Find the Latest Status about दारिद्र्य रेषेखालील रेशनकार्ड from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दारिद्र्य रेषेखालील रेशनकार्ड.
अल्पेश सोलकर
स्वप्न श्रीमंतीचे पडत होते... नाव माझे दारिद्र्य रेषेत होते.. स्वप्न श्रीमंतीचे पडत होते... नाव माझे दारिद्र्य रेषेत होते.. © अल्पेश सोलकर #yqtaai #yqmarathi #yqmarathiquotes #yqhindi #मराठी #दारिद्र्य
स्वप्न श्रीमंतीचे पडत होते... नाव माझे दारिद्र्य रेषेत होते.. © अल्पेश सोलकर #yqtaai #yqmarathi #yqmarathiquotes #yqhindi #मराठी #दारिद्र्य
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} दुर्गेसमृता हरसि मथि मशेषा जनथो स्वस्थै स्मृता मथि मथेवा शुभं ददासि दारिद्र्य दुखा भय हरिणी कथवदन्या सर्वोपकार कारणाय सदार्थ चित्त" - यह श्लोक इस बात पर प्रकाश डालता है, कि कैसे देवी दुर्गा उन लोगों से भय दूर करती हैं, जो जरूरत के समय उन्हें पुकारते हैं, और जो खुश हैं, उन्हें पवित्र मन प्रदान करती हैं। ©N S Yadav GoldMine #hindi_diwas {Bolo Ji Radhey Radhey} दुर्गेसमृता हरसि मथि मशेषा जनथो स्वस्थै स्मृता मथि मथेवा शुभं ददासि दारिद्र्य दुखा भय हरिणी कथवदन्या
#hindi_diwas {Bolo Ji Radhey Radhey} दुर्गेसमृता हरसि मथि मशेषा जनथो स्वस्थै स्मृता मथि मथेवा शुभं ददासि दारिद्र्य दुखा भय हरिणी कथवदन्या #मोटिवेशनल
read moreरजनीश "स्वच्छंद"
स्वातंत्र्य भाव वर्णन।। ये शीश तर्पित आज है, ये वीर वर्णित आज है। कण कण लहु में ज्वार है, ये काव्य छन्दित आज है। कम्पित नहीं हुंकार है, वाणी में भी ललकार है। कोटि कोटि स्वजनों में, आह्लादित ये जयकार है। ये भाव स्तंभित आज है, ये जग अचंभित आज है। जो पूत तेरे बढ़ चले, सृष्टि भी कम्पित आज है। ये धीर अंगद पांव है, रौद्र मन का ही ठाँव है। हम अडिग जो हैं खड़े, मातृ आँचल की छांव है। वो वीर जो सरहद डटे, हैं धूप बारीश जो खड़े। उनको नमन पभु आज है, जो देश ख़ातिर है लड़े। स्वातंत्र्य वेदी है ये पावन, है गूंजता जो मुक्त गायन। खग विहग तरु ताल नदियां, हैं झूमते मानो हो सावन। स्वरचित जन भाव संचित, दारिद्र्य-रहित, न कोई वंचित। मुक्ति स्वर नभ में जो गूंजा, पुनः हुआ ये प्रण स्पंदित। ये दृष्टि लक्षित आज है, ये सार गर्भित आज है। ये शीश तर्पित आज है, ये वीर वर्णित आज है।। ©रजनीश "स्वछंद" स्वातंत्र्य भाव वर्णन।। ये शीश तर्पित आज है, ये वीर वर्णित आज है। कण कण लहु में ज्वार है, ये काव्य छन्दित आज है। कम्पित नहीं हुंकार है,
sandy
गोदी - 12-13 वर्षांचा इवलासा जीव.. सकाळी लवकरच ऊठून तिने तिची नित्याची कामे सुरु केली. सतरा ठिकाणी फाटलेली तिची ती वाकळ अठरा विश्वे दारिद्र
गोदी - 12-13 वर्षांचा इवलासा जीव.. सकाळी लवकरच ऊठून तिने तिची नित्याची कामे सुरु केली. सतरा ठिकाणी फाटलेली तिची ती वाकळ अठरा विश्वे दारिद्र #story #nojotophoto
read more