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Ek villain
आचार्य रजनीश यानी ओशो ने कहा है कि धर्म जीवन को जीने की कला जीवन को जीने का विज्ञान हम जीवन को उसके पूरे अर्थ में कैसे जिए धर्म उसकी खोजबीन है धर्म यदि जीवन कला की आत्मा है तो राजनीति उसका शरीर लेकिन भारत का दुर्भाग्य समझा जाना चाहिए कि हजारों वर्ष राजनीति और धर्म के बीच कोई संबंध नहीं रहा धर्म और राजनीति के इस संबंध को फिर स्थापित करने का प्रयास हो रहा है इसलिए इसके विरोधी ताकतें जी जान से रोकने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि उनके लिए पंथ मजहब से निरपेक्ष राजनीति ही श्रेष्ठ राजनीति हराया जा रहा है इससे बहुत संख्या वाद हावी हो जाएगा यह भी है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में पहला कदम बात केवल इतनी ही होती तो समस्या उतनी बड़ी ना होती समस्या इससे भी बड़ी बताई जा रही है कि राजनीति यदि सनातन धर्म से जुड़े गी तो देश और समाज धरातल में चला जाएगा पर राजनीति यदि किसी दूसरे महाजनपद से जुड़े गीतों प्रगतिशील और आधुनिक होगी इस तरह पंप निरपेक्ष की राजनीति को वैधता दिलाने के लिए गंगा जमुनी तहजीब नाम का पाखंड बहुत पहले से रचा गया इस तरह का परोपकार से कोई भी पीछे यदि देश में गंगा जमुनी तहजीब थी तो मजहब के आधार पर देश के बंटवारे की मांग की हुई देश के बंटवारे की मांग करने वाले कोई बाहर से नहीं आए थे उस समय वह गंगा जमुनी तहजीब के चली गई थी जब लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ ©Ek villain # पंथनिरपेक्षता के नाम पर पाखंड #apart
Ek villain
प्रदीप सिंह ने अपने आलेख पंथनिरपेक्षता के नाम पर पाखंड में सही प्रश्न उठाया है कि इस देश की गंगा जमुना तहजीब के नाम पर कब तक बहुत संख्याओं को मूर्ख बनाया जाता रहेगा कब तक उनके धार्मिक अधिकारों से खिलवाड़ किया जाता रहेगा कब तक उनके प्रति पक्षपाती रवैया बनाया जाता रहेगा कब तक उनकी पीड़ा को अनसुना किया जाता रहेगा कब तक यीशु और मुसलमानों के प्रति संरक्षण वादी अति दौराला वादी दृष्टि अपनाई जाती रहेगी आखिर कब तक बात बात पर अज्ञान लेने वाले न्याय का तंत्र ऐसे अंधे का करता रहेगा वास्तव में आज जिस देश में बढ़ रही संप्रदायिकता विरूसू और भाईचारे पर चोट का नाम देकर हल्का किया जा रहा है वहीं बीते 75 वर्ष से दवाई जा रहे फिर से नगाड़े गए भारतीय सनातन संस्कृति सभ्यता मूल परिवर्तन का मजाक बनने को बौद्धिकता का परिणाम माल लेने की कोशिश सोच रही है प्रतिक्रिया स्वरूप जी सकता भावना प्रकट मात्र है खास बात यह है कि यह अभी तक हिंसक रूप नहीं ला पाई अभी सभी कुछ वाद-विवाद चर्चा के स्तर पर हैं यदि कती लोकतंत्र वादी सेकुलर बुद्धिजीवी और न्यायालय समस्या का सही विचार समाधान ना खोज पाए तो भविष्य के परिणाम के उत्तराधिकारी भी वही माने जाएंगे अभी भी बहुत संख्या जनता का विश्वास न्यायालय पर है यह बना रहे इसकी पूरी जिम्मेदारी न्यायाधीशों पर है ©Ek villain # सामने आए पंथनिरपेक्षता का सही स्वरूप #apart
Parasram Arora
असल मे मरघट और महल का फासला उनके लीए ही है जिनके मन मे महल की आकांशा है मरघट और महल मे कोई फासला नही है फासला हमारी आकांक्षाओं मे है हम महल चाहते हैँ... मरघट हम नही चाहते इसीलिए फासला है. जहा महल खड़े हैँ वहा मरघट बहुत बार बन चुके जहाँ.मरघट बने हैँ वहा बहुतपहले महल बन कर गिर चुके हैँ और सब महल अंततः मरघट बन जाते है और सब मरघटोपर महल खडे हौ जाते हैँ फर्क क्या है? फासला क्या है? ©Parasram Arora फर्क क्या है? फासला क्या है?
फर्क क्या है? फासला क्या है?
read moreMr.Duke
गुलाब, ख़्वाब, दवा, जहर,जाम,क्या~क्या है। मैं आ गया हूं महफ़िल में,बस बता ©Mr.Duck~AK Shayar क्या क्या है????? #ShahRukhKhan
क्या क्या है????? #ShahRukhKhan #शायरी
read moreDeepak Namdev
बस देखते जाओ..... क्या - क्या होता है | #gif क्या क्या होता है
क्या क्या होता है #Gif
read moreDeepak Pandit
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है ©Deepak Pandit मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है #Shayari
read moreVickram
काफी लम्बे अरसे से खुद को समझाते आया हुं मैं । कल जो समझ जाता था आज वो मानता ही नहीं । कौन सा राज है जो मुझे मे ही समझ नहीं आ सका । लगता है कि मैं खुद को कभी समझ पाया ही नहीं । ©Vickram बात क्या है,,, और दुनिया क्या है,,,
बात क्या है,,, और दुनिया क्या है,,, #शायरी
read moreSen Sahab Manish ji
वैसे तो रोज होती है नई सुबह उसमे नया क्या... वहीं रंगत है वहीं संगत है...... उसमें नया क्या है... गोधूलि भी वहीं है और सवेरा भी वहीं उसमे नया क्या है... पर....😏 रोज जिंदगी जीते आंसुओ को भी पीते है हटकर और उठकर जो जिया है एक एक पल वही तो असली जीवन है और जीवन का उद्घार करो फिर भी कुछ अच्छा न हो तो... उसमे नया क्या है... नया क्या है.. शुरुआत है भी नया क्या है...
नया क्या है.. शुरुआत है भी नया क्या है... #poem
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