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Stories related to राबड़ी राबड़ी

Sunita Bishnolia

राजस्थान_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं रियासतां उन्नीस थी,बिखरयो राजस्थान साथ समूला आयगा,बढ्यो सबां रो मान। जैपर, जैसलमेर अर,हुया जोधपुर साथ।

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राजस्थान_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

रियासतां उन्नीस थी,बिखरयो राजस्थान
साथ समूला आयगा,बढ्यो सबां रो मान।

जैपर, जैसलमेर अर,हुया जोधपुर साथ।
बीकाणो भी आयगो, करतो मीठी बात।।




चुनरी पीळा पोमचा,ओढ़ करां  सिणगार।
मारवाड़ री म्हे सुणो, हाँ मतवाली नार।।

जीमो रोटी,राबड़ी,फोफलियाँ रो साग।
आओजी थे  पावणा, देखो केसर-बाग।।

#सुनीता बिश्नोलिया ©®
   #जयपुर राजस्थान_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

रियासतां उन्नीस थी,बिखरयो राजस्थान
साथ समूला आयगा,बढ्यो सबां रो मान।

जैपर, जैसलमेर अर,हुया जोधपुर साथ।

Mahboob king_Khan

तुम फ़ौजी अफ़सर की बेटी, मैं तो किसान का बेटा हूँ, तुम राबड़ी खीर मलाई हो, मैं तो सत्तू सप्रेटा हूँ, तुम ए. सी. घर में रहती हो, मैं पेड़ के

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अलविदा मुश्किल है अपना मेल प्रिये 😞



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©Mahboob king_Khan तुम फ़ौजी अफ़सर की बेटी, मैं तो किसान का बेटा हूँ,
तुम राबड़ी खीर मलाई हो, मैं तो सत्तू सप्रेटा हूँ,
तुम ए. सी. घर में रहती हो, मैं पेड़ के

Vijay Tyagi

"शिमला की शिमला मिर्च वो हो जो सेब के पेड़ पर लगती हो लहसुन प्याज वो चाहे जो आरी से भी ना कटती हो भिंडी 17 साल पुरानी जिसे आज तक ना धोया ह

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👩‍🍳श्रीमती जी ने कहा है कि आज किचन में "मिक्स वेज"🥗 मुझे बनानी है..🤔 लेकिन जब से मैंने उसे सामान की लिस्ट उसे दी है,तब से उसका पारा😡😡😡 सातवें आसमान पर है..😜
"लिस्ट अनुशीर्षक में पढ़ें" "शिमला की शिमला मिर्च वो हो जो सेब के पेड़ पर लगती हो 
लहसुन प्याज वो चाहे जो आरी से भी ना कटती हो 
भिंडी 17 साल पुरानी जिसे आज तक ना धोया ह

Prabhakar Tiwari✌

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये, तुम एम ए फ़र्स्ट डिवीज़न हो, मैं हुआ मैट्रिक फेल प्रिये, मुश्किल है अपना मेल प्रिय

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मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
तुम एम ए फ़र्स्ट डिवीज़न हो, मैं हुआ मैट्रिक फेल प्रिये, 
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये, 

तुम फ़ौजी अफ़सर की बेटी, मैं तो किसान का बेटा हूँ,
तुम राबड़ी खीर मलाई हो, मैं तो सत्तू सप्रेटा हूँ,
तुम ए. सी. घर में रहती हो, मैं पेड़ के नीचे लेटा हूँ,
तुम नई मारुति लगती हो, मैं स्कूटेर लंबरेटा हूँ,
इस कदर अगर हम चुप-चुप कर आपस मे प्रेम बढ़ाएँगे,
तो एक रोज़ तेरे डैडी अमरीश पुरी बन जाएँगे,
सब हड्डी पसली तोड़ मुझे भिजवा देंगे वो जेल प्रिये, 
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये

मैं शनी-देव जैसा कुरूप, तुम कोमल कन्चन काया हो,
मैं तन से मन से कांशी राम, तुम महा चंचला माया हो,
तुम निर्मल पावन गंगा हो, मैं जलता हुआ पतंगा हूँ,
तुम राज घाट का शांति मार्च, मैं हिंदू-मुस्लिम दंगा हूँ,
तुम हो पूनम का ताजमहल, मैं काली गुफ़ा अजन्ता की,
तुम हो वरदान विधता का, मैं ग़लती हूँ भगवांता की,
तुम जेट विमान की शोभा हो, मैं बस की ठेलम-ठेल प्रिये, 
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
तुम एम ए फ़र्स्ट डिवीज़न हो, मैं हुआ मैट्रिक फेल प्रिये, 
मुश्किल है अपना मेल प्रिय

CHOUDHARY HARDIN KUKNA

थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की। बाबो म्हारो गांव गयो है, ना जाने कद आवैलो, ऊके भरोस

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थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी,
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।


बाबो म्हारो गांव गयो है, ना जाने कद आवैलो,
ऊके भरोसे बैठयो रहयो तो, भूखो ही रह जावैलो।
आज जिमाऊं तैने रे खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की,
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….


बार-बार मंदिर न जुड़ती, बार-बार में खोलती,
कईया कोनी जीमे रे मोहन, करडी- बोलती।
तू जीमे तो जद मैं जिमूं, मानू ना कोई लाट की,
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाटी की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….


परदो भूल गयी सांवरियो, परदो फेर लगायो जी,
सा परदो की ओट बैठ के, श्याम खीचड़ौ खायो जी,
भोला-भाला भगता सूं, सांवरिया कइंया आंट की
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….


भकित हो तो करमा जैसी सावरियों घर आवेलो,
भकित भाव से पूर्ण होकर हर्ष- गुण गावेलो।
सांचो प्रेम प्रभु से होतो मूरत बोले काठ की,
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी.....

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी,
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।


बाबो म्हारो गांव गयो है, ना जाने कद आवैलो,
ऊके भरोस

Sunil itawadiya

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये, तुम एम ए फ़र्स्ट डिवीज़न हो, मैं हुआ मैट्रिक फेल प्रिये, मुश्किल है अपना मेल प्रिये

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कृपया कैप्शन जरूर पढ़ें मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
तुम एम ए फ़र्स्ट डिवीज़न हो, मैं हुआ मैट्रिक फेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये
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