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Sunita Shanoo
जब दुनिया की चकाचौंध आँखों की रोशनी कम कर दे तो समझ लेना चाहिए, अब इंसान अंधा हो गया है, और इस अंधेपन के शिकार लोग अभिमान को स्वाभिमान समझकर खाली हाथ रह जाया करते हैं, बाजारवाद
बाजारवाद
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी उदारीकरण की विफल हुयी व्यवस्था मगर संसाधन के आदी होकर दुनिया हाथ अब मलती है छूट गये काम धंधे,मंदी चहुँ ओर पसरी है पेशेवरो के पास जमा हो गयी राष्ट्र की अपार संपत्ति जनता हाथ अब मलती है प्राइवेट सब कर के उनके उत्पादों की मनमानी कीमत वसूलती है हाइजेक है सभी सरकारे नतमस्तक उनके सामने होती है लोकतंत्र और समाजवाद सब पीछे छूटा गुलामी के दौर में एक बार फिर हम दूध आटे पर भी जजिया कर देते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho उदारीकरण की विफल हुयी व्यवस्था #nojotohindi
#Likho उदारीकरण की विफल हुयी व्यवस्था #nojotohindi #कविता
read moreVidhi
थर की रेत को कश्मीरी हवा उड़ा चली उत्तर की आँखों में बारूद भर गयी दक्खिन के पैर तो तूफानों से डगमगा गए बीच वाले तो पेट की भूख तले सब कुछ ही चबा गये खान खलिहान सब तो जंगल में ही था तो मशाल जलाने दिल्ली का दिल क्यों आया पूरब के श्रम को पश्चिम क्यों रास आया क्या अपने खेत वो बेच आया? इस्पात की नगरी में वो अपना हड़पिंजर बेच आया कपास की मिट्टी में वो अपनी किस्मत बो आया.... #भारत #उदारीकरण #बाजारीकरण #नवउपनिवेशवाद #NeoColonism #PostLiberalization #MillenialIndia #YQbaba #YQdidi
Sultan Mohit Bajpai
मुफ़िल़िसी आग़ बनकर तैरती है ,क्यों हज़ारों पर ये कैसा ज़ुर्म है , दिन – रात होता, है द़यारों पर मेरी ही फ़स्ल से , मेरा ही क़ुनब़ा है, बे–आस़ूदा मेरा गेहूं, बज़ारों में, है उनका हक़, बजारों पर ©Sultan Mohit Bajpai बाजारवाद🤷 #Nojoto #nojotohindi #Hindi #SAD #Love #Poetry #Music #poem #sultan_mohit_bajpai #talaash
बाजारवाद🤷 #nojotohindi #Hindi #SAD Love Poetry #Music #poem #sultan_mohit_bajpai #talaash #शायरी
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी सृष्टि के श्रंगार और निर्माण की अद्भुत कला थी नारी नर की पौरुषता को,निखारती थी नारी जननी सभ्यताओं की पाठशाला संस्कृति की थी परिस्थितियों से संघर्ष कर शिवाजी और महाराणा प्रताप बनाती नारी आज गमो में घुटकर लाचार दिखती नारी घरों से बहार निकलकर,आजादी की दुहाई देती नारी टूट रहे परिवार परवरिश से,उदण्डता पनप रही है मापदंडों पर दोहरी भूमिका, बेचारी नारी दो पाटो में चक्की की तरह पिस रही है बाजार बाद की अवधारणाओं में, नारी की कीमत अक रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lonely बाजारवाद की अवधारणा में,नारी की कीमत अक रही है #lonely
Anuj Ray
सिगरेट और और.... हां, देख कर दुख जरूर होता है, कि अभी-अभी होठों से लगी थी और अभी, पैरों के तले, शायद वो बनी ही थी जलाके मसलने के लिए, शायद उसकी नियति यही थी। ©Anuj Ray #सिगरेट और और....
Kaushambhi Dixit
Relations are compensations for living Kinda fetters suffocating you till death Objectified soul subjected to claims Aloof from the world yet full of world Knocking my head asking the same question again and again "Do they all have a right on me more than I do ?" मैं और, और जग और ,कहाँ का नाता?🖤
मैं और, और जग और ,कहाँ का नाता?🖤
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