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Mahesh Koli
शिक्षा से जीवन में देखों खुलता हे एक द्वार नया नया नया ये लगता जीवन लगता ये संसार नया । शिक्षा ही तो लाती सबमें जीवन जीने की खुशहाली शिक्षा से मिलता सबको जीवन जीने की आजादी । शिक्षा से ही मिला हे जीवन में सम्मान नया शिक्षा का अब मोल तो समझो जीवन जीलो फिर नया । #शिक्षा क्या हे
#शिक्षा क्या हे
read moreAnamika
देखा मैंने उसको आज, दुकान में काम करते हुए....... औजार थमा देती है, हाथों की लकीरें, क्यों ??? हर बच्चे की किस्मत में, किताबें नहीं होती।😔 ##शिक्षा अनिवार्य है##
##शिक्षा अनिवार्य है##
read moreRC...✍️
#NationalEducationday नमक के बिना सब्जी और शिक्षा के बिना जिंदगी फ़ीकी और बेस्वाद।। शिक्षा जरूरी है।।
शिक्षा जरूरी है।। #NationalEducationDay
read moreRC...✍️
#NationalEducationday शिक्षा जीतना तो नहीं सिखाती मगर हारने के बाद भी मुस्कुराना जरूर सिखाती है।। शिक्षा ज़रूरी है।
शिक्षा ज़रूरी है। #NationalEducationDay
read moreAkash Rana
#NationalEducationday गरीबी के कारण आज भी मेरा शिक्षा अधूरी है ,रोटियां दो कम खाना पर शिक्षा जरूरी है । शिक्षा जरूरी है ।
शिक्षा जरूरी है । #NationalEducationDay
read moreSK Poetic
आज हमारे देश की शिक्षा नीति कहां जा रही है। आज हमारे बच्चों को स्कूलों में क्या पढ़ाया जा रहा है?इन सभी बातों पर हमारे देश के तमाम माता-पिता को चिंतन करना चाहिए। कि क्या उनके बच्चों को स्कूलों में सही शिक्षा मिल रही है ?क्या उनके बच्चों को स्कूलों में सही संस्कार मिल रहे हैं? अगर इन सभी बातों पर विचार करेंगे तो आपको एक ही उत्तर मिलेगा नहीं।क्यों क्योंकि जो चीज आपको पढ़ाई गई वह चीज आपके बच्चों को नहीं पढ़ाई जा रही है।आप याद कीजिए कि आप के समय में क्या पढ़ाया जाता था और अभी क्या पढ़ाया जा रहा है।तो आप पाएंगे कि आप के समय में हिंदी की पाठ्यपुस्तक में पढ़ाया जाता था सोहनलाल द्विवेदी की कविता- खड़ा हिमालय बता रहा है, काबुलीवाला- रविंद्र नाथ टैगोर, गिल्लू -महादेवी वर्मा आदि कवियों द्वारा लिखे गए कविताओं,कहानियों को पढ़ाया जाता था। इतिहास में पढ़ाया जाता था कि किस प्रकार से गुरु गोविंद सिंह जी के चारों पुत्रों ने मुगलों से लड़ते हुए अपने प्राणों को त्याग दिया परंतु मुगलों के सामने कभी झुके नहीं।आपके पाठ्यपुस्तक में महाराणा प्रताप के बारे में पढ़ाया जाता था,वीर कुंवर सिंह जी के बारे में पढ़ाया जाता था,रानी लक्ष्मी बाई आदि कई महान हस्तियों के बारे में आपको इतिहास में पढ़ाया जाता था। परंतु आज आपके बच्चों को क्या पढ़ाया जा रहा है। इंग्लिश में हैरी पॉटर।हैरी पॉटर का पुरुषार्थ क्या है? यही कि वह झाड़ू लगाया और उड़ गया।यह देखकर और पढ़कर आपके बच्चे क्या सीखेंगे? उस पर भी इसका सीरीज पे सीरीज आ रहा है। क्या हैरी पॉटर देखकर आपके बच्चों में वह संस्कार आ जाएगा जो संस्कार आप में है। नहीं बल्कि हैरी पॉटर देखकर आपके बच्चे आलस्य की ओर चले जाएंगे।वह तो यही सोचेंगे कि अपने पीछे झाड़ू लगाया और सारा काम हो गया।क्या अपने पीछे झाड़ू लगा लेने से सारा काम हो जाता है। इतिहास में उन्हें पढ़ाया जाता है कि अकबर द ग्रेट था। किस प्रकार से अकबर ग्रेट था। आज हमारे बच्चों को इतिहास में यह नहीं बताया जा रहा है कि किस प्रकार से हमारे देश के कई वीर योद्धाओं ने अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान को न्योछावर कर दिया। मैं आज ही पहली कक्षा का एक हिंदी की पाठ्यपुस्तक को देख रहा था उसमें एक कविता है जिसका शीर्षक है- आम की टोकरी। और वह कविता कुछ इस तरह है- छह साल की छोकरी, भरकर लाई टोकरी। टोकरी में आम है, नहीं बताती दाम है। दिखा -दिखाकर टोकरी, हमें बुलाती छोकरी। हमको देती आम है, नहीं बताती दाम है। नाम नहीं अब पूछना, हमें आम है चूसना। अब आप ही सोचें कि आपके बच्चों को स्कूलों में कैसी शिक्षा और संस्कार दिया जा रहा है।आज हमारे बच्चों को स्कूलों में यह बताया जा रहा है कि लड़की को छोकरी बोला जाता है।क्या यही हमारी संस्कृति और सभ्यता और संस्कार हैं।हमारे यहां आज भी स्त्रियों की पूजा की जाती है। उनका सम्मान किया जाता है। परंतु आज स्कूलों में हमारे और आपके बच्चों को क्या शिक्षा दिया जा रहा है कि लड़की को छोकरी बोलो।आज अगर हमारे बच्चों को स्कूल वाले थोड़ी सी अंग्रेजी सिखा देते हैं तो हम खुशी से फूले नहीं समाते कि हमारे बच्चों को अंग्रेजी बोलना आ गया।अगर आज आपके और हमारे बच्चे हमें मॉम -डैड बोलने लगे तो वो मॉडर्न हो गए।उन्हें स्कूल वालों ने बहुत ज्यादा पढ़ा दिया। उन्हें स्कूल में सारी शिक्षा मिल गई।परंतु वो अपनी संस्कृति,अपनी भाषा ,अपने सभ्यता सारे चीजों को भूल गए वह आपको नहीं दिखाई देता।उससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा।सिर्फ उन्हें अंग्रेजी आनी चाहिए।आपको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके बच्चे अपनी मातृभाषा, अपनी संस्कृति,अपनी सभ्यता,संस्कार सभी चीजों को भूल गए हैं ।एक बात हमेशा याद रखेगा कि आज आपके बच्चे अपनी संस्कृति,अपनी भाषा,अपने संस्कार को भूल रहें है। एक दिन ऐसा आएगा कि जब वह आपको भूल जाएंगे। क्योंकि उन्हें जो विदेशी शिक्षा दी जा रही है उसमें माता -पिता के साथ नहीं बल्कि अकेले ही रहने सिखाया जाता है।और हमारे भारतीय संस्कृति में माता-पिता व परिवार को ही पूज्यनीय माना गया है।माता-पिता व परिवार के बिना परिवार अधूरा रहता है।यही हमारी संस्कृति और सभ्यता में सिखाया गया है। परंतु हमारे और आपके बच्चे हमारी संस्कृति व सभ्यता को छोड़कर अंग्रेजी संस्कृति व सभ्यता को अपना रहें है।वह भी सिर्फ हमारी और आपकी वजह से ।इसलिए एक दिन ऐसा जरूर आएगा कि जब वह आपको और हमें छोड़ कर चले जाएंगे।और उस वक्त आपके और हमारे पास रोने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं होगा। एक बात हमेशा याद रखियेगा कि हमारी संस्कृति,हमारी सभ्यता व हमारी मातृभाषा ही सब कुछ होती है।हमारी पहचान हमारी मातृभाषा से होती है ना की किसी और की मातृभाषा से। ©S Talks with Shubham Kumar क्या हमारे बच्चों को आज सही शिक्षा मिल रही है #InspireThroughWriting
क्या हमारे बच्चों को आज सही शिक्षा मिल रही है #InspireThroughWriting #जानकारी
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