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Sujata Sonkamble
नाते हे अनमोल ठरतात जेव्हा त्यात मैत्रीच बीज रुजतात ©Sujata Sonkamble नातं #सुजाता
नातं #सुजाता
read morePushpa Sharma "कृtt¥"
pramod malakar
भाग..5.. शीर्षक..राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह हो रहे थे """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" राघव और सुजाता एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे। लेकिन सुजाता को उसकी मां अच्छा संस्कार दी थी और अपने धर्म और समाज के संस्कृति के बारे में भी बहुत कुछ बताई थी । शर्मा जी के आम के बागान में राघव और सुजाता के बीच जब नोकझोंक हो रहा था, उस वक्त गांव का एक लड़का आम के पेड़ के पीछे छुप कर सब कुछ सुन रहा था । सुनकर वह चुपके से सुजाता की मां को आकर दो बात जोड़कर और तेल लगा कर शिकायत कर दिया।सुनने के बाद सुजाता की मां घर से खजूर की झाड़ू लेकर घर से निकल ही रही थी कि सुजाता दरवाजे के पास पहुंची... सुजाता की मां अपने गुस्से को काबू में नहीं र ख सकी और सुजाता को आठ-दस झाड़ू दे मारी। फिर गुस्से से सुजाता के सर के बाल को पकड़ी और खींचते हुए घर के अंदर लेकर आ गई।बाहर अड़ोस पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए और एक दुसरे से कानाफूसी करने लगे।एक ने कहा बेटी को बहुत पढ़ाने का शौक है इसे शादी कर अपना घर भेज देना चाहिए । दस मूंह दस बातें चरितार्थ हो रही थी । घर के अंदर आत ही सुजाता की मां जोर-जोर से रोने लगी...... सुजाता मां से बोली.....मां मैंने क्या किया है..... जो मुझे मारी भी और खुद भी रो रही है । मेरे बारे में कोई कुछ उल्टा पुल्टा बोला है क्या मुझे बताओ....!!मां बोली...... तुम कभी पीपल के पेड़ के नीचे..कभी आम के बागान में जाकर राघव से क्यों मिलती हो?गांव के सभी लोग तुम्हारे बारे में कानाफूसी करते रहते हैं! तुम्हारा शिकायत मैं नहीं सुन सकती ! मुझे अपनी बेटी का शिकायत गांव के लोगों से सुनना नहीं पड़े। यह मुझे गवारा नहीं। """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" आगे भाग...6...जरूर पढ़ें...प्रमोद मालाकार की कलम से 24.07.2021....94.... """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""".""""""""""" ©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...94... #OneSeason
#Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...94... #OneSeason #लव
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भाग..3..शिर्सक.......राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह हो रहे थे। """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" पूजा खत्म होने पर सभी लोग प्रसाद खाकर अपने -अपने घर चले गए । राघव भी जाने लगा..इतने में सुजाता की मां बोली बेटा सुनो..... तुम सलोनी का देवर हो ना....राघव.... जी चाची! सुजाता की मां... पगला कहीं का सलोनी मेरी चाचा ससुर की पोती है... तू तो मेरा दामाद लग गया! इतना कहकर सुजाता की मां बोली.. ठीक है जाओ फिर आना!राघव एक बार पीछे मुड़कर सुजाता को देखकरमुस्कुराया और चला गया..........! एक दिन सुजाता पढ़ने कॉलेज जा रही थी , रास्ते में राघव मिल गया,बोला चलो मैं कॉलेज तक तुम्हें छोड़ देता हूं!सुजाता बोली....नहीं.... गांव वाले देखेंगे तो क्या कहेंगे ! फिर भी राघव साथ-साथ चुपचाप चलता रहा और कॉलेज तक छोड़कर वापस लौट गया। फिर शाम के वक्त सुजाता का घर गया और सुजाता की मां को प्रणाम करते हुए बोला चाची कैसी हो..... सुजाता की मां.....बेटा मैं ठीक हूं.....तुम पढ़ाई नहीं करते क्या..राघव..चाची मैं अभी m.a.फाइनल ईयर में हूं इसके बाद m.ed भी करना है.......सुजाता की मां.......बेटा बहुत अच्छा!सुजात इसी बीच मजाक उड़ाते हुएबोली......m.a. कर रहा है और m.ed भी करेगा... देखने में तो पूरा बकलोल लगता है... इतना बोल कर सुजाता छत पर भाग जाती है! """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" आगे भाग...(4) पढ़ें...प्रमोद मालाकार की कलम से 24.07.2021...92... """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" ©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...93... #DearCousins
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भाग..8.शीर्षक.....राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह हो रहे थे """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" माधव बोला... नहीं मां जी ठीक है...मैं आप से कुछ मांगने आया हूं।सुजाता की मां बोली...बेटा साफ-साफ बोलो..मैं समझी नहीं! माधव बोला.......मां जी आप अपनी बेटी सुजाता को मेरे घर का बहू बना दीजिए ! मेरा छोटा भाई राघव बहुत ही होनहार और समझदार है ! सुजाता की शादी अपने छोटे भाई राघव से करना चाहता हूं ! अंदर कमरे में बैठी सुजाता यह सब सुन रही थी और मन ही मन खुश ही होज्ञ रही थी । फिर सुजाता कमरे से बाहर निकली और मां के समीप आ गई। मां सुजाता को देखते ही बोली. ... बेटी दामाद जी आए हैं... बिस्कुट और पानी लेकर आ...अपना घर पहली बार आए हैं!माधव बोला... .मां जी आपने मेरा प्रश्न का उत्तर नहीं दिया!मां बोली..........बेटा मैं ठहरी गरीब.. किसी तरह कमाकर अपना और बेटी का पेट भर लेती हूं। बेटी को दहेज देने के लिए मैं पैसा कहां से लाऊंगी।माधव बोला... .मां जी मुझे सिर्फ आपकी लक्ष्मी बिटिया सुजाता चाहिए और फूटी कौड़ी भी नहीं! सुजाता की मां मुरझाए मन से बोली......फिर भी बेटा.....बेटी को खाली हाथ शादी कैसे कर सकती हूं और बेटी को खाली हाथ कैसे भेज सकती हूं।सुजाता के बाबा भी नहीं है। 4 साल के उम्र में ही बेटी को छोड़कर दुनिया से चले गए।माधव बोला......मां जी... आपने बचपन से आज तक बेटी को पाला , खिलाया- पिलाया, पढ़ाया-लिखाया, सुजाता के सभी इक्षा की पुर्ती की । क्या आप सुजाता पर किए गए सभी खर्च वापस ले सकती हैं......नहीं!आप आज तक का सारा खर्च जो आप सुजाता पर किए हैं जोड़ लें..... यही मेरा दहेज है! यह सब मेरा ही तो है! आपके द्वारा सुजाता पर किया गया सारा खर्च आपकी बेटी के शरीर पर ही तो है! """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" आगे का भाग ...9... फढें..............प्रमोद मालाकार की कलम से 24.07.2021...97... """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" ©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...97... #DearCousins
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भाग..4.. शीर्षक.. राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह हो रहे थे """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" कुछ दिन बाद गांव के दक्षिण में शर्मा जी के आम के बागान में राघव और सुजाता दोनों एक पेड़ के नीचे बैठा बात कर रहा था।दोनों के बीच दूरियां अच्छी खासी थी । राघव बोला तुम इतनी दूर क्यों बैठी हो.. और करीब आ जाओ!सुजाता बोली....नहीं मैं यहीं पर ठीक हूं.... आने जाने वाले लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे....! सुजाता काफी समझदार थी और अपने परिवार का मान सम्मान को सम्भाल कर रखना जानती थी।राघव बोला....सुजाता मैं तुमसे एक बात बोलना चाहता हूं...क्या तुम सुनना पसंद करोगी....सुजाता बोली....क्यों नहीं...बोलो क्या बोलना है ? राघव चुपचाप मन में सोच रहा था दिल की बात मैं सुजाता से कैसे बताऊं। सुजाता बोली......बोलोगे भी या चुप ही रहोगे ? राघव बहुत हिम्मत जूटाते हुए बोला...... मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं..!!सुजाता सुनते ही बोल पड़ी....तुम पगला गए हो क्या....मेरा परिवार नहीं है जो मैं अपने मनसे फैसला लूंगी... मेरा शादी का फैसला मेरी मां करेगी ! इतना बोल कर गुस्साए मूड में जाने लगी! राघव दौड़ता हुआ सुजाता के पास पहुंचा और उसका हाथ पकड़ कर कहने लगा मुझे माफ कर दो मैं तुम्हें समझ नहीं पाया....!! सुजाता बोली तुम मेरे जाति के हो, मेरे धर्म के हो इसलिए मैं तुम्हारे पास बैठकर बात कर रही हूं और इसीलिए दोस्ती भी की है......और तुम........ इतना कहकर सुजाता राघव का हाथ झटक कर अपनी घर की ओर चल पड़ी...!! """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" आगे भाग... 5...जरूर पढ़ें.प्रमोद मालाकार की कलम से 24.07.2021....93... """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""''"""" ©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...94... #DearCousins
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