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Varsha sirra

ek Teri ek meri

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Tinku

ek bewafa

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Vicky Malhotra

Apna pan

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mumbai color work

Abe sab tyohar ek din ek sath

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Ishq Ishq

pagal pan

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अंकुर दा

yahi hai Bharat dogla pan hindu ka vinasak

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भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने एक पॉडकास्ट में बताया है कि एक एयरपोर्ट पर मैं, मनदीप सिंह, हरमनप्रीत सिंह और देश के 5- 6 हॉकी खिलाड़ी खड़े थे और वहीं थोड़ी दूरी पर डॉली चायवाला खड़ा हुआ था तो लोग डॉली चायवाला के साथ फोटो ले रहे थे जबकि हमारे हॉकी प्लेयर्स को पहचान भी नहीं रहे थे। और अगर इनकी जगह क्रिकेट वाले होते तो ?

वैसे गजब देश है हमारा बाकी आपका इसपे क्या
 कहना है 🤔🫢🤔

©अंकुर दा yahi hai Bharat dogla pan hindu ka vinasak

PAWAN GUPTA

#Pagal Pan

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White Dhundta Raha Tujhe Main Sardiyo Ki Dhundh Main
Tu Kahi Bhi Najar Na Ayi Log Kehte Hai
Pagal Hu Main,
Mere Pagal Pan Main Tu Logo Ko Najar Ayi.....

©PAWAN GUPTA #Pagal Pan

PAWAN GUPTA

#Ek Wakt

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White Ek Wakt Aisa Bhi Tha Ki Sab Kuch Tha Pas Mere
 Ek Wakt Aisa Bhi Hai Ki Kuch Bhi Nahi Hai Pas Mere 
Fir 
Ek Wo Wakt Ayega Ki Sab Kuch Hoga Pass Mere.....

©PAWAN GUPTA #Ek Wakt

*#_@_#*

#Ek sham

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White हर दिन इंतज़ार एक शाम का... 
हर रात पैरहन, उलझन, वेदना और भी बहुत कुछ, 
फिर हर सुबह सबकुछ रखकर किनारे 
चल देना किसी ऐसे सफर पर, 
जिसकी मंज़िल फिर से वही अनमनी शाम है, 
जिसके पहलू में वक्त है, लेकिन जरा सा, 
आंखें हैं थोड़ी बुझी सी, स्मृतियाँ हैं कुछ धुंधली - सी
स्वप्न नहीं है लेकिन राख है, 
बात नहीं है लेकिन याद है, 
उम्मीद है या नही, ठीक से नहीं कह सकते
लेकिन जैसे हैं उम्र भर ऐसे भी नहीं रह सकते, 
फिर भी अब स्वप्न की चाह नहीं, 
सच कहें तो, कोई राह नहीं, 
आंसू बहते हैं तो पोंछ लेती हूँ, 
सांसों से बगावत कर लूँ यहाँ तक सोच लेती हूँ, 
लेकिन फिर.... 
कुछ नहीं... 
कहीं कुछ भी नहीं... 
न आस, न विश्वास न इच्छा न प्रयास 
अब डर भी 1[ लगता,
न कुछ कहने की इच्छा ही है 
अपनों से नहीं तो गैरों से क्या शिकायत हो, 
मन के थक जाने के बाद कैसे बगावत हो, 
विरोध के लिए सामर्थ्य चाहिए, 
बहस के लिए शब्द, और तर्क 
भावना का कहीं कोई महत्व नहीं, 
वह सर्वत्र तिरस्कृत ही होती है, 
और मुझमें तो सदैव से भावना ही प्रधान है
फिर तर्क कहाँ से लाऊँ, 
इसलिए मैने चुन लिया है अश्रुओं से सिंचित मौन को 
बोलने दो इस संसार को, 
होता है तो होने दो परिहास 
प्राणों का, मन का, और अंततः आत्मा का भी....





_sneh 




..................

©*#_@_#* #ek sham

Jashvant

#हवस के टुकड़े puja udeshi Ek Alfaaz Shayri Andy Mann Mukesh Poonia vineetapanchal Dr.Mahira khan

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