Find the Latest Status about ज्योतिषियों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ज्योतिषियों.
Mohd imran
हाथों की लकीरों के फरेब में मत आना ज्योतिषियों की दुकान पर मुकद्दर नहीं बिकते #शायरी
read moreAkash Das
#Who_Is_EarthSavior एक बार मगहर की रियासत में भयंकर अकाल गिर गया। ज्योतिषियों ने बताया कि तीन वर्ष का भयंकर सूखा है। यहां बारिश नहीं हो सकती
#Who_Is_EarthSavior एक बार मगहर की रियासत में भयंकर अकाल गिर गया। ज्योतिषियों ने बताया कि तीन वर्ष का भयंकर सूखा है। यहां बारिश नहीं हो सकती #nojotophoto
read moreVikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 📌 *चार बातों का रखे ध्यान-- (1) *चार चीजों का सदा सेवन करना चाहिए-* सत्संग, सन्तोष, दान और दया (2) *चार अवस्थाओं में आदमी बिगड़ता है, इसलिए इनसे सदा सावधान रहना चाहिए-* जवानी, धन, अधिकार और अविवेक (3) *चार गुण ग्रहण करने योग्य है-* धन में पवित्रता, दान में विनय, वीरता में दया और अधिकार में निरभिमानता (4) *चार चीजों का भरोसा मत करो-* बिना जीता हुआ मन, शत्रु की प्रीति, स्वार्थी की खुशामद और बाजारू ज्योतिषियों की भविष्यवाणी (5) *चार चीजों पर भरोसा रखो-* भगवान, सत्य, पुरुषार्थ और स्वार्थहीन मित्र (6) *चार बातों को याद रखो-* बड़े-बूढ़ों का आदर करना, छोटों की रक्षा और उन पर स्नेह करना, बुद्धिमानों से सलाह लेना और मूर्खों के साथ कभी न उलझना (7) *चार चीजें पहले दुर्बल दीखती हैं परन्तु परवाह न करने से बहुत बढ़कर दुःख के गड्ढे में डाल देती है-* अग्नि, रोग, ऋण और पाप (8) *चार चीजें मनुष्य को बड़े भाग्य से मिलती है-* भगवान को याद रखने की लगन, सन्तों की संगति, चरित्र की निर्मलता और उदारता (9) *चार चीजें जाकर फिर नहीं लौटती-* मुँह से निकली हुई बात, छूटा हुआ तीर, बीती हुई उम्र और मिटा हुआ अज्ञानi (10) *चार के संग से बचने की चेष्टा रखो-* नास्तिक, अन्य का धन, जवान स्त्री और दूसरों की बुराई बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 📌 *चार बातों का रखे ध्यान-- (1) *चार चीजों का सदा सेवन करना चाह
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 📌 *चार बातों का रखे ध्यान-- (1) *चार चीजों का सदा सेवन करना चाह #समाज
read moreपं.पीयूषसंजय शास्त्री
क्यों खास है हाथी का सवारी । ऐसी मान्यता है कि जब नवरात्रि में माता रानी, हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो बारिश होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। इससे चारों ओर हरियाली छाने लगती है और प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम पर होता है। तब फसलें भी बहुत अच्छी होती हैं। मैय्या रानी जब हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो अन्न-धन के भंडार भरती हैं। माता का हाथी या नौका पर सवार होकर आना, भक्तों के लिए बहुत मंगलकारी माना जाता है। इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा । “आ रही हैं मैया करने भक्तों का उद्धार, चारों ओर धूम मचेगी, होगी जय-जयकार!” पितृ पक्ष के बाद शा
इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा । “आ रही हैं मैया करने भक्तों का उद्धार, चारों ओर धूम मचेगी, होगी जय-जयकार!” पितृ पक्ष के बाद शा
read moreVikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *बहुत समय पहले की बात है , नयासर का राजा बड़ा प्रतापी था , दूर-दूर तक उसकी समृद्धि की चर्चाएं होती थी, उसके महल में हर एक सुख-सुविधा की वस्तु उपलब्ध थी पर फिर भी अंदर से उसका मन अशांत रहता था। उसने कई ज्योतिषियों और पंडितों से इसका कारण जानना चाहा, बहुत से विद्वानो से मिला, किसी ने कोई अंगूठी पहनाई तो किसी ने यज्ञ कराए , पर फिर भी राजा का दुःख दूर नहीं हुआ, उसे शांति नहीं मिली।* *एक दिन भेष बदल कर राजा अपने राज्य की सैर पर निकला। घूमते- घूमते वह एक खेत के निकट से गुजरा , तभी उसकी नज़र एक किसान पर पड़ी , किसान ने फटे-पुराने वस्त्र धारण कर रखे थे और वह पेड़ की छाँव में बैठ कर भोजन कर रहा था।* *किसान के वस्त्र देख राजा के मन में आया कि वह किसान को कुछ स्वर्ण मुद्राएं दे दे ताकि उसके जीवन मे कुछ खुशियां आ पाये।* *राजा किसान के सम्मुख जा कर बोला – ” मैं एक राहगीर हूँ , मुझे तुम्हारे खेत पर ये चार स्वर्ण मुद्राएँ गिरी मिलीं , चूँकि यह खेत तुम्हारा है इसलिए ये मुद्राएं तुम ही रख लो।“* *किसान – ” ना – ना सेठ जी , ये मुद्राएं मेरी नहीं हैं , इसे आप ही रखें या किसी और को दान कर दें , मुझे इनकी कोई आवश्यकता नहीं।“* *किसान की यह प्रतिक्रिया राजा को बड़ी अजीब लगी , वह बोला , ” धन की आवश्यकता किसे नहीं होती भला आप लक्ष्मी को ना कैसे कर सकते हैं ?”* *“सेठ जी , मैं रोज चार आने कमा लेता हूँ , और उतने में ही प्रसन्न रहता हूँ… “, किसान बोला।* *“क्या ? आप सिर्फ चार आने की कमाई करते हैं , और उतने में ही प्रसन्न रहते हैं , यह कैसे संभव है !” , राजा ने अचरज से पुछा।* *”सेठ जी”, किसान बोला ,” प्रसन्नता इस बात पर निर्भर नहीं करती की आप कितना कमाते हैं या आपके पास कितना धन है …. प्रसन्नता उस धन के प्रयोग पर निर्भर करती है।“* *”तो तुम इन चार आने का क्या-क्या कर लेते हो ?, राजा ने उपहास के लहजे में प्रश्न किया।* *किसान भी बेकार की बहस में नहीं पड़ना चाहता था उसने आगे बढ़ते हुए उत्तर दिया”* *इन चार आनो में से एक मैं कुएं में डाल देता हूँ , दुसरे से कर्ज चुका देता हूँ , तीसरा उधार में दे देता हूँ और चौथा मिटटी में गाड़ देता हूँ ….”* *राजा सोचने लगा , उसे यह उत्तर समझ नहीं आया। वह किसान से इसका अर्थ पूछना चाहता था , पर वो जा चुका था।* *राजा ने अगले दिन ही सभा बुलाई और पूरे दरबार में कल की घटना कह सुनाई और सबसे किसान के उस कथन का अर्थ पूछने लगा।* *दरबारियों ने अपने-अपने तर्क पेश किये पर कोई भी राजा को संतुष्ट नहीं कर पाया , अंत में किसान को ही दरबार में बुलाने का निर्णय लिया गया।* *बहुत खोज-बीन के बाद किसान मिला और उसे कल की सभा में प्रस्तुत होने का निर्देश दिया गया।* *राजा ने किसान को उस दिन अपने भेष बदल कर भ्रमण करने के बारे में बताया और सम्मान पूर्वक दरबार में बैठाया।* *” मैं तुम्हारे उत्तर से प्रभावित हूँ , और तुम्हारे चार आने का हिसाब जानना चाहता हूँ; बताओ, तुम अपने कमाए चार आने किस तरह खर्च करते हो जो तुम इतना प्रसन्न और संतुष्ट रह पाते हो ?” , राजा ने प्रश्न किया।* *किसान बोला ,” हुजूर , जैसा की मैंने बताया था , मैं एक आना कुएं में डाल देता हूँ , यानि अपने परिवार के भरण-पोषण में लगा देता हूँ, दुसरे से मैं कर्ज चुकता हूँ , यानि इसे मैं अपने वृद्ध माँ-बाप की सेवा में लगा देता हूँ , तीसरा मैं उधार दे देता हूँ , यानि अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में लगा देता हूँ, और चौथा मैं मिटटी में गाड़ देता हूँ , यानि मैं एक पैसे की बचत कर लेता हूँ ताकि समय आने पर मुझे किसी से माँगना ना पड़े और मैं इसे धार्मिक सामजिक या अन्य आवश्यक कार्यों में लगा सकूँ। “* *राजा को अब किसान की बात समझ आ चुकी थी। राजा की समस्या का समाधान हो चुका था , वह जान चुका था की यदि उसे प्रसन्न एवं संतुष्ट रहना है तो उसे भी अपने अर्जित किये धन का सही-सही उपयोग करना होगा।* *शिक्षा* *मित्रों, देखा जाए तो पहले की अपेक्षा लोगों की आमदनी बढ़ी है पर क्या उसी अनुपात में हमारी प्रसन्नता भी बढ़ी है ? पैसों के मामलों में हम कहीं न कहीं गलती कर रहे हैं , लाइफ को बैलेंस्ड बनाना ज़रूरी है और इसके लिए हमें अपनी आमदनी और उसके इस्तेमाल पर ज़रूर गौर करना चाहिए, नहीं तो भले हम लाखों रूपये कमा लें पर फिर भी प्रसन्न एवं संतुष्ट नहीं रह पाएंगे !* अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! विकास शर्मा "शिवाया " जयपुर -राजस्थान "ASTRO सर्व समाधान " ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *बहुत समय पहले की बात है , नयासर का राजा बड़ा प्रतापी था , दूर-दू
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *बहुत समय पहले की बात है , नयासर का राजा बड़ा प्रतापी था , दूर-दू #समाज
read moreonline astrologer
पितृ दोष पूर्वजों या पूर्वजों का अभिशाप है। यह पूर्वजों का कर्म ऋण है और इसका भुगतान व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष से होता है। अगर आपको पहच
पितृ दोष पूर्वजों या पूर्वजों का अभिशाप है। यह पूर्वजों का कर्म ऋण है और इसका भुगतान व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष से होता है। अगर आपको पहच
read moreonline astrologer
ज्योतिष में यह माना जाता है कि पितृ दोष हमारे पूर्वजों से जुड़ा एक दोष है जो किसी भी शरीर के जीवन में मौजूद होने पर बहुत सारी समस्याएं पैदा
ज्योतिष में यह माना जाता है कि पितृ दोष हमारे पूर्वजों से जुड़ा एक दोष है जो किसी भी शरीर के जीवन में मौजूद होने पर बहुत सारी समस्याएं पैदा
read more