Find the Latest Status about उफ़ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उफ़.
Shipra Pandey ''Jagriti'
#MessageOfTheDay छोड़ दूं..! पर कैसे..? सब कहते हैं मैं छोड़ दूं .. चाय..! उन्हें क्या पता ये चाय नहीं है तुम्हारे संग जीवन का कुछ पल है मेरी सुबह की चाय! उस एक कप के साथ अनकही / अनसुनी / अनदेखी मुलाकात होती है तुमसे! ना हो जिस रोज़ यह मुलाकात ना दिन होता है ना ही....!! यही एक पल है जब तुम होते हो!! कैसे छोड़ दूं उस सुखद पल को..? ©Aishani उफ़्फ़्फ़...! ये चाय और....!!! #Messageoftheday
उफ़्फ़्फ़...! ये चाय और....!!! #Messageoftheday
read moreAnamika Tripathi
देखो अभी तो खुश हुई थी, उफ़ मेरी नज़र ही खुद को लग गई। उफ़....
उफ़.... #Quote
read moreMo k sh K an
उफ़क़ के सीने पर लिखी टीस ना रात थी ना दिन बस एक ख़लिश थी जो अक्सर साँसों को आग करती थी और जेहन पर पसर जाती जो रंग रूह को नूर करते थे ना जाने कब पराये हो गए #tassavuf #mera_aks_paraya_tha #hindinama #ufaq #मेरा_अक्स_पराया_था #उफ़क
Shipra Pandey ''Jagriti'
कितना अच्छा होता अगर मैं कितना अच्छा होता अगर मैं होती इक नन्ही सी गौरैया तुम्हारे कक्ष के रौशनदाना पर बना नीड़ वहीं बस जाती जब तुम लिखने बैठते मैं आकर तुम्हारे कागज पर बैठ जाती, कभी साँझ ढले जब तुम मेरे लौटने की प्रतिक्षा करते और मैं नहीं आती, और कभी रात्रि में भी फूर् र् फूर् र् कर इत उत तुम्हारे कक्ष में उड़ती । कितना अच्छा होता अगर मैं मंद शीतल पवन बन जाती तुम्हें हर पल शीतलता प्रदान करती, तुमको ताज़गी का आभास कराती तुम्हारे आस- पास ही रहती तुम्हारे गेह सहला तुम्हारी थकान मिटाती। कितना अच्छा होता अगर मैं मेघ होती तुम्हारे छत के ऊपर हमेशा छाई रहती बरखा की रिमझिम बूँदों से तुमको तर बतर करती तुम्हारे मन मयूर को मोदित करती। कितना अच्छा होता अगर मैं नदिया होती जहाँ तुम्हारा बसेरा होता वही आकर बहती जब तुम सुबह शाम जाते मेरे तट पर चहल कदमी करने मेरी लहरें तुम्हारे कदमों का स्पर्श करती तुमको सुखद स्मृति प्रदान करती। उफ़्फ़ ये अगर मगर कितनी आशाएँ जागृत करती है।। ©Aishani उफ़्फ़ ये मन..! #friendsforever
उफ़्फ़ ये मन..! #friendsforever
read moreKhamar Sumit
!! उफ़ ये जिंदगी !! कई हफ्तों से खामोश है जिंदगी न जाने किस उलझन में है जिंदगी खुशी अब खुशी नहीं लगती ना जाने किस गम में है जिंदगी वक्त के साथ बदल गए हर रिश्ते अब चलने में वक्त से भी तेज है जिंदगी जख्म जब नासूर बनने लगे है। हर घाव पर नमक सी है जिंदगी रंग कोई अब अच्छा नहीं लगता खुद में ही जबसे रंगरेज है जिंदगी हर किसी से अब तक वफ़ा करता रहा पर खुद में खुद से बेवफा है जिंदगी !!! - सुमित खमार !! उफ़ ये जिंदगी !!
!! उफ़ ये जिंदगी !!
read more