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Nirankar Trivedi
गुरु वह होता है जो हमे अंधकार से प्रकाश में लाता है |और आजकल ऐसे गुरु का मिलना बड़ा ही मुश्किल होता जा रहा है |क्योंकि अब गुरु नहीं प्रोफेसर और टीचर ज्यादा है | मैं अपने जीवन में गुरु अपने माता पिता को ही मानता हूं क्योंकि जीवन उपयोगी उन्हीं से ही मिलता है |जब भी हम कहीं जाते हैं तो उनके दिये गये संस्कार से मेरी एक अलग पहचान रहती है | #गुरु कौन है |
#गुरु कौन है |
read moreAklesh Yadav
वेदव्यास महाभारत के रचयिता थे ©Aklesh Yadav #klrahul महाभारत के रचयिता कौन थे
Aklesh Yadav
वाल्मीकि जी रामायण के रचयिता थे ©Aklesh Yadav #klrahul रामायण के रचयिता कौन थे
Aklesh Yadav
तुलसीदास रामचरितमानस के रचयिता थे ©Aklesh Yadav #klrahul रामचरितमानस के रचयिता कौन थे
Manyu Manish
गुरु वो होता है जो सीख देने तक चरित्र को ऊंचा उठाने तक परीक्षा उत्तीर्ण करने योग्य बनाने तक सीमित नहीं होता, गुरु वो होता है जो अनन्य प्रेम, संरक्षण, ज्ञानदान, जीवन जीने की कला प्रदान करता है भावनात्मक संबल, बौद्धिक विकास देता है, और कभी सिर से हाथ नहीं हटाता। @मन्यु #गुरु कौन होता है
#गुरु कौन होता है
read moreHANAMANT YADAV (कवीराज)
भगतसिंह कौन थे।... खुब लडे थे रत्न यहापर, ये किस्से इतिहास ने कहे थे। गर जेल जानेवाले वीर थे, तो बतावो भगतसिंह तुम कौन थे।... मौत को सामने देख, कुछ परींदे उडे थे। गले लगाने मौत को, कुछ शेर खडे थे। शहादत पे तेरी सलाम ठोकने वाले, चोर सारे मौन थे। गर जेल जानेवाले वीर थे, तो बतावो भगतसिंह तुम कौन थे।... माफी मांगता गर तू भगतसिंह, तो पैरोमे तेरे ताज होता। शियासती दल्लोंके बीच, उजागर तुभी आज होता। पर पुरी आझादी के ख्वाब मे, तेरे आरमां लहुलुहान थे।... गर जेल जानेवाले वीर थे, तो बतावो भगतसिंह तुम कौन थे।... ये शियासत अब तु ही बता, रत्न होने कि अहेमीयत क्या है। फांसी पर झुले उन शहीदोंकी, शहादत कि अहेमियत क्या है। आखो मे खौप लिए चुपचाप होनेवाले, गर रत्नों के खादान थे। तो हसते हसते फांसीपर झुलनेवाले, शहीद भगत सिंह कौन थे।... कवीराज। ९०२१०३४९१७. भगतसिंह कौन थे।...
भगतसिंह कौन थे।... #poem
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