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Stories related to रोशनी और सिद्धार्थ के नाटक

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Parasram Arora

सपन और नाटक #कविता

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Chintoo Choubey

जग के नाटक

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जग के नाटक देखे ऐसे,
ऐसे- ऐसे,जैसे-तैसे,
हर पल देखे भिन्न-भिन्न से,
कुछ नखराले कुछ निराले, 
पर हर एक मुखौटा ऐसा
ऐसा - ऐसा, जैसा तैसा,
कुछ की भूलभुलैया बातें,
कुछ की गोलमोल सी बातें,
कुछ पर ऐसा ढोंग धतूरा,
कुछ पर खाली नीम-करेला,
जग के नाटक देखे ऐसे,
ऐसे-ऐसे, जैसे-जैसे,
ढोंग का माखौल चढ़ा है,
उस पर शहद का लेप चढ़ा है,
प्यार प्रेम की बात नहीं है,
बेईमानों की सरकार बड़ी है,
उस पर करते तमाशा ऐसा,
ऐसा-ऐसा जैसा-तैसा,
एक और बात,जरा ध्यान से सुनना,
ये जो करते अपनापन,
नहीं है उसमें जरा भी दम,
खूब रोते गाते आएंगे,
अपनी अपनी ही गाएंगे,
सावधान!
बचना ऐसे लोगों से,
कैसे लोगों से?
ऐसे-ऐसे लोगों से, जैसे-तैसे लोगों से,

धन्यवाद! जग के नाटक

S.Suraj

#Journey सिद्धार्थ के बुद्ध होने की #विचार

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Vishal randhawa

रोशन और रोशनी #विचार

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रोशन ये रोशनी न होती अगर चांद साथ न देता रोशन और रोशनी

Ravikant Raut

रोशनी और तपिश

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 रोशनी और तपिश

chahat

सिद्धार्थ

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सिद्घ है,जिसका अर्थ
वो खुद को सिद्ध कर गया।
जीवन मृत्यु के चक्र से
जैसे खुद को मुक्त कर गया।।
जो जी रहे है गुरूर में 
उनको वो एक सीख दे गया।
जीवन का अर्थ 
सिद्धार्थ सबको समझा गया।।
सिद्घ है,जिसका अर्थ
वो खुद को सिद्ध कर गया....

©chahat सिद्धार्थ

अज़नबी किताब

नाटक..

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नाटक.. 
रंगमंच... 
कलाकार... 
कला... 
दर्शक.. 
कुछ ऐसा हुआ, 
में रंगमंच पे खड़ी थी, 
और मेरी कला मेरा हाथ थामे |
दर्शक मेरी कला से मुझे पहचानते थे.. 
क्या खूब कला थी, 
खुदा की देख हुआ करती थी |
एक बार बोली बात, 
में जमी को ख़त्म हो ने पर भी निभाती थी, 
कला थी.. 
वचन निभाने की, 
नाटक बन गयी.. 
रंगमंच पे उस खुदा के, 
में आज एक कटपुतली बन गयी...
वचन निभाती नहीं, 
ऐसा सुना है मेने, 
दर्शकों से |
क्या कहु, 
कला खो गयी, 
पर ये कला उनके लिए कायम है,
जो सही में आज भी वचन को समझते है |
कला खुदा की देन होती है, 
खुदा भी ख़ुश होते होंगे मेरे वचन ना निभाने से.. 

-अज़नबी किताब नाटक..

Yogenddra Nath Yogi

#MessageOfTheDay अंधेरा घना है, 
पहुंचने में देर तो लगेगी।
 दूर एक हल्की सी रोशनी,
 मंजिल जरूर दिखाएगी।।
 चल उस रोशनी के सहारे,
 नई उम्मीद जीवन में फिर जगाएगी।
 अंधेरों से डरना भूल जा,
 हिम्मत साहस की रोशनी तुझे,
 गगन तक पहुंचाएगी।

©Yogendra Nath #Messageoftheday#अंधेरा और रोशनी

Kajalife....

# प्रेम : अंधेरा और रोशनी

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प्रकाश और अंधेरा 
इनका वजूद कभी एकसाथ है ही नही ।
पर प्रेम दोनों में अनन्त है ....
क्योंकि ये दोनों एक - दूसरे के बिना रह भी नही सकते हैं ।किसी एक का वजूद नही ग़र तो दूसरे का भी कोई अस्तित्व शेष नही ....
अंधेरा है तभी रोशनी भी है !!!! # प्रेम : अंधेरा और रोशनी

Arora PR

नाटक #कविता

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