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Ganesh Din Pal
White इंसान समय से पहले बूढ़ा हो जाए तो समझ लेना उसे अपनों ने और अपनी जिंदगी ने बहुत दुख दिए हैं, जब वह किसी के लिए रात दिन खटता है और फिर सुनने को मिलता है कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या ? बस यही बातें उसे दिन-ब-दिन दीमक की तरह खाने लगती हैं। ©Ganesh Din Pal #इंसान बूढ़ा क्यों होता है
#इंसान बूढ़ा क्यों होता है
read moreनवनीत ठाकुर
क्यों ज़िंदगी में ऐसे फ़ैसले कर रखे हैं, क्यों इतने बंधन पाल रखे हैं। इतनी लानतें बर्दाश्त करते हैं हम, जो हमारी इज़्ज़त पर रोज़ हमला करती है। रोज़ जूता मारती है ज़िंदगी मुँह पर, फिर भी हम उसे ख़ामोशी से सहते जाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #क्यों बंधन पाल रखें हैं
#क्यों बंधन पाल रखें हैं
read moreAshvani Kumar
छोड़ दिया टहलना गली-मोहल्लों में, इश्क भी अब तो डिजिटल हो गया है। कौन करता है अब बातें रूह की, अब सब कुछ फिज़िकल हो गया है। अब नहीं उमड़ते हैं जज़्बात चिट्ठियों में, जमाना कुछ ज्यादा ही प्रैक्टिकल हो गया है। किस्से कहानियों में मैजिक नहीं अब, अब तो सोचना भी लॉजिकल हो गया है। जमकर इस्तेमाल करेंगे दिमाग वाले तेरा, ऐ दिल तू क्यों इतना इमोशनल हो गया है। ©Ashvani Kumar ऐ दिल तू क्यों इतना इमोशनल हो गया है
ऐ दिल तू क्यों इतना इमोशनल हो गया है
read moreSuhana safar
White एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है किसी का साथ किसी की मुस्कुराहट चांद की चांदनी का बहुत खूबसूरत लगना एक ही इंसान में सब कुछ मिल जाना वह पहली बार मिलना बहुत सारी बातें करना दिल खोल कर रख देना वह अंदर ही अंदर खुश होना दिल के सारे दर्द किसी अपने को बता देना यह कहना कि तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है तुम हो तो मेरी हर खुशी है एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है...…. ©Suhana safar आखिर क्यों... #justthought
आखिर क्यों... #justthought
read moreRavinder Kumar
तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है.. कहीं अपनापन तो कहीं पीठ पीछे खंजर क्यों है.. सुना है तू इस संसार के हर जरें में रहता है, फिर ज़मीन पर कहीं मस्जिद कहीं मंदिर क्यों है.. जब रहने वाले दुनिया के हर बन्दे तेरे हैं, फिर कोई दोस्त तो कोई दुश्मन क्यों है तू ही लिखता है हर किसी का मुकद्दर, फिर कोई बदनसीब, और कोई मुकद्दर का सिकंदर क्यों है ....! @motivate_line ©Ravinder Kumar #Exploration बहुत शानदार लाइन तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है.. कहीं अपनापन तो कहीं पीठ पीछे खंजर क्यों है.. सुना है तू इस संसार के हर
#Exploration बहुत शानदार लाइन तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है.. कहीं अपनापन तो कहीं पीठ पीछे खंजर क्यों है.. सुना है तू इस संसार के हर
read moreHarpinder Kaur
White आदमी का स्वभाव है आदमी को महज़ खिलौना समझना जिसे वो इस्तेमाल करता है महज़ दिल बहलाने को दिल बहला लेने के बाद उसका खिलौना महज़ रह जाता है एक आधा, टूटा, बिखरा, सा खिलौना फिर उस खिलौने में दिलचस्पी खत्म होने पर आदमी ढूँढता है फिर एक नया खिलौना पुन: उसे टूटा बिखरा और अधूरा छोड़ने के लिए कितना छिछलापन है आदमी का आदमी होना वो पूर्णतः इंसान क्यों नहीं होता क्यों महज़ रहता है वो आदमी...... ©Harpinder Kaur # आदमी.... इंसान क्यों नहीं होता?
# आदमी.... इंसान क्यों नहीं होता?
read moreVijay Shankar
White लड़की : तू जहाँ-जहाँ चलेगा मेरा साया साथ होगा, लड़का: मुझे तो पहले ही लगता था कि तू भूतनी है.. ©Vijay Shankar लड़की तू जहाँ
लड़की तू जहाँ
read more( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
White ये एक गम है, जो तसल्ली से खा रहा है मुझे। मेरे बाद ना जाने तू किसके दिल से खेलने को सजीसे रचा रहा है ©( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार #Shiva तसल्ली रख अब तू क्यों बेगुन्हा के दिल को सता रहा है
#Shiva तसल्ली रख अब तू क्यों बेगुन्हा के दिल को सता रहा है
read moreBROKENBOY
क्यों तू खफा है? कोई तरकीब बता सुलझाने की में खुद को गिरवी रखदू तू वजह बता मुस्कुराने की, क्यों तू कुछ उखड़ासा है मुझसे कोई गलती हुई क्या? अरे मेरी तो आदत है बतंगर बनाने की, चल अब माफ करदे! चल अब तूही कोई तरकीब बता मनाने की क्यों तू परेशान है? कोई तरकीब बता सुलझाने की, डांट मुझे ,मुझसे बहस कर!! बस खामोश ना रहे, तेरे लिए कुछ भी कर जाऊ तू उदास न रहे, अब क्या मेरी जान लोगे एक हसी दिखाने की? कोई तरकीब बता सुलझाने की में खुद को गिरवी रखदू तू वजह बता मुस्कुराने की.... ©BROKENBOY #sadak क्यों तू खफा है? कोई तरकीब बता सुलझाने की में खुद को गिरवी रखदू तू वजह बता मुस्कुराने की, क्यों तू कुछ उखड़ासा है मुझसे कोई गलती
#sadak क्यों तू खफा है? कोई तरकीब बता सुलझाने की में खुद को गिरवी रखदू तू वजह बता मुस्कुराने की, क्यों तू कुछ उखड़ासा है मुझसे कोई गलती
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