Find the Latest Status about khawao ek khan pan from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, khawao ek khan pan.
अंकुर दा
भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने एक पॉडकास्ट में बताया है कि एक एयरपोर्ट पर मैं, मनदीप सिंह, हरमनप्रीत सिंह और देश के 5- 6 हॉकी खिलाड़ी खड़े थे और वहीं थोड़ी दूरी पर डॉली चायवाला खड़ा हुआ था तो लोग डॉली चायवाला के साथ फोटो ले रहे थे जबकि हमारे हॉकी प्लेयर्स को पहचान भी नहीं रहे थे। और अगर इनकी जगह क्रिकेट वाले होते तो ? वैसे गजब देश है हमारा बाकी आपका इसपे क्या कहना है 🤔🫢🤔 ©अंकुर दा yahi hai Bharat dogla pan hindu ka vinasak
yahi hai Bharat dogla pan hindu ka vinasak
read morePAWAN GUPTA
White Dhundta Raha Tujhe Main Sardiyo Ki Dhundh Main Tu Kahi Bhi Najar Na Ayi Log Kehte Hai Pagal Hu Main, Mere Pagal Pan Main Tu Logo Ko Najar Ayi..... ©PAWAN GUPTA #Pagal Pan
#Pagal Pan
read morePAWAN GUPTA
White Ek Wakt Aisa Bhi Tha Ki Sab Kuch Tha Pas Mere Ek Wakt Aisa Bhi Hai Ki Kuch Bhi Nahi Hai Pas Mere Fir Ek Wo Wakt Ayega Ki Sab Kuch Hoga Pass Mere..... ©PAWAN GUPTA #Ek Wakt
#Ek Wakt
read more*#_@_#*
White हर दिन इंतज़ार एक शाम का... हर रात पैरहन, उलझन, वेदना और भी बहुत कुछ, फिर हर सुबह सबकुछ रखकर किनारे चल देना किसी ऐसे सफर पर, जिसकी मंज़िल फिर से वही अनमनी शाम है, जिसके पहलू में वक्त है, लेकिन जरा सा, आंखें हैं थोड़ी बुझी सी, स्मृतियाँ हैं कुछ धुंधली - सी स्वप्न नहीं है लेकिन राख है, बात नहीं है लेकिन याद है, उम्मीद है या नही, ठीक से नहीं कह सकते लेकिन जैसे हैं उम्र भर ऐसे भी नहीं रह सकते, फिर भी अब स्वप्न की चाह नहीं, सच कहें तो, कोई राह नहीं, आंसू बहते हैं तो पोंछ लेती हूँ, सांसों से बगावत कर लूँ यहाँ तक सोच लेती हूँ, लेकिन फिर.... कुछ नहीं... कहीं कुछ भी नहीं... न आस, न विश्वास न इच्छा न प्रयास अब डर भी 1[ लगता, न कुछ कहने की इच्छा ही है अपनों से नहीं तो गैरों से क्या शिकायत हो, मन के थक जाने के बाद कैसे बगावत हो, विरोध के लिए सामर्थ्य चाहिए, बहस के लिए शब्द, और तर्क भावना का कहीं कोई महत्व नहीं, वह सर्वत्र तिरस्कृत ही होती है, और मुझमें तो सदैव से भावना ही प्रधान है फिर तर्क कहाँ से लाऊँ, इसलिए मैने चुन लिया है अश्रुओं से सिंचित मौन को बोलने दो इस संसार को, होता है तो होने दो परिहास प्राणों का, मन का, और अंततः आत्मा का भी.... _sneh .................. ©*#_@_#* #ek sham
#Ek sham
read moreJashvant
White मिरे लिए कौन सोचता है जुदा जुदा हैं मिरे क़बीले के लोग सारे जुदा जुदा सब की सूरतें हैं सभी को अपनी अना के अंधे कुएँ की तह में पड़े हुए ख़्वाहिशों के पिंजर हवस के टुकड़े हवास रेज़े हिरास कंकर तलाशना हैं सभी को अपने बदन की शह-ए-रग में क़तरा क़तरा लहू का लावा उंडेलना है सभी को गुज़रे दिनों के दरिया का दुख विरासत में झेलना है मिरे लिए कौन सोचता है सभी की अपनी ज़रूरतें हैं मिरी रगें छिलती जराहत को कौन बख़्शे शिफ़ा की शबनम मिरी उदासी को कौन बहलाए किसी को फ़ुर्सत है मुझ से पूछे कि मेरी आँखें गुलाब क्यूँ हैं मिरी मशक़्क़त की शाख़-ए-उरियाँ पर साज़िशों के अज़ाब क्यूँ हैं मिरी हथेली पे ख़्वाब क्यूँ हैं मिरे सफ़र में सराब क्यूँ हैं मिरे लिए कौन सोचता है सभी के दिल में कुदूरतें हैं ©Jashvant #हवस के टुकड़े puja udeshi Ek Alfaaz Shayri Andy Mann Mukesh Poonia vineetapanchal Dr.Mahira khan
#हवस के टुकड़े puja udeshi Ek Alfaaz Shayri Andy Mann Mukesh Poonia vineetapanchal Dr.Mahira khan
read more