Find the Latest Status about सत्पथ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सत्पथ.
Shipra Pandey ''Jagriti'
सम्मान हमेशा (1) सत्पथ पे बढ़ते रहना, निडरता से डटे रहना अटल रहना कर्म पे अडिग रहना धर्म (इंसानियत) पे सम्मान हमेशा पाओगे..। (2) रणभूमि में वीर का दुश्मन के निकट शमशीर का पावन गंगा के नीर का सनातन संस्कृति का वीर प्रसूता जननी का सम्मान हमेशा हुआ है..! (3) वीर शिवा का दृढ़पतिज्ञ राणा का कर्ण/ कृष्ण/अर्जुन का सत्यनिष्ठ युधिष्ठिर/हरिश्चन्द्र का सम्मान हमेशा होता रहेगा..! (4) भारतीय संस्कृति औ साहित्य का कबीर/तुलसी/ सूर रसखान और रहीम का सम्मान हमेशा होता रहा है, सम्मान हमेशा होतु रहेगा..!! शिप्रा पाण्डेय ' जागृति' ©Kshipra Pandey (1) सत्पथ पे बढ़ते रहना, निडरता से डटे रहना अटल रहना कर्म पे अडिग रहना धर्म (इंसानियत) पे सम्मान हमेशा पाओगे..। (2) रणभूमि में वीर का
(1) सत्पथ पे बढ़ते रहना, निडरता से डटे रहना अटल रहना कर्म पे अडिग रहना धर्म (इंसानियत) पे सम्मान हमेशा पाओगे..। (2) रणभूमि में वीर का #PoetInYou
read moreVikas Sharma Shivaaya'
इब्राहिम बल्ख के बादशाह थे, सांसारिक विषय- भोगों से ऊबकर वे फकीरों का सत्संग करने लगे। बियाबान जंगल में बैठकर उन्होंने साधना की । एक दिन उन्हें किसी फरिश्ते की आवाज सुनाई दी, ‘मौत आकर तुझे झकझोरे, इससे पहले ही जाग जा । अपने को जान ले कि तू कौन है और इस संसार में क्यों आया है। ‘ यह आवाज सुनते ही संत इब्राहिम की आँखों से अश्रुधारा बहने लगी। उन्हें लगा कि बादशाहत के दौरान अपने को बड़ा मानकर उन्होंने बहुत गुनाह किया है। वे ईश्वर से उन गुनाहों की माफी माँगने लगे। एक दिन वे राजपाट त्यागकर चल दिए । निशापुर की गुफा में एकांत साधना कर उन्होंने काम, क्रोध, लोभ आदि आंतरिक दुश्मनों पर विजय पाई। वे हज यात्रा पर भी गए और मक्का में भी पहुँचे हुए फकीरों का सत्संग करते रहे। एक दिन वे किसी नगर में जा रहे थे कि चौकीदार ने पूछा, ‘तू कौन है?’ उन्होंने जवाब दिया, ‘गुलाम । ‘ उस चौकीदार ने फिर पूछा, ‘तू कहाँ रहता है, तो इस बार जवाब मिला, ‘कब्रिस्तान में ।’ सिपाही ने उन्हें मसखरा समझकर कोड़े लगा दिए, पर जैसे ही उसे पता चला कि वे पहुँचे हुए संत इब्राहिम हैं, तो वह उनके पैरों में गिरकर क्षमा माँगने लगा। संत ने कहा, ‘इसमें आखिर क्षमा माँगने की क्या बात है? तूने ऐसे शरीर को कोड़े लगाए हैं, जिसने बहुत वर्षों तक गुनाह किए हैं। ‘ कुछ क्षण रुककर उन्होंने कहा, ‘सारे मनुष्य खुदा के गुलाम हैं और गुलामों का अंतिम घर तो कब्रिस्तान ही होता है।’ विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 945 से 956 नाम ) 945 रुचिरांगदः जिनकी अंगद(भुजबन्द) कल्याणस्वरूप हैं 946 जननः जंतुओं को उत्पन्न करने वाले हैं 947 जनजन्मादिः जन्म लेनेवाले जीव की उत्पत्ति के कारण हैं 948 भीमः भय के कारण हैं 949 भीमपराक्रमः जिनका पराक्रम असुरों के भय का कारण होता है 950 आधारनिलयः पृथ्वी आदि पंचभूत आधारों के भी आधार है 951 अधाता जिनका कोई धाता(बनाने वाला) नहीं है 952 पुष्पहासः पुष्पों के हास (खिलने)के समान जिनका प्रपंचरूप से विकास होता है 953 प्रजागरः प्रकर्षरूप से जागने वाले हैं 954 ऊर्ध्वगः सबसे ऊपर हैं 955 सत्पथाचारः जो सत्पथ का आचरण करते हैं 956 प्राणदः जो मरे हुओं को जीवित कर सकते हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' इब्राहिम बल्ख के बादशाह थे, सांसारिक विषय- भोगों से ऊबकर वे फकीरों का सत्संग करने लगे। बियाबान जंगल में बैठकर उन्होंने साधना की । एक दिन उन
इब्राहिम बल्ख के बादशाह थे, सांसारिक विषय- भोगों से ऊबकर वे फकीरों का सत्संग करने लगे। बियाबान जंगल में बैठकर उन्होंने साधना की । एक दिन उन #समाज
read moreSuvesh Shukla 'CHANDRA'
#ramdharisinghdinkar #inspirational सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ् #बात
read more