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नवनीत ठाकुर
उम्मीदों में जिनसे था इश्क़, वही दर्द दे गए, हमने कभी नहीं लिया बदला, फिर भी ग़म दे गए। खामोशी में छुपी थी, एक गहरी साज़िश की ख़ुशबू, जो कभी नहीं कहा, वही राज़ सर्द कर गए। आँखों में जो जज़्बात थे, वो अब सीने से निकल आए, जो कभी नहीं कहा, वही सच्चाई अब उजागर हो जाए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर उम्मीदों में जिनसे था इश्क़, वही दर्द दे गए, हमने कभी नहीं लिया बदला, फिर भी ग़म दे गए। खामोशी में छुपी थी, एक गहरी साज़िश की
#नवनीतठाकुर उम्मीदों में जिनसे था इश्क़, वही दर्द दे गए, हमने कभी नहीं लिया बदला, फिर भी ग़म दे गए। खामोशी में छुपी थी, एक गहरी साज़िश की
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Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए। जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ
#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ
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'Zikar Aur Fiqar Ka Marhala , Ek Shaks Ki Ilteja: #status #soulconnection "ज़िक्र और फ़िक्र का मरहला, एक शख़्स की इल्तिजा। ये एहसास दिल के
read moreनवनीत ठाकुर
White गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना तो हुआ, कुछ चेहरे पहचानने गए। इक हल्की सी लहर ने सारा दरिया हिला दिया, वक्त की शिद्दत से कुछ अरमाँ तक उड़ने गए। जो साथ थे कभी, अब दिलों में दूरियाँ बन गईं, लेकिन उन दूरियों से कुछ रिश्ते नया रंग लेने गए। अल्फाज़ वो जो कभी मुस्कान से बयाँ होते थे, वो अब चुप्पियों में छुप कर रह जाने गए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
#नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
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"Khamushi Ki Taqat" Aur "Chamak Ka Khatra" 🙌💯🗯️ खामोशी की अपनी एक अलग ताकत होती है, जो लफ्ज़ों से कहीं ज्यादा असर छोड़ती है। लेकिन इस खामोश
read moreनवनीत ठाकुर
लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, मगर खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर। ©नवनीत ठाकुर #लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, लेकिन खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, व
#लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, लेकिन खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, व
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🇨🇮 जय हिन्द 🇨🇮 *सभी परिवारजनों को राम राम जी* राष्ट्रीय हित का गला घोट कर, छेद ना करना थाली में । मिट्टी वाले दिए जलाना, अबकी बार दिवाली में ।। देश के धन को देश में रखना, नहीं बहाना नाली में । मिट्टी बाले दिए जलाना, अबकी बार दिवाली में ।। बने जो अपनी मिट्टी से बो, दीये बिके बाजारो में । छुपी है वैज्ञानिकता अपनी, सभी तीज त्यौहारों में ।। चाइनीज झालर से आकर्षित, सब कीट पतंगे आते है । जबकि दिए में जलकर सब, बरसाती कीड़े मार जाते है ।। कार्तिक दीप दान से बदले, मित्र दोष खुशहाली में । मिट्टी बाले दिए जलाना, अबकी बार दिवाली में । ©IG @kavi_neetesh #CandleLight कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता देशभक्ति कविताएँ 🇨🇮 जय हिन्द 🇨🇮 *सभी परिव
#CandleLight कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता देशभक्ति कविताएँ 🇨🇮 जय हिन्द 🇨🇮 *सभी परिव
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