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BANDHETIYA OFFICIAL
टी एन शेषण को पुकारो, सोया कुम्भकरण मारे कुंडली पड़ा है। क्या हाल है हुआ लोकतंत्र करे - जो पक्का वो ही टपका गिरा है। ©BANDHETIYA OFFICIAL #चुनाव कमीशन
#चुनाव कमीशन #hunarbaaz
read moreShayar Samar S M
#RajasthanDiwas बेवजह के दोष जमाने पर मत लगाओ बदले तो सिर्फ लोग हैं ©Shayar Samar S M बेवजह के दोष #RajasthanDiwas
बेवजह के दोष #RajasthanDiwas
read moreVikash Meena
असत्य , उतावलापन, कपट ,मूर्खता, लोभ , अशुद्धताऔर कुरारता स्त्री के सात प्राकृतिक दोष है ©Vikash Meena स्त्री के दोष #vacation
स्त्री के दोष #vacation #पौराणिककथा
read moreGurudeen Verma
शीर्षक - हाय हाय रे कमीशन --------------------------------------------------------- (शेर)- नहीं है जगह बैठने की सरकारी बिल्डिंगों में, बरसात में। जगह जगह बने है गड्ढें सरकारी सड़कों पर, बरसात में।। यह सारा खेल है कमीशन का, काम मजबूत कैसे होगा। कितना बड़ा होता है धोखा, कमीशन में जनता के साथ में।। ----------------------------------------------------------- किसी को आबाद, किसी को करता है तू बर्बाद। तुम्हें कहूँ जिंदाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन---------------------------(4) टपकती है बारिश में, क्यों बिल्डिंगे ये सरकारी। बिखरती है बारिश में, क्यों ये सड़कें सरकारी।। कमीशन के बांध - ब्रिज, क्या होते हैं इतने फौलाद। तुम्हें कहूँ जिंदाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन--------------------------(4) करवाना है काम जल्दी तो, कमीशन देना होगा। बिना कमीशन फ़ाइल पर, कोई साइन नहीं होगा।। देखो कमीशन वाले, कितने निडर है और आजाद। तुम्हें कहूँ जिन्दाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन--------------------------।। बन गए कमीशन से, कम वर्षों में महल वाले। अब चलते हैं कारों में, कल पैदल चलने वाले।। कमीशन की दौलत से, करें मौज उनकी औलाद। तुम्हें कहूँ जिन्दाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन----------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #हाय हाय रे कमीशन
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी लागत गाँवो में खेतों से निकलती नही धंधे पानी की सूरत वहाँ जमती नही मेहनत की कीमत कोई लगती नही चल पड़ता है कारवाँ शहरों की ओर खो जाता है चमक दमक में खुद अपना भाग्य आजमाता है कोई चढ़ता है तरक्की के आसमान कोई नॉकरी चाकरी तक रह जाता है पहचान यहाँ ,मतलब की है शहरों में कमीशन के बल पर फलता फूलता है इस तरह जीना जिसको आ गया वो ही सफलता की ओर बढ़ता जाता है प्रवीण जैन पल्लब ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status कमीशन के बल पर फलता फूलता है शहर #nojotohindipoetry
#Sad_Status कमीशन के बल पर फलता फूलता है शहर #nojotohindipoetry #कविता
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