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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} जिसे विवेक, व विवेचना का ज्ञान प्राप्त हो जाता है, वही जानता है, परमेश्वर ही सेस व विशेस हैं, अन्य कोई भी नहीं हैं।। ©N S Yadav GoldMine #eid_mubarak {Bolo Ji Radhey Radhey} जिसे विवेक, व विवेचना का ज्ञान प्राप्त हो जाता है, वही जानता है, परमेश्वर ही सेस व विशेस हैं, अन्य
#eid_mubarak {Bolo Ji Radhey Radhey} जिसे विवेक, व विवेचना का ज्ञान प्राप्त हो जाता है, वही जानता है, परमेश्वर ही सेस व विशेस हैं, अन्य #मोटिवेशनल
read moreLotus•‿•
दाखिया केसे या इंसान मार्बल की ऊपरी एल्यूमीनियम तरल दाल कर एके पेड़ प्रकार सेस बनता है | #viral #viral♥️♥️♥️ #viralnow #viraltoday #Trending #trendingnews #फ़िल्म #trendingnojoto #Munnawar #N😍T #viral♥️♥️♥️ #trendingreels
read moreलफ्ज़-ए-राज...
सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै। जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥ नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तू पुनि पार न पावैं। ताहि अहीर की छोहरियाँ, छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं॥ शुभ जन्माष्टमी ❤️🙏☺️ @ianilraj01 सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै। जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥ नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तू पुनि पार न प
सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै। जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥ नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तू पुनि पार न प #ianilraj01
read moreDivyanshu Pathak
काहू कौ मांखन चाखि गयौ अरु, काहू कौ दूध दही ढरकायौ काहू कौ चीर लै रुख चढ़्यौ अरु, काहू कौ गुंजछरा छहरायौ मानें नहीं बरजै रसखानि, सुजानियै राज़ इन्है घर आयौ आउरी बूझें जसोमति सों, यह छोरा जायौ कि भई उपजायौ !! हाबु तो तुच्छ बहाना है माखन मिश्री मंगाना है कान्हा की चालाकियाँ सारी मैय्या के समझ में आवत है माँ तो माँ होती है, किसी की हो, मना कहाँ कर
हाबु तो तुच्छ बहाना है माखन मिश्री मंगाना है कान्हा की चालाकियाँ सारी मैय्या के समझ में आवत है माँ तो माँ होती है, किसी की हो, मना कहाँ कर #spiritual #devotion #hindiwriters #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqhindi #हरेकृष्ण
read moreSachin Ratnaparkhe
छत्रपति शिवाजी के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी महिमा का रितिकाल के कवि भूषण द्वारा ब्रज भाषा में विभिन्न अलंकारों एवम् वीर रस से युक्त अत्यंत मनमोहक सुंदर चित्रण पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ। यह पढ़ने के दौरान ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसा साक्षात् महाराज छत्रपति शिवाजी का दर्शन हो रहा हो। यह पौराणिक काव्य शैली आधुनिक हिप होप संगीत शैली (रेप सॉन्ग्स) से काफी मिलती जुलती है और ये बेहद ही खूबसूरत अनुभूति है। और भुषण के इन छंदो को महाराष्ट्र में ठोल ताशे बजाकर बड़ी मस्ती में और बहुत ऊर्जा के साथ गाया जाता है। (Caption me puri Kavita padhe) इन्द्र जिमि जंभ पर , वाडव सुअंभ पर । रावन सदंभ पर , रघुकुल राज है ॥१॥ पौन बरिबाह पर , संभु रतिनाह पर । ज्यों सहसबाह पर , राम व्दिजराज है ॥२
इन्द्र जिमि जंभ पर , वाडव सुअंभ पर । रावन सदंभ पर , रघुकुल राज है ॥१॥ पौन बरिबाह पर , संभु रतिनाह पर । ज्यों सहसबाह पर , राम व्दिजराज है ॥२
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