रेरणाओं तुम्हें..! प्रेम से पल्ल्वित हो पवित्रता का परिचय बनो तुम अमिट हो अजेय हो तो अक्षय बनो काव्य धरोहर में मनोरम स्थान बनना होगा ए मेरी भावनाओं तुम्हें..! ©अज्ञात #रचना
Prakash Vidyarthi
White :"भारत की नदियां": आओ बच्चों रचना में पहचान करते हैं। सीखने सिखाने का नया काम करते हैं।। भारत के कुछ पावन नदियों को याद । कविता के माध्यम से अब नाम करते हैं।। चमोली उतराखंड से गंगोत्री निकली आगे बढ़ बन चली भागीरथी नद आनंदा। मानसरोवर झील से ब्रह्मपुत्र निकसै उत्तराखंड अलकापुरी से नदी अलकनंदा।। गोमुख गंगोत्री गलेशियर से उदित भागीरथी किरात नदी के नाम से भीं ये जानी जाती। गढ़वाल क्षेत्र जल धारा में कोलाहल के कारण ये निर्झरणी भागीरथी सास भीं कभी कहीं जाती ।। सतोपंथ भागीरथ हिमनद से उत्पन अलकनंदा लगभग 195 km बहकर आगे बढ़ती जाती । सरस्वती धौलीगंगा नंदकिनि पिंडर सहायिका पहाड़ों कंदराओं को तोड़ती बहू बन इठलाती।। विष्णुप्रयाग धौलीगंगा से मिलती हैं मना गांव सरस्वती से । क्रनप्रयाग पिंडर सहायिका से रुद्रप्रयाग मंदाकिनी नदी से ।। देवप्रयाग उत्तरकाशी में आकर ये सरिताये भागीरथी और अलकनंदा बड़ी मन भाए। मिलकर दोनो की कल कल पानी संगम पर मां पावन पवित्र गंगा नदी कहलाए।। उत्तर प्रदेश बिहार से गुजरती बहती गंगा पश्चिम बंगाल में हुगली तटीनी बन इतराए। पबनद्वीप बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र से मिलंनकर ये मईया गंगा पदमा नाम से जाना जाए।। हिमालय पहाड़ी से कंदरा जंगल में होकर मैदानी इलाकों को तारती कभी बाढ़ भीं लेआती। मेघना नाम से गंगा ब्रह्मपुत्र के संयुक्त नीरधारा बंगाल की खाड़ी में हौले हौले अब गिरती जाती।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #sad_quotes #रचना #कविताएं
Ajit Singh "Prince"
White इसीलिए कूछ कहते नहीं हम, चूभे ना तुम्हें कभी शब्द हमारे। कहा तूमने ही था हथियार नहीं, एक दिन शब्द बाण ही मारेंगे तूम्हारे। ©Ajit Singh "Prince" #Sad_Status शब्द बाण।
#Sad_Status शब्द बाण।
read moreKesh Karan nishad
White संपूर्ण अवतार वाणी एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है ©Kesh Karan nishad ## प्रभु की रचना##
## प्रभु की रचना##
read moreMahesh Patel
White सहेली.... एक शब्द और एक रिश्ते की कीमत तभी पता चलती है.. जब दोनों निकल जाए, एक मुंह से दूसरा जीवन में से... लाला.... ©Mahesh Patel सहेली... शब्द.. लाला...
सहेली... शब्द.. लाला...
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