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Karan Yaduvanshi
मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाएगा.. क्यों कि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ, और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है..!! ©Karan Yaduvanshi मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाएगा.. क्यों कि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ, और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है
मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाएगा.. क्यों कि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ, और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है #Life
read moreDR. LAVKESH GANDHI
खुशियों के पल जिंदगी में कभी-कभी खुशियों के पल आते ही रहते हैं ज़ब नाज करे दुनियाँ वह पल आ ही जाते हैं | ©DR. LAVKESH GANDHI #खुशियों के पल # #जिंदगी के हसीन पल #
खुशियों के पल # जिंदगी के हसीन पल #
read moreRohan Roy
White हमारा चरित्र, हमारे व्यक्तित्व की परिभाषा है। अगर हम स्वयं को, स्वयं से समझ ना सके। फिर हमें समझने वाला, कोई और ना होगा। ©Rohan Roy हमारा चरित्र, हमारे व्यक्तित्व की परिभाषा है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation |
हमारा चरित्र, हमारे व्यक्तित्व की परिभाषा है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | #Life
read moreHimanshu Prajapati
White हर हालात से लड़ा हूं, हर प्रकार के इंसान से मिला हूं, पर मेरे जैसा कोई नहीं, जो मोहब्बत में है पर किसके साथ पता नहीं..! ©Himanshu Prajapati #sad_shayari हर हालात से लड़ा हूं, हर प्रकार के इंसान से मिला हूं, पर मेरे जैसा कोई नहीं, जो मोहब्बत में है पर किसके साथ पता नहीं..!
#sad_shayari हर हालात से लड़ा हूं, हर प्रकार के इंसान से मिला हूं, पर मेरे जैसा कोई नहीं, जो मोहब्बत में है पर किसके साथ पता नहीं..! #विचार
read moreN S Yadav GoldMine
White गीता ४।१४) {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे कर्म लिप्त नहीं करते -इस प्रकार जो मुझे तत्त्व से जान लेता है, वह भी कर्मों से नहीं बँधता।' ©N S Yadav GoldMine #love_shayari गीता ४।१४) {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे कर्म लिप्त नहीं करते -इ
#love_shayari गीता ४।१४) {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे कर्म लिप्त नहीं करते -इ #मोटिवेशनल
read moreN S Yadav GoldMine
White गीता ११।५४) {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज रूप वाला, मैं प्रत्यक्ष देखने के लिये, तत्त्व से जानने के लिये तथा प्रवेश करने के लिये अर्थात् एकीभाव से प्राप्त होने के लिये भी शक्य हूँ।' ©N S Yadav GoldMine #love_shayari गीता ११।५४){Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज र
#love_shayari गीता ११।५४){Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज र #मोटिवेशनल
read moreRohan Roy
White हमारे व्यक्तित्व में हमारी सोच में, कई इच्छाओं का निर्माण होता है। जो पूरे होते हैं, वह बेहतर जीवन दे जाते है। और जो छूट जाते हैं, वह दफन हो जाते है। ©Rohan Roy हमारे व्यक्तित्व में हमारी सोच में, कई इच्छाओं का निर्माण होता है | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #r
हमारे व्यक्तित्व में हमारी सोच में, कई इच्छाओं का निर्माण होता है | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | r #Motivational #rohanroymotivation
read moreVinod Mishra