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Homendra Kumar
कछुए की उड़ान कछुओं का एक राजा था।उसे राजा बृहस्पति के विवाह का निमंत्रण मिला।वह आलसी था।फलतः घर पर ही रह गया। विवाह के उत्सव में सम्मिलित नही हुआ।बृहस्पति नाराज हो गए।उन्होंने कछुओं को पीठ पर अपना घर ढोने का साप दे दिया। एक समय एक बड़े तालाब में एक कछुआ रहता था।उसमे अनेक राजहंश भी रहते थे। उनकी उड़ान कछुए को बहुत अच्छी लगती थी। वह भी। ©Homendra Kumar #Colors कविता की कहानी।#कहानी
Vivek
कहानी हमारी नही होती उन हालातों की होती है जिन हालातों में रहकर हम निखरें हैं ज्वाला बने हैं,, हम कितने गहरे होंगे कितने विशाल होंगे ये निर्भर करता है हम कहां उगते हैं उसी तरह इंसान के संस्कार, त्याग, तप, निर्भर करते हैं वो किस हालात में किन स्थितियों में रहता है!! ©Vivek #कहानी हालातों की #कहानी हमारे बनने बिगड़ने की #
Rajesh pratap Singh
चांद भी क्या कमाल का है कुछ दिन पहले दिखा तो लाखों बकरों की जान ले ली अब आज दिखेगा तो लाखों बकरों की उम्र बढ़ जाएगी इं . राजेश प्रताप सिंह
चांद भी क्या कमाल का है कुछ दिन पहले दिखा तो लाखों बकरों की जान ले ली अब आज दिखेगा तो लाखों बकरों की उम्र बढ़ जाएगी इं . राजेश प्रताप सिंह #nojotophoto
read moreDR. LAVKESH GANDHI
चुना था सिर्फ तेरी आवाज वो भी बिना तुझे देखे चाहा था सिर्फ तेरी हंसी मिले मुझे सिर्फ तेरी ख़ुशी नसीब को कुछ और भी मंजूर था तेरे मेरे रिश्ते के पीछे मंथरा का हाथ था बात मान गई केकैयी ख़त्म हो गई तेरी मेरी कहानी # कहानी# # जीवन की कहानी# #yqjindgikasafer #yqlifefeelings
# कहानी# # जीवन की कहानी# yqjindgikasafer yqlifefeelings
read moreshaurya valvaikar
दिल के न अरमान पूरे हुए न पूरे हुए आँखों देखे सपने हर तरफ से धोखा ही मिला और छोड़ गए साथ जो थे अपने। सांस भी अब नही आती न आ रही है मौत मुझे लफ़्ज़ों से बहे लहू मेरा आँसू भी आंखों में ठहर से गये। जिंदगी तो मेरी बेमतलब की थी बेआबरू तू उसने किया कहता था पलकों में सवारूँगा उसीने मेरी इज्जत को चोहराये पे नंगा किया। कहानी एक आँख की#nojoto#कहानी
कहानी एक आँख कीnojoto#कहानी
read morePooja Udeshi
hi दोस्तों मेरा आने वाला liveshow हैं timing --12 march 4.30pm शाम निर्भया की कहानी पूजा उदेशी की जुबानी A tribute to निर्भया ये बहुत संजीदा topic हैं इसलिए no हॅसी मजाक in between आप ध्यान से show देखना तो आप को मालूम चलेगा कैसे निर्भया ने मौत से अंत तक संघर्ष किया और उसकी माँ ने उसे न्याय दिलवाने मे कितने साल इन्तज़ार किया ये सच्ची कहानी हैं मेरी जुबानी तो ज्यादा से ज्यादा टिकट खरीद कर उत्साह बढ़ाए thank you आपकी दोस्त ©POOJA UDESHI #सच्ची कहानी निर्भया की कहानी पूजा उदेशी की जुबानी
#सच्ची कहानी निर्भया की कहानी पूजा उदेशी की जुबानी
read moreXYZ INDORI
इंदौर में सोहन नाम का एक व्यक्ति रहता था जिसके दो बच्चे थे जिनका नाम करण और आकाश था करण बहुत ही शरारती बच्चा था और आकाश पढ़ाई में बहुत ही ध्यान लगाता था एक समय की बात थी करण पढ़ाई नहीं करता था तो उसके पापा बहुत उसे मारते थे पीटते थे जभी भी वह पढ़ाई नहीं करता था उसके पापा ने उसे हॉस्टल में डाल दिया। आकाश पढ़ाई में मन तो लगाता था पर बहुत ही कम उसके पापा उसकी सारी बातें सुनते थे उसे बहुत ही आगे बढ़ाने के लिए उसके पापा अपने सपने संजोए रखते थे पर वहां कम उम्र में ही शराब सिगरेट और अनेक प्रकार की नशे के नशे का आदी हो गया जब उसके पापा को पता चला तो उन्होंने कुछ नहीं कहा क्योंकि उसके पापा को आकाश पर बहुत भरोसा था परंतु आकाश 12वीं पास हो गया उसके बाद कॉलेज गया और वहां पर भी शराब का सेवन करता था उसे कॉलेज से भी निकाल दिया था परंतु उसके पापा को बहुत ही विश्वास था कि मेरा बच्चा यह नहीं कर सकता और आकाश अब छुप छुप कर नशे का सेवन करता था अब वह अपनी कॉलेज पास कर ली और उसे नौकरी कोई नहीं दे रहा था क्योंकि उसके चरित्र अच्छा ना होने के कारण और शराब का आदि होने के कारण और शराब की बदबू आने लगती थी इसलिए उसे नौकरी नहीं मिली और उसके पापा ने उसे मजदूरी करने लगा दिया आकाश का भाई हॉस्टल में बहुत ही शरारती के कारण वहां खेलकूद मैं बहुत ही आगे था और हमेशा अनेक इनाम ट्रॉफी जीत कल आता था और एक दिन वह मध्य प्रदेश राज्य मैं उसे क्रिकेट मैच के लिए बुलाया और वह प्रथम आया और उसकी टीम जीत गई उसे सरकार द्वारा 50,000 का इनाम दीया और उसे इंडियन लेवल पर आगे जाने के लिए प्रोत्साहित किया एक समय मैं करण इंडियन लेवल पर और अंतरराष्ट्रीय लेवल पर उसने बहुत ही सारी ट्रॉफी जीती और भारत के भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया उसके पापा कम उम्र में ही उससे रिश्ते नाते तोड़ दिए थे एक दिन जब वहां अपने घर आया तो पापा ने उसे नहीं पहचाना उसने बोला कि आप कौन हो बच्चे की आंखों में आंसू भर आए रोते हुए बोला पापा आपने मुझे नहीं पहचाना मैं करण हूं आपका वही शरारती बच्चा आज मैं इंदौरी क्रिकेटर के नाम से पूरे अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में मेरी प्रसिद्धि है । और उसके पापा रोते हुए बोले बेटा मुझे माफ कर दो मेरे से गलती हो गई मुझे दोनों पर बराबर ध्यान देना था आज तूने मेरा नाम गर्व से ऊंचा कर दिया। दोस्त आपको यह कहानी कैसी लगी और इस से क्या शिक्षा मिली है आप अपने कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं मैं आपके लिए ऐसी अनेक सारी कहानियां लाता रहूंगा। ©Ranvijay indori #शिक्षा पर कहानी भेदभाव की कहानी
#शिक्षा पर कहानी भेदभाव की कहानी
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