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Brandavan Bairagi "krishna"
विश्व कविता दिवस 21 मार्च, के अवसर पर सभी साहित्य साधकों को हार्दिक बधाई शुभकामनाएं। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
read moreTrilokinath Sharma
World Poetry Day 21 March बहुत कुछ समाया हुआ है मेरी कविताओं में मैने अपना दर्द छिपाया है अपनी कविताओं में वैसे तो वो मेरे पास पास बैठती नहीं है पर नजदीक भी आयी है मेरी कविताओं में लोगो के लिए वो आम खास इंसान जैसी है पर मैंने उसे रब बनाया है अपनी कविताओं में वैसे तो मैं ज़िन्दगी में जुदाई का ग़म झेल रहा हूं पर मैंने जश्न मनाया है अपनी कविताओं में सपने भी मेरे है गहरी रात जैसे पर मैंने चढ़ता हुआ सूरज दिखाया है अपनी कविताओं में वैसे तो उसने चिट्ठी पत्र भेजा नहीं पर उसका कई बार खत आया है मेरी कविताओं में।। ✍️त्रिलोकीनाथ विश्व कविता दिवस।
विश्व कविता दिवस।
read moreराधे
लिख कर जज़्बात खुद को बयां कर दिया हद देखिए कलम की,दे कर साथ खुद को कुर्बान कर दिया ✍️ विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ©राधे #Likho #विश्व कविता दिवस
Manisha Keshav https://www.audible.in/pd/Jab-Tera-Zikr-Hota-Hai-When-You-Are-Mentioned-Audiobook/B0D94RCK97
Kavita Bhardwaj
मैं और मेरी व्यथित सी कविता कभी उन्मुक्त, कभी लोभी स्वभाव सी कभी सिमटे हकीकत में कभी रूहानी ख्वाब सी अपनी व्यथा के संकोच से मुक्त जीवन तारने वाली सदा बोले हक के खातिर कभी ना हारने वाली उसका स्पर्श निश्चल मन को हर्षित कर देने वाला जले तो अंधकार मिटाने के खातिर स्वभाव सबकी पीड़ा मिटाने वाला विस्तृत है इसकी संवेदनाओं का दर्पण कर देती स्वयं को, इस बोझिल मन को अर्पण निस्वार्थ ही बह उठती लेकर एक नई जिजीविषा कभी एक गुजरा लम्हा, तो कभी ख्याल भर है मैं और मेरी व्यथित सी कविता..। ©Kavita Bhardwaj #alone #विश्व कविता दिवस
Rajendra Kumar Ratnesh
#कविता मन की शांति में लिप्त होकर, शब्दों को समेटे, धो- धोकर। करते जागृत,खंडित जहां मानवता है। हो अलंकार ऐसी, वह कविता है। - राजेन्द्र कुमार मंडल सुपौल ( बिहार) ©Rajendra Kumar Ratnesh #विश्व कविता दिवस #WorldPoetryDay
#विश्व कविता दिवस #WorldPoetryDay #लव
read moreHariom Kumar
मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी। राम सिया राम सिया राम जय जय राम।। सत्य सनातन धर्म है हम सबका, सुन लो ए मेरे भाई। आज हम सबके लिए गर्व है, यह शुभ घड़ी जो है आई।। कोटि-कोटि नमन है उनको, अब मेरे राम लला तंबू उठ घर में आए। शिलान्यास का हो कार्य पूर्ण, अब होने चला राम मंदिर निर्माण।। जन जन से है मेरी यही पुकार, चलो, चले हो रहा अब नव भारत का निर्माण। जो भी आये तेरे द्वार खड़े, ये मत समझो वो मांग रहे हैं चंदा।। अरे उनको तुम क्या दोगे, वो तो खुद में हैं एक चंदा। चंदा सिर्फ एक बहाना है, घर घर जा राम मंदिर निर्माण कराना है।। हर कण-कण में रग रग में, बसते हैं मेरे प्रभु श्री राम। राम नाम ले हो जाता है सफल, कितना भी हो बिगड़ा काम।। मेरे संग में चल रे डगरिया, भगवा रंग में रंगा है यह अयोध्या नगरिया मुझ संग तुम भी जप लो नाम, जय श्री राम जय श्री राम, जय सियाराम जय जय सियाराम।। मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी। राम सिया राम सिया राम जय जय राम।। हरि ओम शर्मा. 9139287948 ©Hariom Kumar विश्व कविता दिवस #कविताप्रेमी♥️ द
विश्व कविता दिवस कविताप्रेमी♥️ द
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