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Stories related to माशुक फिलम

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punesh

फिलम #सस्पेंस

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Manish Nagar

[ मां और माशुक ] #OpenPoetry #poem

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#OpenPoetry [ मां और माशुक ]

मां और माशुक जब लड़ते हुऐ आऐ
कि दोनों में सें मुझ‌पे किसका अधिकार चाहिए,
मां का दुलार चाहिए या माशुक का प्यार चाहिए,
मुझे दलीलों को दोनों कि सुनना था,
मगर आखिरी फैसले में किसी एक को चुनना था,

दोनों ही अलग सी हैं अलग ऊन सें बनीं दो डोरियां,
मगर क्या कहता बंधा मन मेरा दोनों सें हैं,
धर्म संकट था की बंधन किसके साथ रखना था,
मुझे दोंनों को एक साथ बुनना था,
मगर आखिरी फैसले में किसी एक को चुनना था, [ मां और माशुक ]
#openpoetry

Zack Gaming Karan

हिंदी फिलम के हीरो है बे हम 👑 #suspense

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Hardik Netsurf

फिलम मां वरसाद आवेने तो वातावरण टोमेंटिक थई जाय अने...😭🤔🤪😂 #फ़िल्म

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Hemu Meena

जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है, वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं,

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जितने  भी  जख्म  थे 
 सबको  सहलाने  आये  है 
वो  माशुक  खंजर  के  सहारे  
मरहम  लगाने  आये  हैं जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है,
वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं,

Ajay Prakash

लगता है वहाँ भी कोई फिलम बन रही है इसीलिए जमीं के सितारे टूटकर फ़लक पर जा रहे है

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लगता है वहाँ भी कोई फिलम बन रही है
इसीलिए जमीं के सितारे टूटकर
फ़लक पर जा रहे है
✍✍ लगता है वहाँ भी कोई फिलम बन रही है
इसीलिए जमीं के सितारे टूटकर
फ़लक पर जा रहे है

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#Sad_shayri आजकल मुझको आती हिचकियाँ हर्गिज़ नहीं,ऐसा लगता है,अब उसको मेरी जरूरत नहीं//१ वादे वफा तो बहुत किए थे उसने आज बातो बातो मे कह दिय #Live #writersofindia #poetsofindia #shamawritesBebaak

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Nadbrahm

बिहार की माटी से एक मांझी थे दशरथ मांझी सब जानते हैं ना वो फिलम भी आया रहा जबतक तोड़ेंगे नही तब तक छोडेंगे नही । वही जुनून वही समर्पण वही जिद #nojotostory #गाथा #रामचंद्रमाँझी #पद्मपुरस्कार

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भोजपुरी के सिद्धस्त नाट्यकार भिखारी ठाकुर के साथी हैं ये बाबा राम चन्द्र मांझी लौंडा नाच की विधा में बचपन से अब 96 वर्ष तक अर्पित कर चुके। 
कला को अपना जीवन अपनी साँसे देकर जीवित रखने वाले ये साधर दिखते जोगी हैं। जिनका जोग लगा है कला के नृत्य नाट्य विधा से । पद्म पुरस्कार धन्य हुआ आप को पा कर ।

©BK Mishra बिहार की माटी से एक मांझी थे दशरथ मांझी सब जानते हैं ना वो फिलम भी आया रहा जबतक तोड़ेंगे नही तब तक छोडेंगे नही । वही जुनून वही समर्पण वही जिद
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